Wednesday, April 17, 2024
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अमेरिका पर बरसते हुए रूसी PM ने कहा, 'खास ताकतों' का इस्तेमाल कर देंगे करारा जवाब

रूस के प्रधानमंत्री ने दमित्री मेदवेदेव अमेरिका को प्रतिबंध बढ़ाने पर शुक्रवार को कड़ी चेतावनी दी।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: August 10, 2018 17:04 IST
Russian Prime Minister Dmitry Medvedev warns US against ramping up sanctions | AP File- India TV Hindi
Russian Prime Minister Dmitry Medvedev warns US against ramping up sanctions | AP File

मॉस्को: रूस के प्रधानमंत्री ने दमित्री मेदवेदेव अमेरिका को प्रतिबंध बढ़ाने पर शुक्रवार को कड़ी चेतावनी दी। मेदवेदेव ने कहा कि मॉस्को आर्थिक, राजनीतिक और ‘अन्य’ अज्ञात माध्यमों से वॉशिंगटन को इसका करारा जवाब देगा। मेदवेदेव ने यह बयान अमेरिका के नए प्रतिबंधों का संकेत दिए जाने के बाद दिया जिसे क्रेमलिन रेड लाइन के तौर पर देखता है। अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण रूस की मुद्रा रूबल पिछले 2 वर्षों में सबसे निचले स्तर पर चली गई है और दोनों देशों के बीच तनाव में इजाफा हुआ है।

अमेरिकी विदेश विभाग ने गुरुवार को बताया कि वॉशिंगटन ने इस हफ्ते कहा था कि मॉस्को ने नोविचोक नर्व एजेंट जहर का इस्तेमाल रूस के पूर्व जासूस सर्गेई स्क्रीपल और उनकी बेटी पर ब्रिटेन के सैलिसबरी शहर में किया था और इस महीने के अंत तक प्रतिबंध लगाए जाएंगे। जहर देने के मामले में संलिप्तता से रूस ने पूरी तरह इंकार किया है। विदेश विभाग के मुताबिक प्रतिबंधों में रूस को कई सामान खरीदने के लिए निर्यात लाइसेंस नहीं दिया जाएगा। कुछ खबरों में संकेत दिया गया कि संभावित प्रतिबंधों में रूस के सरकार नियंत्रित बैंकों को निशाना बनाया जा सकता है और डॉलर में उनके लेन-देन पर रोक लगाई जा सकती है जिससे रूस की अर्थव्यवस्था को गहरा झटका लग सकता है।

मेदवेदेव ने अमेरिका को चेतावनी दी कि इस तरह की पहल से वह खतरे की सीमा रेखा को पार कर जाएगा। उन्होंने कहा, ‘अगर बैंक के कामकाज या मुद्रा के प्रयोग जैसे प्रतिबंध लगाए जाते हैं तो इसे आर्थिक युद्ध की घोषणा माना जाएगा। और इसका आर्थिक तरीके से, राजनीतिक तरीके से और जरूरत पड़ी तो दूसरे माध्यमों से जवाब दिया जाएगा। हमारे अमेरिकी दोस्तों को इसे समझना चाहिए।’ मेदवेदेव का कड़ा बयान राष्ट्रपति ब्लादिमिर पुतिन और उपराष्ट्रपति के बयान से भिन्न है जिन्होंने अमेरिकी प्रतिबंधों के रूस की अर्थव्यवस्था पर असर को तवज्जो नहीं देने का प्रयास किया।

अमेरिका के नए प्रतिबंधों की घोषणा से रूस की मुद्रा और स्टॉक मार्केट पर बुरा असर पड़ा है। शुक्रवार को शुरुआती दौर में रूबल अगस्त 2016 के बाद सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया। शीत युद्ध के बाद से रूस अमेरिका के बीच संबंध काफी खराब हुए हैं। यूक्रेन, सीरिया में लड़ाई और 2016 के अमेरिकी चुनावों में रूस के हस्तक्षेप के आरोपों के कारण उनके संबंधों में दरार आई है। मेदवेदेव ने कहा कि अमेरिका कहता है कि प्रतिबंधों का उद्देश्य रूस के ‘खराब’ बर्ताव के लिए उसे दंडित करना है लेकिन उसका असली लक्ष्य अपने प्रतिद्वंद्वी को दरकिनार करना है। उन्होंने कहा, ‘उसका उद्देश्य रूस को अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य से कड़े प्रतिद्वंद्वी के तौर पर हटाना है।’

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