Friday, March 29, 2024
Advertisement

बाजवा ने संभाला पद, राहील ने कश्मीर मुद्दे पर भारत को दी चेतावनी

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के विशेषज्ञ जनरल कमर जावेद बाजवा ने आज पाकिस्तान के नए सैन्य प्रमुख का पदभार संभाल लिया। उन्होंने जनरल राहील शरीफ की जगह ली है। शरीफ ने भारत को

India TV News Desk India TV News Desk
Published on: November 29, 2016 16:03 IST
raheel sharif warn india in kashmir dispute- India TV Hindi
raheel sharif warn india in kashmir dispute

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के विशेषज्ञ जनरल कमर जावेद बाजवा ने आज पाकिस्तान के नए सैन्य प्रमुख का पदभार संभाल लिया। उन्होंने जनरल राहील शरीफ की जगह ली है। शरीफ ने भारत को कश्मीर मुद्दे पर आक्रामक रूख अपनाने के खिलाफ चेतावनी दी है। जनरल राहील शरीफ ने रावलपिंडी में सैन्य मुख्यालय के नजदीक स्थित आर्मी हॉकी स्टेडियम में आयोजित एक समारोह में सेना की कमान बाजवा को सौंपी। सैन्यकर्मियों की संख्या के मामले में पाकिस्तानी की सेना दुनिया की छठी सबसे बड़ी सेना है।

प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने शनिवार को बाजवा को चार सितारा जनरल के तौर पर पदोन्नत कर सैन्य प्रमुख नियुक्त किया। राहील ने जनवरी में घोषणा की थी कि वह सेवा विस्तार नहीं लेंगे और निर्धारित तारीख को सेवानिवृत्त हो जाएंगे। यह अटकलें थी कि पीएमएल-एन की सरकार अंतिम समय में उन्हें विस्तार दे देगी जिसके पीछे यह तर्क दिया जाएगा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में देश को उनकी जरूरत है। पाकिस्तान में सैन्य प्रमुख काफी शक्तिशाली होता है।

अपने अंतिम भाषण में 60 वर्षीय जनरल राहील ने क्षेत्र में आक्रामक रूख अपनाने के खिलाफ भारत को चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि हाल के महीनों में कश्मीर में भारत का बढ़ता आतंकवाद और आक्रामक रूख क्षेत्र को खतरे में डाल रहा है। राहील ने कहा कि भारत को यह पता होना चाहिए कि सहनशक्ति की हमारी नीति को हमारी कमजोरी समझना खतरनाक होगा। उन्होंने कहा, यह वास्तविकता है कि दक्षिण एशिया में कश्मीर मुद्दा हल होने तक दीर्घकालिक शांति और प्रगति कायम होना असंभव है। इसके लिए इस मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय बिरादरी को खास ध्यान देना होगा।

जनरल राहील शरीफ ने इस बात पर जोर दिया कि राष्ट्र की प्रगति के लिए संस्थानों को मिलकर काम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा, बाहरी और आतंरिक खतरों से निबटने के लिए सभी संस्थानों को मिलकर काम करने की जरूरत है। इसके लिए हमें राष्ट्रीय कार्ययोजना का पालन करना होगा। खतरे चाहे आंतरिक हों या बाहरी सेना इनके प्रति हमेशा सतर्क रहती है। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय अमन की खातिर मुद्दों का हल राजनीतिक तरीकों से निकालना होगा।

उनके मुताबिक क्षेत्र में अमन सुनिश्चित करने के लिए चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा एक प्रमुख कारक है। राहील ने कहा, ग्वादर बंदरगाह से पहला कार्गो रवाना हो चुका है और यह इस बात का संकेत है कि अब यह यात्रा नहीं रोकी जा सकती। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, अब समय आ गया है कि सीपीईसी के दुश्मन इसके खिलाफ काम करना बंद कर दें और इसका हिस्सा बन जाएं।

 

Latest World News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Asia News in Hindi के लिए क्लिक करें विदेश सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement