Saturday, April 20, 2024
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डोकलाम के बाद बॉर्डर पर चीन ने अपने सैनिकों को इस खतरनाक हथियार से किया लैस

वेस्टर्न थियेटर कमान भारत से लगती 3,488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा की जिम्मेदारी संभालती है...

Bhasha Reported by: Bhasha
Published on: February 23, 2018 18:21 IST
Chinese Army | AP Photo- India TV Hindi
Chinese Army | AP Photo

बीजिंग: चीन ने भविष्य की ‘सूचना प्रौद्योगिकी आधारित लड़ाई’ की तैयारी के लिए भारत से लगी सीमा पर तैनात PLA की एक शाखा को अमेरिकी शैली वाले इंटीग्रेटेड इंडिविजुअल सोल्जर कॉम्बैट सिस्टम से लैस किया है। मीडिया की खबरों में ऐसा कहा गया है। हाल के वर्षो में चीन सेना युद्ध के मैदान में IT, डिजिटल और आर्टिफिशियल इंटेलीजेस ऐप्लिकेशंस के इस्तेमाल के लिए ‘सूचना प्रौद्योगिकी आधारित युद्ध’ शब्द का इस्तेमाल करने लगी है। चाइना सेंट्रल टेलीविजन (CCTV) से संबद्ध शाखा वीहुटांग ने खबर दी है कि वेस्टर्न थियेटर कमान में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के स्पेशल ऑपरेशन फोर्सेज के स्काई वुल्फ कमांडो को उनके प्रशिक्षण में QTS-11 सिस्टम से लैस किया गया है।

वेस्टर्न थियेटर कमान भारत से लगती 3,488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा की जिम्मेदारी संभालती है। चीनी विशेषज्ञों के अनुसार QTS-11 अमेरिकी सैनिकों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाले सिस्टम की तरह है। चीनी सैन्य विशेषज्ञ सोंग जोंगपिंग ने सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स से कहा कि ‘दुनिया में सबसे मजबूत व्यक्तिगत आग्नेयास्त्र’ बताए जाने वाला QTS-11 न केवल आग्नेयास्त्र पर काबू पा लेता है बल्कि यह खोज एवं संवाद सुविधाओं से लैस पूरी तरह डिजिटलाइज्ड सोल्जर कॉम्बैट सिस्टम है। राइफल और 20 मिलीमीटर ग्रेनेड लॉन्चर वाला यह सिस्टम लक्ष्य के अंदर के सैन्यकर्मियों को नष्ट करने में सक्षम है। सोंग ने कहा कि अमेरिका और चीन का यह सिस्टम एक जैसा है लेकिन इनकी तुलना नहीं की जा सकती। स्पेशल ऑपरेशन फोर्स इस सिस्टम को परखने वाली पहली सैन्य इकाई है। बाद में उसे अन्य इकाइयों में ले जाया जाएगा।

भारत के साथ लगती वास्तविक नियंत्रण रेखा पर इस नए सिस्टम की तैनाती की सरकारी मीडिया की घोषणा से कुछ दिन पहले वहां एयर सप्लाई को भी अपग्रेड करने की खबर आई थी। इसे यहां सैन्य पर्यवेक्षक PLA द्वारा मनोवैज्ञानिक युद्ध अख्तियार करने के रुप में देखते हैं। ग्लोबल टाइम्स ने पहले एक विशेषज्ञ के हवाले से खबर दी थी कि LAC पर J-10 और J-11 जैसे लड़ाकू विमानों की तैनाती का लक्ष्य भारत द्वारा नए लड़ाकू विमान की खरीद के आलोक में उससे उत्पन्न खतरे से निबटने पर लक्षित है। यह संभवत: भारत के राफेल विमानों की खरीद के संदर्भ में था। चीनी सेना ने 73 दिनों तक चले डोकलाम गतिरोध के दौरान मीडिया में जोर-शोर से अपना प्रचार अभियान चलाया था।

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