Saturday, April 20, 2024
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सोने की खदान के बहाने अरुणाचल पर बुरी नजर? चीन ने दिया यह जवाब

मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया था कि यह कदम अरुणाचल प्रदेश को फिर से अपना बनाने की चीन की एक महत्वकांक्षी योजना का हिस्सा है...

IANS Reported by: IANS
Published on: May 21, 2018 17:49 IST
China says gold mine operation in Tibet close to Arunachal is its sovereign right | FMPRC.GOV.CN- India TV Hindi
China says gold mine operation in Tibet close to Arunachal is its sovereign right | FMPRC.GOV.CN

बीजिंग: चीन ने सोमवार को मीडिया में आई उन रिपोर्ट्स को 'आधारहीन' बताया जिसमें उस पर आरोप लगाया गया है कि वह अरुणाचल प्रदेश की विवादित सीमा के अपने हिस्से में सोने का खनन कर रहा है। साथ ही, चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि 'हांगकांग के 'द साउथ चाइना मार्निग पोस्ट' की खबर में जिस इलाके का जिक्र किया गया है, वह चीन का क्षेत्र है और वह अपने इस क्षेत्र में वैज्ञानिक और भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण करने का अधिकार रखता है।

'द साउथ चाइना मार्निग पोस्ट' की रिपोर्ट में कहा गया था कि चीन ने हिमालय में भारत के साथ विवादित सीमा पर अपने क्षेत्र में बड़े पैमाने पर खनन अभियान शुरू किया है। चीन के भूवैज्ञानिकों का मानना है कि हिमालय के हिस्से में में करीब 60 अरब डॉलर का सोना, चांदी और अन्य कीमती खनिजों का बड़ा खजाना है। इस खबर के सामने आने के बाद माना जा रहा था कि चीन की बुरी नजर खुदाई के बहाने अरुणाचल प्रदेश पर है, जिसे वह दक्षिणी तिब्बत कहता रहा है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लु कांग ने कहा, ‘जिस इलाके का जिक्र खबर में किया गया है, वह पूरे तरीके से चीन का इलाका है। चीन नियमित रूप से अपने क्षेत्र में वैज्ञानिक और भूवैज्ञानिक अनुसंधान करता रहा है। चीन ने हमेशा पारिस्थितिकीय पर्यावरण की सुरक्षा को विशेष महत्व दिया है। हमें आशा है कि संबंधित मीडिया आधारहीन खबरों को उछालने से दूर रहेगा।’ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया था कि यह कदम अरुणाचल प्रदेश को फिर से अपना बनाने की चीन की एक महत्वकांक्षी योजना का हिस्सा है।

लु ने कहा,’चीन-भारत सीमा पर चीन स्थिति पूरी तरह से साफ है। चीन कभी भी कथित अरुणाचल प्रदेश को मान्यता नहीं देगा। बीजिंग और नई दिल्ली सीमा मुद्दे को सुलझाने के लिए संवाद कर रहे हैं और एक न्यायसंगत व निष्पक्ष समाधान की तलाश कर रहे हैं। समस्या के समाधान से पहले, हमें आशा है कि भारत दोनों देशों के बीच के समझौतों को मानेगा, वास्तविक नियंत्रण रेखा को मानेगा, बात को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाने को रोकेगा और सीमावर्ती इलाकों में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए चीन के साथ संयुक्त रूप से कार्य करेगा।’

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