अफ्रीकी देश सूडान में 11 महीने से हिंसक लड़ाई के कारण भूख का संकट गहरा गया है। इसे लेकर यूएन की मानवीय सहायता एजेंसियां अलर्ट हो गई हैं। भुखमरी के कारण 1.8 करोड़ लोगों के सामने पेट भरने का संकट खड़ा हो गया है। 7 लाख बच्चे कुपोषण का शिकार हो गए हैं।
संघर्ष रोकने के संबंध में एक प्रस्ताव ब्रिटेन ने सुरक्षा परिषद में पेश किया जिसमें 15 सदस्यीय परिषद में से 14 देशों ने समर्थन में मत डाला और केवल रूस इस दौरान मौजूद नहीं था।
अफ्रीकी देश सूडान में भीषण कत्लेआम की खबर है। जानकारी के अनुसार बेई के सूचना मंत्री बुलिस कोच ने बताया कि दक्षिण सूडान के वार्रप राज्य के हथियारबंद लोगों ने शनिवार को गांव पर हमला कर दिया।
सूडान में पिछले कुछ महीनों से अर्धसैनिक बल 'रैपिड सपोर्ट फोर्सेज' सूडानी सेना के खिलाफ युद्ध लड़ रहा है, जिसके चलते देश के लाखों लोग विस्थापित हुए हैं।
सूडान में हिंसा का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। पिछले कुछ समय से जारी हिंसा में 800 आम नागरिकों को मौत के घाट उतारा जा चुका है। इन सभी नागरिकों की मौत मिलिशियाई लड़ाकों के हमले में हुई है। संयुक्त राष्ट्र ने इस हिंसा में हो रही आम नागरिकों की मौत पर गहरी चिंता जाहिर की है।
सूडान में खूनी संघर्ष थमने का नाम नहीं ले रहा है। फिर से शुरू हुई जंग में गोलीबारी के दौरान 11 लोगों की मौत हो गई है और 90 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। कई घायलों की हालत काफी गंभीर बताई जा रही है।
सूडान की सेना और अर्धसैनिक बल फिर एक दूसरे के आमने-सामने हैं। दोनों पक्षों में संघर्ष के दौरान राजधानी खार्तूम पर बड़ा ड्रोन हमला किया है। हमले के बाद आसमान में ऊंचाई तक काला धुआं उठते देखा जा सकता है। इस हमले में कम से कम 30 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है। मौतों की संख्या अभी बढ़ सकती है।
सूडान की सेना और अर्धसैनिक बल फिर से आमने-सामने हैं। सूडान के शीर्ष सैन्य जनरल ने अर्धसैनिक बलों पर युद्ध अपराध करने का आरोप लगाया है। इससे दोनों सुरक्षा बलों के बीच गहरे मतभेद पैदा हो गए हैं। ऐसी स्थिति में सूडान में गृह युद्ध छिड़ने की आशंका जाहिर की जा रही है।
सूडान में लगातार मानवाधिकारों का पतन होता गया है। इस दौरान सूडान में अत्याचार और अराजकता का बोलबाला है। इसी बीच मानवधिकार सूमूहों ने सूडान में इसके खिलाफ कदम उठाने को कहा हैे। साथ ही अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र से सूडानी नेताओं पर प्रतिबंध लगाने को कहा है।
पूर्वी सूडान में दर्दनाक विमान हादसे में 9 लोगों की जान चली गई है। मरने वालों में 4 सैन्यकर्मी भी बताए जा रहे हैं। विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद देर तक घटनास्थल से आसमान में काला धुआं उठता रहा।
सूडानी सेना ने जानकारी दी कि एंटोनोव प्लेन दुर्घटनाग्रस्त होने से पहले उड़ान भर रहा था। इस दौरान प्लेन में कुछ खराबी आ गई जिस कारण प्लेन हादसे का शिकार हो गया।
सूडान में 15 अप्रैल से ही लगातार हिंसा देखने को मिल रही है। सेना और अर्धसैनिक बलों के बीच का तनाव एक खुली लड़ाई में बदल गया है।
यह हमला राजधानी के शहरी इलाकों और सूडान में अन्य जगहों पर सेना और रैपिड सपोर्ट फोर्सेज के नाम के अर्धसैनिक समूह के बीच हुई सबसे घातक झड़पों में से एक है।
सूडानी सशस्त्र बलों ने पैरामिलिट्री फोर्स के साथ 24 घंटे के संघर्ष विराम पर सहमति की घोषण की है। वैसे हाल के समय में सूडान में पहले भी कई बार संघर्ष विराम लागू हो चुके हैं, लेकिन झड़पें कम नहीं हुईं।
सूडान में भूख और बीमारी से तड़पकर 71 बच्चों की दर्दनाक मौत ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया है। संयुक्त राष्ट्र संघ भी इस दर्दनाक वाक्ये से हैरान है। इस बीच 300 से अधिक बच्चों को भूख और बीमारी से बचाने के लिए सुरक्षित ठिकाने पर ले जाया गया है।
सूडान की सेना ने अपने राजदूत को संयुक्त राष्ट्र से हटाने को लेकर पत्र लिखा है। सूडानी सेना ने राजदूत पर पक्षपाती होने का आरोप लगाया है।
संयुक्त राष्ट्र के मानवीय मामलों के समन्वय कार्यालय (यूएनओसीएचए) ने कहा है कि सूडान में जारी संघर्ष के कारण इथियोपिया पहुंचने वाले लोगों की संख्या 25,700 से अधिक हो गई है। यूएनओसीएचए ने अपनी नवीनतम रिपोर्ट में कहाकि पिछले कुछ सप्ताह में सूडान से लोग रोजाना इथियोपिया आ रहे हैं।
सूडान के सैन्य प्रमुख ने प्रतिद्वंद्वी अर्धसैनिक बल से संबंधित सभी बैंक खातों के लेनदेन पर रोक लगाने का आदेश दिया है। पूरे सूडान में में दोनों पक्षों के बीच हफ्तों से संघर्ष जारी है।
सूडानी सेना और अर्धसैनिक रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (आरएसएफ) के बीच चल रहे संघर्ष को समाप्त करने के लिए दोनों पक्षों ने समझौता कर लिया है। दोनों पक्षों ने यह समझौता संघर्ष में सूडानी नागरिकों को नुकसान से बचाने के लिए सऊदी बंदरगाह शहर जेद्दा में किया है। इसके तहत एक समझौते पर दोनों पक्षों ने हस्ताक्षर किए हैं।
सूडान के चिकित्सकों के संगठन की ओर से जारी बयान में कहा गया कि जनरल अब्देल फताह बुरहान नीत सेना और जनरल मोहम्मद हमदान दालगो नीत रैपिड सपोर्ट फोर्स के बीच हिंसा हुई थी जिसमें कम से कम 481 आम नागरिक मारे गए।
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