अमेरिका में भी राम भक्तों का उत्साह चरम पर है। इसी बीच अमेरिका में शिकागो से भव्य राम मंदिर रथयात्रा निकाली जाएगी। जो कि 48 राज्यों के 851 मंदिरों में जाएगी। यह सफर 60 दिनों का रहेगा।
Jagannath Rath Yatra 2023: आज भगवान जगन्नाथ की भव्य रथ यात्रा निकाली जा रही है। रथ यात्रा को लेकर लोगों की गहरी आस्था है। कहते हैं कि रथ के दौरान भगवान जगन्नाथ नगर भ्रमण के लिए निकलते हैं, जिसमें भक्त बढ़चढ़ कर हिस्सा लेते हैं।
20 June 2023 Ka Panchang: जानिए मंगलवार का पंचांग, राहुकाल, शुभ मुहूर्त और सूर्योदय-सूर्यास्त का समय
मंगलवार (20 जून) को भगवान जगन्नाथ की 146वीं रथयात्रा गुजरात के अहमदाबाद में निकलने वाली है। इसको लेकर पुलिस और प्रशासन अलर्ट है और पहली बार इसमें एंटी ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा।
Rath Yatra 2023: हर साल पुरी समेत देश के अन्य शहरों में धूमधाम से जगन्नाथ जी की भव्य रथ यात्रा निकाली जाती है। रथ यात्रा को लेकर हिंदू धर्म में कई तरह की मान्यताएं प्रचलित हैं। तो यहां जानिए रथ यात्रा की तारीख, टाइम और मंदिर से जुड़ी अन्य बातों के बारे में।
अक्कलकोट शहर से वागदारी में ग्राम देवता परमेश्वर यात्रा उत्सव के दौरान थेर (रथ) खींचना एक धार्मिक आयोजन था। इसमें रविवार की रात रथ का पहिया फिसलने से हुए हादसे में दो श्रद्धालुओं की मौत की दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटी।
Amit Shah: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि उसकी सरकारों ने गुजरात में अपने शासनकाल के दौरान भगवान जगन्नाथ की वार्षिक रथयात्रा निकालने पर तीन बार प्रतिबंध लगाया था, जो यह दर्शाता है कि वे लोगों को सुरक्षा प्रदान करने में सक्षम नहीं थे।
Udaipur Murder Case: उदयपुर में कर्फ्यू जारी रहेगा। इसी बीच शहर में आज शुक्रवार को जगन्नाथ रथ यात्रा निकाली जाएगी। इसे लेकर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक गुरुवार को हुई थी।
Jagannath Rath Yatra 2022: स्नान यात्रा के बाद पारंपरिक रूप से देवताओं को बीमार माना जाता है और उन्हें राज वैद्य की देखरेख में एकांत में स्वस्थ होने के लिए रखा जाता है।
ओडिशा में कोविड-19 से 63 और मौतों के कारण राज्य में संक्रमण से मरने वालों की संख्या सोमवार को बढ़कर 4,662 हो गई, जबकि दैनिक मामलों की संख्या लगभग तीन महीनों में पहली बार 2,000 के आंकड़े से नीचे आई है।
भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा आज से शुरू हो गई है। जगन्नाथ पुरी और अहमदाबाद दोनों जगहों पर यात्रा निकाली जा रही है। कोरोना महामारी में ये दूसरी बार है जब श्रद्धालुओं की मौजूदगी के बिना भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकाली जा रही है।
विश्व प्रसिद्ध भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा का हिंदू धर्म में खास महत्व है।
भगवान जगन्नाथ की वार्षिक रथ यात्रा के लिए 48 घंटे से भी कम समय बचे होने के बीच पुरी जिला प्रशासन ने सभी आगंतुकों को होटल, लॉज और अतिथि गृहों को खाली करने का निर्देश दिया क्योंकि ओडिशा सरकार ने सोमवार को होने वाले महा उत्सव में जन भागीदारी पर प्रतिबंध लगा दिया है।
पुरी में भगवान जगन्नाथ की वार्षिक रथ यात्रा का उत्सव शुक्रवार को भगवान के 'नव यौवन दर्शन' के साथ शुरू हो गया, जिसके दौरान 'अनासरा घर' में 14 दिन रहने के बाद उनकी युवावस्था की पूजा की जाती है। उत्सव शुरू होने के मद्देनजर, राज्य सरकार ने 11 जुलाई से पुरी शहर में कर्फ्यू लगाने की घोषणा की।
ओडिशा सरकार ने शनिवार को कहा कि इस साल वार्षिक रथयात्रा उत्सव श्रद्धालुओं की भीड़ के बगैर ही होगा और उन्हें रथ के मार्ग में छतों से भी रस्म देखने की अनुमति नहीं होगी।
ओडिशा में 12 जुलाई को निर्धारित वार्षिक रथ यात्रा से एक माह पहले राज्य सरकार ने बृहस्पतिवार को घोषणा की कि इस साल भी श्रद्धालुओं को उत्सव में हिस्सा लेने की अनुमति नहीं होगी। यह उत्सव कोविड-19 संबंधी प्रोटोकॉल के सख्त अनुपालन के बीच केवल पुरी में आयोजित होगा।
ओडिशा में कोविड-19 मामलों में वृद्धि को देखते हुए श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) ने 12वीं शताब्दी के इस मंदिर में भक्तों का प्रवेश 15 मई तक रोकने का शनिवार को फैसला किया।
कोरोना के मद्देनजर इस्कॉन मंदिर के बाहर ही सांकेतिक तौर पर रथ पूजा का आयोजन किया गया था जहां बड़े रथो की बजाए तीन चार फुट छोटे रथ ही रखे गए। नुसरत जहां ने रीति-रिवाजों के साथ यहां पर रथ पूजा की।
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने लोगों से सुप्रीम कोर्ट के आदेश और कोविड-19 संबंधी दिशा-निर्देशों का पालन कर भगवान जगन्नाथ की पुरी में वापसी की रथयात्रा सफल बनाने की अपील की।
ओडिशा के पुरी में सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों के अनुरूप भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा की रथयात्रा निकाले जाने के एक दिन बाद पुलिस ने बुधवार को लोगों से इस धार्मिक नगरी में नहीं आने का अनुरोध किया है।
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