अजित डोवाल ने ये भी कहा है कि कजाखिस्तान के अस्ताना में आयोजित एससीओ सदस्य देशों की बैठक में आतंकवाद समेत विभिन्न मुद्दों पर अहम बयान दिया है। डोवाल ने इस क्षेत्र में फैले आतंकी नेटवर्क के खात्मे के लिए मजबूत कदम उठाने का भी समर्थन किया है।
इजरायल-हमास युद्ध के दौरान पीएम मोदी ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को इजरायल भेजकर कई देशों को चक्कर में डाल दिया है। दरअसल पीएम मोदी ने पश्चिम एशिया में शांति के मकसद से डोभाल को इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू से मिलने भेजा था।
भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल इन दिनों सऊदी अरब की यात्रा पर हैं। इस दौरान उन्होंने जेद्दा में शुरू हुए यूक्रेन शांति शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया। 24 फरवरी 2022 को रूस ने यूक्रेन पर आक्रमण किया था जिसमें दोनों पक्षों के हजारों लोग मारे गए हैं।
एनएसए ने ब्रिक्स के अपने समकक्षों और ब्रिक्स देशों के मित्रों के साथ कई द्विपक्षीय बैठकें भी कीं।
भारत-रूस के बहुत ही पारंपरिक संबंध हैं। रूस-यूक्रेन युद्ध में भारत हमेशा इसे शांति से बातचीत के जरिये समाधान खोजने के पक्ष में रहा है। इस बीच पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा से वैश्विक समीकरण तेजी से बदल रहे हैं। ऐसे में रूस ने भारत के एनएसए अजीत डोभाल से फोन पर बात की है। रूस ने अपने ताजा घटनाक्रमों से अवगत कराया है।
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवल ने अमेरिकी NSA को न्योता दिया था। जिसके बाद वे भारत के दौरे पर आए हैं। बता दें कि अमेरिकी NSA जेक सुलिवन ने अजित डोवल से कई अहम मुद्दों पर चर्चा की है।
Ajit Doval Meet Lloyd Austin: राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार(National Security Advisor) अजीत डोवल(Ajit Doval) से अमेरिकी(US) रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन(Lloyd Austin) की कुछ देर पहले मुलाकात हुई है. पांच मुद्दों पर बात हुई है.
लंबे समय से सार्वजनिक मंच पर नजर नहीं आने वाले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन कहीं विलुप्त या बीमार नहीं हैं, बल्कि वह बिलकुल स्वस्थ हैं। एक अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट में बताया गया था कि पुतिन पार्किंसंस या कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं और वह अपनी मौत के दिन गिन रहे हैं।
अभी 3-4 दिन पहले ही अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवन से सुरक्षा के 7 अहम मुद्दों पर बड़ा समझौता करने के बाद अब भारत के एनएसए अजीत डोभाल जल्द ही ब्रिटेन के अपने समकक्ष सर टिम बैरो से मुलाकात करेंगे। भारतीय दूतावास की तरफ से ट्वीट करके यह जानकारी दी गई है।
भारत और अमेरिका के बीच पहली बार वाशिंगटन में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) स्तर की सबसे बड़ी बैठक ‘इनीशिएटिव फॉर क्रिटिकल एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजी’ (आइसीईटी) हो रही है। इसके तहत भारत और अमेरिका 6 ऐसे बड़े बिंदुओं पर काम करने वाले हैं, जिसका लाभ पूरी दुनिया को मिलेगा।
India on China's BRI in National Security Conference: भारत ने चीन की बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव (BRI) प्रोजेक्ट पर साफ कह दिया है कि सभी देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान होना चाहिए।
Ajit Doval on Agnipath: NSA ने कहा कि देश के चारो तरफ माहौल तेजी से बदल रहा है। हालात को देखते हुए हमे संरचना में बदलाव करना होगा। रक्षा क्षेत्र के हर स्तर और पायदान पर सुधार हो रहा है। देश की सेना को आधुनिक बनने के लिए भारत सरकार आधुनिक हथियार खरीद रही है। जिससे हम अपनी सेना को और भी विश्व स्तरीय बना रहे हैं।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए अपने उद्घाटन भाषण में अजीत डोवल ने कहा कि यह अफगान स्थिति पर क्षेत्रीय देशों के बीच करीबी विचार-विमश, अधिक सहयोग और समन्वय का समय है।
एक अधिकारी ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता में जैश-ए-मुहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा सहित विभिन्न आतंकवादी समूहों की गतिविधियों की समीक्षा की जाएगी जिनकी अफगानिस्तान में मजबूत उपस्थिति है।
भारत में रूस के राजदूत निकोलाय कुदाशेव ने कहा कि अफगानिस्तान के संपूर्ण हालात पर रूस तथा भारत के रुख के बीच बहुत अंतर नहीं है और तालिबान के शासन को मान्यता देने में मॉस्को की सोच तालिबान की कार्रवाइयों पर निर्भर करेगी।
तालिबान के खिलाफ NSA डोभाल की क्या योजना है? उन्होंने अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे पर रूस और चीन से बात की है। अधिक जानने के लिए देखें एक्सक्लूसिव रिपोर्ट।
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने आठ देशों के समूह एससीओ के ढांचे के तहत पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूहों लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ एक "कार्य योजना" की वकालत की
क्या कश्मीर पर 'गेमचेंजर' फैसला होगा.. कश्मीर पर मीटिंग का डोवल एंगल क्या है? देखिए रिपोर्ट l
सूत्रों ने बताया कि आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े आतंकी हिदायत-उल्लाह मलिक के पास से डोभाल के ऑफिस का रेकी का एक वीडियो पाए जाने के बाद यह कदम उठाया गया है।
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल से आज ऑल इंडिया सूफी सज्जादानशीन काउंसिल (All India Sufi Sajjadanashin Council) से जुड़े 20 धर्मगुरुओं का डेलिगेशन मिला। मीटिंग के दौरान धर्मगुरुओं ने देश में कट्टरपंथी ताकतों से शांति और सौहार्द के खतरे पर चर्चा की। डेलिगेशन ने NSA के सामने इस बात को भी रखा कि किस तरह दरगाह शांति और भाईचारा बढ़ाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।
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