केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने एक कार्यक्रम के दौरान फिर से अपनी बेबाकी जाहिर की है। उन्होंने इस दौरान खुद बताया कि वह सरकार को विषकन्या क्यों कहते हैं। बता दें कि वह भंडारा जिले में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
एयरबैग किसी दुर्घटना की स्थिति में यात्री को वाहन सीधी टक्कर से बचाने में अहम भूमिका निभाता है। हादसे की स्थिति में यह गुब्बारे की तरह खुलकर यात्री को सीधी टक्कर से रोकता है।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी शुक्रवार को बुलढाणा में वरिष्ठ भाजपा कार्यकर्ता गोकुल शर्मा के अमृत महोत्सव अभिनंदन कार्यक्रम में शामिल हुए थे। उन्होंने इस दौरान कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कुछ ऐसा कह दिया, जिस पर अब विपक्ष हमलावर हो गया है।
केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि ड्रोन भविष्य की तकनीक है और इसकी क्षमता कल्पना से परे है। उन्होंने इसके अलावा देश को हर तरह से मजबूत बनाने के लिए जनता से अपील की।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने एक कार्यक्रम में कहा है कि ध्वनि प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए अब गाड़ियों से सायरन की आवाज को हटाकर म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट की आवाज लगाई जाएगी।
Toll Tax Vehicle: अब टोल टैक्स देने के लिए टोल बूथ पर चालकों को इंतजार नहीं करना होगा। सरकार एक शानदार प्रोजेक्ट पर काम कर रही है।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने परियोजना की प्रगति के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में बताया, ''परियोजना का लगभग 70 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है।
दरअसल हमारे केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कई बार इलेक्ट्रिक सड़क को लेकर बात की है। इतना ही नहीं उन्होंने बताया कि कई व्हीकल्स मेकर कंपनियों से इस टॉपिक पर चर्चा भी चल रही है। कई जगहों पर इलेक्ट्रिक सड़क बनाने का काम शुरू भी हो गया है।
नितिन गडकरी ऐसे नेता हैं जो खूब बोलते हैं, खुलकर बोलते हैं और उनके बयानों पर विवाद भी होता है। कई बार अपने ही बयानों पर उन्हें सफाई भी देनी पड़ती है।
मैंने लोगों को भी बोल दिया है अब बहुत हुआ। मैं चुनकर आया हूं, अगर सही लगता है तो मुझे वोट दो नहीं तो ना दो। मैं अब बहुत ज्यादा मक्खन लगाने को तैयार नहीं हूं। तुमको लगा तो ठीक नहीं तो कोई और आएगा।
पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘पुजारी को हत्या के एक मामले में एक अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी। वह एक कुख्यात गुंडा है, जो 2016 में जेल से भागने में कामयाब रहा था। बाद में, उसे कर्नाटक पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।’’
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को जान से मारने की धमकी मिली है। 10 मिनट के अंतराल में दो बार उनके नागपुर कार्यालय में फोन आए। इसके बाद एक बार फिर कॉल आया। यह कॉल दोपहर में 12.32 बजे आया। खबर मिलते ही नागपुर पुलिस एक्शन में आ गई है। नंबर को ट्रेस करने के साथ ही सभी पहलुओं की गंभीरता से जांच की जा रही है।
बैठक एनएचएआई परियोजनाओं जैसे यूईआर-द्वितीय, द्वारका एक्सप्रेसवे, दिल्ली-देहरादून राजमार्ग और वसंत कुंज सेक्टर सी-डी में समानांतर फ्लाईओवर से संबंधित मुद्दों के समाधान के लिए बुलाई गई थी।
Now Cars Will Run Without Petrol & Diesel: अगर पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दामों को लेकर आप परेशान हैं तो अब चिंता करने की जरूरत नहीं है। क्योंकि आने वाले समय में पेट्रोल और डीजल के बिना चलने वाली गाड़ियां भारत की सड़कों पर फर्राटा भरती नजर आएंगी।
दिल्ली के एक कार्यक्रम में गडकरी ने कहा, “हम प्रतिदिन 40 किलोमीटर राजमार्ग का निर्माण कर रहे हैं, हमारा लक्ष्य प्रतिदिन 60 किलोमीटर राजमार्ग बनाने का है।”
Know Everything About Airbags: हाल ही में साइरस मिस्त्री की मृत्यु सड़क दुर्घटना में हो गई थी जिसके बाद सड़क से जुड़ी हर सेफ्टी को लेकर पूरे भारत में चर्चा होने लगी। वैसे तो आमतौर पर भारत में सड़क सुरक्षा के प्रति लोग जागरुक नहीं दिखाई देते हैं।
Maharashtra Politics: कांग्रेस के महाराष्ट्र के अध्यक्ष नाना पटोले ने मीडिया चर्चा में कहा कि कांग्रेस एक डेमोक्रेटिक पार्टी है। इसमें किसी भी पदाधिकारी को अपनी बात बोलने का पूरा हक होता है।
Nitin Gadkari: नितिन गडकरी ने कहा, ''किसी को भी ‘इस्तेमाल करो फेको’ की दौर में नहीं शामिल होना चाहिए। अच्छे दिन हों या बुरे दिन, जब एक बार किसी का हाथ थाम लें, उसे थामें रहें। उगते सूरज की पूजा न करें।''
BJP Politics: मध्य प्रदेश में चौथी पर मुख्यमंत्री बने शिवराज सिंह चौहान क्या वाकई में अपनी पार्टी से अब खफा हो गए हैं। क्या भाजपा के संसदीय बोर्ड से हटाए जाने के बाद शिवराज का मूड खराब हो गया है। आखिर क्या वजह थी कि लगातार एमपी में भाजपा को जीत दिलाने वाले शिवराज को भाजपा ने 11 सदस्यीय संसदी बोर्ड से उनकी छुट्टी कर दी।
BJP Parliamentary Board Changed: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की निगाहें 2024 के लोकसभा चुनावों पर टिकी हैं और इसी के मद्देनजर वह संगठनात्मक मुद्दों एवं उभरती राजनीतिक चुनौतियों से निपटने के लिए अपनी कई प्रदेश इकाइयों में अहम पदों पर बदलाव जारी रख सकती है।
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