अविभाजित भारत के स्वंतंत्रता संग्राम के दौरान आजादी के नायक रहे सरदार भगत सिंह की फांसी को गलत बताते हुए पाकिस्तान में कुछ संगठनों ने इस मामले की फिर से सुनवाई करने की मांग की है। पाकिस्तान कोर्ट से मामले की उसी तरह दोबारा सुनवाई कर न्याय देने की मांग की है, जैसा पूर्व पीएम जुल्फिकार अली भुट्टो के केस में हुआ।
पाकिस्तान की अदालत में एक याचिका दायर कर शहीद भगत सिंह को सजा से बरी करने की मांग की गई है। साथ ही मरणोपरांत उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित करने की मांग की गई है। ब्रिटिश पुलिस अधिकारी सांडर्स की हत्या में दोषी मानकर भगत सिंह को फांसी दी गई थी। मगर याचिका के अनुसार बिना गवाहों को सुने भगत सिंह को सजा दी गई।
अंग्रेजों ने भारत को 14-15 अगस्त की आधी रात को आजादी दी थी। लेकिन क्या आपको पता है कि इस दौरान देश में कैसे आजादी का जश्न मनाया जा रहा था। लोगों में उत्साह का ऐसा स्तर कभी देश में नहीं देखा गया था।
वीर सावरकर जयंती: वीर सावरकर का जन्म 28 मई 1883 को नासिक गांव में हुआ था। आज उनकी जयंती के अवसर पर पढ़ें उनके जीवन के बारे में कुछ बातें।
विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस के मौके पर संयुक्त राष्ट्र संघ ने मीडिया की आजादी पर हमला करने वाले देशों को कड़ी नसीहत दी है। संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर चेतावनी दी कि “दुनिया के हर कोने में मीडिया पर हमले हो रहे हैं”।
भारत में प्रेस की स्वतंत्रता को लेकर देश में विभिन्न पार्टियों और लोगों की ओर से भिन्न-भिन्न बयान आते रहे हैं। मगर भारत में प्रेस को कितनी आजादी है और कितनी बंदिश...इसे लेकर अमेरिका ने बड़ा बयान दिया है। भारतीय प्रेस को स्वतंत्रता को लेकर अमेरिका के इस बयान से बहुत से लोग सहमत या असहमत हो सकते हैं।
उत्तराखंड के अल्मोड़ा की बिशनी देवी साह उत्तराखंड की पहली महिला स्वतंत्रता सेनानी थीं। आजादी की लड़ाई में जेल जाने वालीं वो पहली महिला भी रही।
राज्य सरकार ने स्वतंत्रता सेनानियों की पेंशन को दोगुना कर दिया है। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की साप्ताहिक बैठक में इस मामले में फैसला लिया गया।
Imran Khan-Hakiki Azadi: 25 मई को ‘आजादी मार्च’ के बाद यह खान की दूसरी बड़ी रैली होगी। ‘आजादी मार्च’ को उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं के संघीय राजधानी में पहुंचने के बाद अंतिम समय में अचानक खत्म कर दिया गया था।
Kartavya Path: हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजपथ का नाम बदलकर कर्तव्य पथ कर दिया। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि हमने एक गुलामी की निशानी को खत्म कर दिया है।
Freedom Stocks: आज देश आजादी के 75 साल पूरे होने पर धूमधाम से स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। इसके साथ ही भारतीय शेयर बाजार ने बीते 1 साल में निवेशकों को कमाने के भरपूर मौके दिए हैं।
Newspapers Reported India's Freedom: भारत के लिए आजादी का दिन काफी बड़ा था। जब आधी रात को पूरी दुनिया सो रही थी, तब भारत ने गुलामी की जंजीरें तोड़ीं और वो आजादी की खुली हवा में सांस ले रहा था। भारत की आजादी की खबर को दुनियाभर के अखबारों में छापा गया।
Independence Day 2022: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर देश की आजादी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले स्वतंत्रता सेनानियों के घर पहुंचे और उन्हें कच्चे सूत की माला पहनाकर, शॉल ओढ़ाकर व श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया।
75 years of independence: आजादी के 75 साल जल्द ही पूरे होने वाले हैं। इसी मौके पर देश 75वां अमृत महोत्सव मना रहा है। जब हमारा देश आजाद हुआ था, तब हर मामले में हमारा देश पिछड़ा था। अंग्रेजों ने जितना भारत को आधुनिक बनाया था, उससे कई गुना भारत को लूट लिया था।
75 years of independence: इस साल आजादी के 75 साल पूरे होने वाले हैं। इसी उपलक्ष में हम आजादी का 75 वां अमृत महोत्सव मना रहे हैं। हमारा देश 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजों से आजाद हो गया था।
75 years of independence: 'जय हिंद!' हो या 'वंदे मातरम!', आज बोले जाने वाले अधिकांश लोकप्रिय देशभक्ति के नारों की उत्पत्ति भारतीय स्वतंत्रता के आंदोलन से हुई है। वर्तमान समय में भी इन नारों को खुब बोला जाता है।
75 years of independence: इस साल आजादी के 75 साल पूरे होने वाले हैं। इसी उपलक्ष में हम आजादी का 75 वां अमृत महोत्सव मना रहे हैं। हमारा देश 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजों से आजाद हो गया था जिसके बाद एक स्वतंत्र भारत की स्थापना हुई।
Subhash Chandra Bose: पूरी दुनिया दूसरे विश्वयुद्ध की आग में जल रही थी। उस समय भारत में भी स्वतंत्रता के लिए अहिंसक और सशस्त्र आंदोलन गति पकड़ रहा था। महात्मा गांधी अहिंसक आंदोलन का नेतृत्व कर रहे थे, जबकि सशस्त्र आंदोलन की बागडोर नेताजी सुभाष चंद्र बोस के हाथों में थी।
Independence Day Special: दुनिया के हर स्वतंत्र राष्ट्र का अपना झंडा है। यह एक स्वतंत्र देश का प्रतीक है। भारत के राष्ट्रीय ध्वज को उसके वर्तमान स्वरूप में 22 जुलाई 1947 को हुई संविधान सभा की बैठक के दौरान अपनाया गया था।
Anglo Indian: किसी क्षेत्र से चुनकर नहीं आते हैं। यह किसी खास समुदाय से संबंध रखते हैं जिन्हें राष्ट्रपति के द्वारा सीधे चयनित किया जाता है।
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