Tuesday, April 23, 2024
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हरभजन सिंह ने डे-नाइट टेस्ट पर BCCI और टीम इंडिया को सुनाई खरी खरी

ऑस्ट्रेलिया दौरे पर एक डे-नाइट टेस्ट खेलने न खेलने को लेकर स्पिनर हरभजन सिंह ने BCCI के विपरीत एक बड़ा बयान दिया है. भज्जी ने कहा है, "मुझे नहीं पता कि वे डे-नाइट टेस्ट मैच क्यों नहीं खेलना चाहते. ये दिलचस्प प्रारुप है और हमें इसे आज़माना चाहिए. मैं इसका हिमायती हूं. आप बताईये, गुलाबी गेंद से खेलने में क्या शंका है? आप जब खेलेंगे तभी तो इसके आदी होंगे. ये उतना मुश्किल नही होगा जितना लगता हो."

India TV Sports Desk Written by: India TV Sports Desk
Published on: May 18, 2018 13:24 IST
Harbhajan Singh- India TV Hindi
Harbhajan Singh

ऑस्ट्रेलिया दौरे पर एक डे-नाइट टेस्ट खेलने न खेलने को लेकर स्पिनर हरभजन सिंह ने BCCI के विपरीत एक बड़ा बयान दिया है. भज्जी ने कहा है, "मुझे नहीं पता कि वे डे-नाइट टेस्ट मैच क्यों नहीं खेलना चाहते. ये दिलचस्प प्रारुप है और हमें इसे आज़माना चाहिए. मैं इसका हिमायती हूं. आप बताईये, गुलाबी गेंद से खेलने में क्या शंका है? आप जब खेलेंगे तभी तो इसके आदी होंगे. ये उतना मुश्किल नही होगा जितना लगता हो."

ऑस्ट्रेलिया में प्रशासकों और पूर्व खिलाड़ियों का मानना है कि इंडिया ने डे-नाइट टेस्ट का प्रस्ताव इसलिए ठुकरा दिया है ताकि ऑस्ट्रेलिया को फ़ायदा न मिल सके. स्टीव स्मिथ और डेविड वॉर्नर पर लगे बैन से ऑस्ट्रेलिया टीम पहले से ही कमज़ोर हो गई है.

हरभजन सिंह ने ये बात कल दिल्ला में एक समारोह में कही जहां BCCI के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे. इन अधिकारियों ने कहा कि वे डे-नाइट टेस्ट खेलने से इसलिए मना कर रहे हैं ताकि टीम इंडिया टेस्ट सिरीज़ जीत सके. सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित प्रशासनिक समिति (CoA) के प्रमुख विनोद राय ने कहा, "मेरा मानना है कि हर टीम सिरीज़ जीतना चाहती है और इसीलिए हम हमारी टीम को जीतने का हर संभव मौक़ा देना चाहते हैं. सभी मैच जीतने चाहने में क्या बुराई है? कोई भी टीम जो पिच पर उतरती है, जीतना चाहती है. 30 साल पहले वो कहते थे कि इंडिया सिर्फ़ मैच ड्रॉ कराने के लिए टेस्ट मैच खेलती है लेकिन वे अब ये बात नहीं करते."

माना जाता है कि टीम मैनेजमेंट को लगता है कि नवंबर को होने वाले ऑस्ट्रेलिया दौरे पर इंडिया के पास ऑस्ट्रेलिया में सिरीज़ जीतने का अच्छा मौक़ा है. इंडिया का मानना है कि ऑस्ट्रेलिया पहले ही चार जे-नाइट टेस्ट खेल चुकी है जिसका उसे फ़ायदा मिल सकता है.

हरभजन का कहना है, "क्या हुआ अगर आप आउट हो गए? हमारे पास भी तेंज़ गेंदबाज़ हैं जो उन्हें परेशान कर सकते हैं. और हम ये कैसे सोच सकते हैं कि हमारे हल्लेबाज़ ऑस्ट्रेलिया के तेंज़ गेंदबाज़ों की चुनौती का सामना नहीं कर पाएंगे? ये एक चुनौती है, इसे स्वीकार करने में क्या नुकसान है? हम जब टेस्ट क्रिकेट में नौसीखिए थे तब हमने सिर्फ़ SG से बॉलिंग करना सीखी थी और फिर धीरे धीरे कूकाबुरा और ड्यूक्स से भी बॉलिंग करना सीख गए. क्या आप इंग्लैंड में बदली के बीच खेलने की चुनौती स्वीकार नहीं करते? क्या ये चुनौती नही है? अगर हम वो चुनौती ले सकते हैं तो फिर गुलाबी-बॉल क्रिकेट की क्यों नहीं?"

बहरहाल, बोर्ड के CEO राहुल जोहरी का कहना था- "हम किससे खेलते हैं, कब खेलते हैं, कहां खेलते हैं और कैसे खेलते हैं, ये हमारा विशेषाधिकार है. हम टीम इंडिया की उन हर बात का समर्थन करेंगे जिससे उन्हें जीत मिलती हो."

तकनीकि रुप से इंडिया डे-नाइट मैच खेलने से मना कर सकती है. द्वीपक्षीय सिरीज़ की शर्तों के मुताबिक डे-नाइट टेस्ट खेलने के लिए दोनों टीमों की रज़ामंदी ज़रुरी है. लेकिन टेस्ट चैंपियनशिप शुरु होते ही इंडिया के पास ये विकल्प नहीं रह जाएगा. मेंज़बान विरोधी टीम की अनुमति लिए बग़ैर भी डे-नाइट टेस्ट करवा सकती है.

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