Friday, March 29, 2024
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सहवाग का बड़ा बयान कहा, कोच सिलेक्शन में कोहली की नहीं चली वर्ना मैं होता चीफ़ कोच

टीम इंडिया के पूर्व विस्फोटक सलामी बल्लेबाज़ वीरेंदर सहवाग ने सोमवार को यहां एक सनसनीख़ेज़ ख़ुलासा करके टीम इंडिया के चीफ़ कोच के सिलेक्शन से जुड़े विवाद को एक बार फिर हवा दे दी.

India TV Sports Desk Written by: India TV Sports Desk
Updated on: November 13, 2017 23:54 IST
Sehwag- India TV Hindi
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टीम इंडिया के पूर्व विस्फोटक सलामी बल्लेबाज़ वीरेंदर सहवाग ने सोमवार को यहां एक सनसनीख़ेज़ ख़ुलासा करके टीम इंडिया के चीफ़ कोच के सिलेक्शन से जुड़े विवाद को एक बार फिर हवा दे दी. सहवाग ने कहा कि टीम इंडिया विराट कोहली के समर्थन के बावजूद वह टीम इंडिया का कोच नहीं बन पाए. उन्होंने कहा कि कप्तान भले ही टीम का सर्वेसर्वा होता है लेकिन कई मामलों में उसकी भूमिका केवल राय देने वाली होती है। 

बता दें कि अनिल कुंबले के चीफ़ कोच पद से इस्तीफ़ा देने के बाद कोच पद की दौड़ में सहवाग भी थे. बताया जाता है कि कोहली के साथ मनमुटाव के चलते कुंबले ने पद से इस्तीफ़ा दिया था. नये कोच के सिलेक्शन के लिए सचिन तेंडुलकर, सौरभ गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण की तीन सदस्यीय समिति ने रवि शास्त्री के नाम पर मोहर लगाई थी. शास्त्री एक साल पहले कुंबले से दौड़ में पिछड़ गए थे.

सहवाग ने कहा कि कप्तान का टीम से जुडे़ विभिन्न फैसलों पर असर होता है लेकिन कई मामलों में अंतिम निर्णय उसका नहीं होता. उन्होंने यहां एक कार्यक्रम के दौरान कहा, 'कोच और चयन में कप्तान की भूमिका हमेशा राय देने वाली रही है. विराट कोहली चाहते थे कि मैं भारतीय टीम का कोच बनूं. ''जब कोहली ने संपर्क किया तभी मैंने आवेदन किया, लेकिन मैं कोच नहीं बना. ऐसे में आप कैसे कह सकते हैं कि हर फैसले में कप्तान की चलती है.'' 

सहवाग ने इस बात से इंकार किया कि उन्होंने केवल एक पंक्ति में कोच पद के लिए आवेदन किया था. 104 टेस्ट और 251 वनडे खेलने वाले सहवाग ने कहा, 'मैंने सभी औपचारिकताएं पूरी की थीं, एक लाइन वाली बात मीडिया के दिमाग की उपज थी.' 

पाकिस्तान के खिलाफ 2004 में मुल्तान में 309 रन की पारी खेलकर टेस्ट क्रिकेट में तिहरा शतक जड़ने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज बनने वाले सहवाग का मानना है कि इस पड़ोसी देश के साथ क्रिकेट खेला जाना चाहिए लेकिन इसमें अंतिम फैसला सरकार का होगा. उन्होंने इस संबंध में पूछे गए सवाल पर कहा, 'यह सरकार को तय करना है. मेरी निजी राय है कि भारत को पाकिस्तान से क्रिकेट खेलनी चाहिए.

सहवाग के बारे में कहा जाता है कि जब वह क्रीज़ पर उतरते थे तो यह परवाह नहीं करते थे कि सामने कौन सा गेंदबाज है। लेकिन दिल्ली के इस बल्लेबाज ने माना कि श्री लंका के ऑफ स्पिनर मुथैया मुरलीधरन को खेलने में उन्हें कुछ अवसरों पर परेशानी हुई। उन्होंने कहा, 'मैंने कभी किसी गेंदबाज को खेलने के बारे में ज्यादा नहीं सोचा लेकिन मुरलीधरन को खेलने में थोड़ी मुश्किल हुई. उनके लिए अलग से रणनीति बनानी पड़ती थी. जहां तक सलामी जोड़ीदार की बात है, तो मैंने सचिन तेंडुलकर के साथ पारी का आगाज करने का पूरा लुत्फ उठाया. उनके बाद (एडम) गिलक्रिस्ट का नंबर आता है.' 

सोशल मीडिया पर विभिन्न मामलों में अपनी राय देने वाले सहवाग का फिलहाल राजनीति में आने का कोई इरादा नहीं है लेकिन वह चाहते हैं कि उनकी जीवनी लिखी जाए. वीरू ने कहा, 'जहां तक बायोपिक की बात है, तो अभी तक किसी ने मुझसे संपर्क नहीं किया और मेरा ऐसा कोई इरादा भी नहीं है. 

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