पूरी दुनिया भले ही क्रिसमस डे के जश्न में डूबी है, मगर ईसा मसीह के जन्म स्थान बेथलहम में सन्नाटा पसरा है। सैकड़ों वर्षों के इतिहास में संभवतः ऐसा पहली बार हो रहा है, जब बेथलहम में कोई जश्न नहीं है। यहां कोई क्रिसमस ट्री नहीं सजाया गया है और किसी तरह की क्रिसमस फीलिंग भी नहीं है। इसका कारण इजरायल-हमास का युद्ध है।
अल-अक्सा मस्जिद एक संवेदनशील पहाड़ी पर स्थित है जो यहूदियों और मुसलमानों दोनों के लिए पवित्र स्थान है। अल-अक्सा इस्लाम में तीसरा सबसे पवित्र स्थल है और रमजान के दौरान श्रद्धालुओं की यहां काफी भीड़ रहती है।
पुलिस ने कहा कि उन्होंने जवाबी कार्रवाई कर 13 वर्षीय हमलावर को हिरासत में ले लिया और उसे घायल दशा में अस्पताल ले जाया गया। हमलावर की स्थिति के बारे में कुछ नहीं बताया गया है।
इस घटनाकांड के बाद गाजा में फलस्तीनी लोगों ने इस हमले का जश्न मनाया। माना जा रहा है कि इस गोलीकांड के बाद इजरायल की सरकार बड़ी कार्रवाई कर सकती है।
इज़रायल के येरूशलम में आतंकी हमले में सात लोगों की मौत हो गई है, जबकि दस लोग घायल हैं।
इजराइल के कट्टर दक्षिणपंथी मंत्री इतामार बेन-ग्विर ने मंगलवार को यरुशलम की अल-अक्सा मस्जिद का दौरान किया था, जिसे लेकर फिलिस्तीनियों में काफी नाराजगी है। मामले में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद आज 5 जनवरी को इजरायली मंत्री के यरूशलम के अल-अक्सा मस्जिद परिसर की विवादास्पद यात्रा पर चर्चा करने के लिए बैठक करेगा।
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने औपचारिक रूप से दिसंबर 2018 में जेरूसलम को इजराइल की राजधानी के रूप में मान्यता दी थी।
Israel News: इजराइली सेना की एक इकाई ने फलस्तीन के वेस्ट बैंक आने के इच्छुक दूसरे देश के लोगों के लिए नियमों तथा पाबंदियों की एक सूची जारी की है।
Israel-Palestine war: आज यानी रविवार की सुबह यरूशलम में कुछ लोगों पर भारी पड़ा गया। यहां की ओल्ड सिटी में एक बंदूकधारी ने एक बस पर गोलियां चला दी, जिसमें आठ इजराइली नागरिक घायल हो गए। ऐसा संदेह है कि हमलावर फलस्तीनी है। यह हमला गाजा में इजराइल और आतंकवादियों के बीच हिंसा के एक सप्ताह बाद हुआ है।
Prophet Row: पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी से उठा बवाल भारत की सीमाओं से बाहर जाकर खूब तूल कपड़ रहा है। नूपुर शर्मा के बयान पर पहले कई अरब देशों की प्रतिक्रिया के बाद अब यरुशलम में भी विरोध के सुर सुनाई दे रहे हैं।
इस बार संघर्ष ऐसे संवेदनशील समय पर हुआ है, जब इस साल रमजान के साथ-साथ यहूदी और ईसाई समुदाय के भी अहम त्योहार पड़ रहे हैं।
इजराइल में तेल अवीव के निकट मंगलवार शाम को गोलीबारी में कम से कम पांच लोगों की मौत हो गई। पिछले सात दिनों में इजराइल में इस तरह का यह तीसरा हमला है, जिससे हाल में इस तरह के आतंकी हमलों में मरने वालों की संख्या 11 हो गई है। इजराइल के प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट ने एक कड़े संदेश में इस तरह के हमलों से कड़ाई से निपटने का संकल्प जताया।
शेख जर्रा में रह रहे सालहिया परिवार का कहना है कि उसने यह संपत्ति 1967 से पहले खरीदी थी, जबकि प्रशासन ने अदालत में इस दावे को चुनौती दी है।
अरब लीग के महासचिव अहमद अबुल-घेइत ने विरोध प्रदर्शनों के माध्यम से फिलीस्तीनियों के साथ टकराव को भड़काने की किसी भी कोशिश को लेकर चेतावनी दी है।
इजराइल के पूर्व सैन्य प्रमुख बेनी गैंट्ज और उनकी ब्लू और व्हाइट पार्टी ने 33 सीटें जीती है, जबकि प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की लिकुड ने 32 सीटें जीती है।
जेरूसलम के पवित्र स्थल के पास रविवार को ईद-उल-अजहा की नमाज के दौरान मुस्लिम नमाजियों और इस्राइल की पुलिस के बीच जमकर झड़प हुई।
यरुशलम। इज़राइली पुलिस यरुशलम मामलों के फिलिस्तीनी मंत्री फदी अल-हदामी को हिरासत में ले कर उनसे पूछताछ कर रही है। सूत्रों ने यह जानकारी दी। इज़राइली पुलिस के प्रवक्ता मिकी रोसेनफिल्ड ने रविवार को बताया कि ‘यरुशलम में (संदिग्ध) गतिविधियों’ को लेकर अल-हदामी को हिरासत में लिया गया और उनसे पूछताछ की जा रही है।
पिनेरा इजराइल और वेस्ट बैंक के दौरे पर हैं। उन्होंने मंगलवार को अल अक्सा मस्जिद की परिसर का दौरा किया। सोशल मीडिया पर शेयर की गई तस्वीरों में पिनेरा के साथ फलस्तीन के अधिकारी सहित यरुशलम मामलों के मंत्री फआदी अल-हादमी भी दिखे हैं।
ब्राजील की राजधानी से एक ऐसी खबर सामने आई है जो फिलिस्तीन के लिए एक बड़े झटके के तौर पर देखी जा रही है।
इसराइल यरुशलम को अपनी अविभाजित राजधानी मानता है, जबकि फ़लस्तीनी पूर्वी यरुशलम, जिसपर 1967 के अरब-इसराइल युद्ध में इसराइल ने कब्ज़ा कर लिया था, को उनके भावी राष्ट्र की राजधानी मानते हैं। इसराइलियों और फ़लस्तीनियों के पवित्र शहर यरूशलम को लेकर विवाद बहुत पुराना और गहरा है।
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