गुटखा और तंबाकू बनाने वाली कंपनियों को अपनी हर मशीन जीएसटी अधिकारियों के पास रजिस्टर्ड करवानी होगी। अप्रैल से प्रत्येक गैर-रजिस्टर्ड मशीन के लिए ₹1 लाख का जुर्माना लगाया जाएगा।
गन्ने के बाय प्रोडक्ट और शराब उत्पादन के लिए कच्चे माल के रूप में इस्तेमाल किए जाने वाले गुड़ पर टैक्स की दर मौजूदा दर को कम किया गया है।
डेल्टा कॉर्प का शेयर 23.28 प्रतिशत के नुकसान से 189.35 रुपये पर आ गया। दिन में कारोबार के दौरान एक समय यह 27.79 प्रतिशत तक टूटकर 178.20 रुपये पर आ गया था।
केंद्रीय वित्त मंत्री की अध्यक्षता वाली जीएसटी परिषद में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्री भी शामिल हैं।
अभी तक सिनामाघरों और मल्टीप्लेक्स में मिलने वाले खाने पीने के सामान पर जीएसटी की दर 18 प्रतिशत है, इसे 5 प्रतिशत किया जा सकता है।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जीएसटी परिषद की 49वीं बैठक खत्म होने के बाद यह जानकारी दी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जून के 16,982 करोड़ रुपये समेत जीएसटी क्षतिपूर्ति के सारे बकाया का जल्द भुगतान कर दिया जाएगा।
सूत्रों ने कहा कि जिन मुद्दों पर परिषद की 17 दिसंबर, 2022 को हुई बैठक में विचार नहीं किया जा सका था, वे जीएसटी परिषद की 18 फरवरी को होने वाली 49वीं बैठक के एजेंडा में सबसे ऊपर हैं।
पानमसाला और गुटखा कारोबार की ओर से की जा रही टैक्स चोरी का मुद्दा आज की बैठक के लिए काफी अहम था। माना जा रहा था कि आज की बैठक में इस पर फैसला जरूर लिया जा सकता है।
Rajya Sabha News: केंद्र सरकार ने दही, पनीर, गुड, चीनी, शहद, लस्सी, चावल, आटा, और ब्रेड जैसी आम इस्तेमाल चीजों पर 5% की GST लगा दी। इससे पहले यह सभी उत्पाद GST से बाहर रखे गए थे।
चंडीगढ़ में हुई GST परिषद ने कुछ सामानों पर छूट को वापस लेने जबकि कुछ अन्य पर दरें बढ़ाये जाने का फैसला किया है।
पुडुचेरी के वित्त मंत्री के लक्ष्मीनारायणन ने कहा कि सभी राज्यों ने क्षतिपूर्ति व्यवस्था बढ़ाने की मांग की है।
ग्रुप आफ मिनिस्टर्स की बैठक में आनलाइन गेमिंग के अलावा घुड़दौड़ और कसीनो को हानिकारक सेवाएं मानते हुए इन पर 28 प्रतिशत जीएसटी की सिफारिश की गई है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा इसलिए यह तर्क कि यदि जीएसटी परिषद की सिफारिशें बाध्यकारी नहीं होंगी, तो जीएसटी का पूरा ढांचा चरमरा जाएगा, यह टिकने वाला नहीं है।
जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली खंडपीठ ने कहा कि भारत में सहकारी संघीय व्यवस्था है और इसी वजह से जीएसटी परिषद की सिफारिशों का महत्व बस प्रेरित करने का है।
सोशल मीडिया पर वायरल मैसेज में दावा किया जा रहा है कि जीएसटी काउंसिल परिषद अपनी अगली बैठक में घरों और दुकानों के किराए में 12 फीसदी तक की बढ़त करने वाले प्रस्ताव को पेश करने वाली है।
वित्त मंत्री ने बताया कि टेक्सटाइल पर जीएसटी दरें बढ़ाने के प्रस्ताव को इस समय लागू करना सही नहीं है, क्योंकि कोरोना महामारी अभी भी जारी है।
एक अधिकारी ने बताया कि जीएसटी परिषद की 46वीं बैठक 30 दिसंबर को राज्यों के वित्त मंत्रियों के साथ होने वाली बजट-पूर्व बैठक का विस्तार होगा।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद ने गत 17 सितंबर को हुई बैठक में इन दो मंत्री समूहों का गठन करने का फैसला किया था।
देश में जीएसटी व्यवस्था एक जुलाई, 2017 से लागू हुई थी। जीएसटी में केंद्रीय कर मसलन उत्पाद शुल्क और राज्यों के शुल्क मसलन वैट को समाहित किया गया था।
अनुमान के मुताबिक फूड डिलीवरी एग्रीग्रेटर द्वारा पिछले दो सालों में तथाकथित अंडर-रिपोर्टिंग के कारण सरकार को 2000 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ है।
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