छत्तीसगढ़ के मनेंद्रगढ़ में देर रात चुनाव आयोग ने पत्रकार भवन को सील कर दिया है। ये पत्रकार भवन पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने दिया था, जिसे अब चुनाव आयोग ने सील किया है। इसके खिलाफ अब पत्रकार धरने पर बैठे हैं।
कोई मतदाता मतदान केंद्र पर पहुंचने के बाद भी मतदान से दूरी बना सकता है। ‘नोटा’ विकल्प मतदाताओं को किसी भी प्रत्याशी में विश्वास नहीं जताने का अवसर देता है, वहीं ‘मतदान से इनकार’ का विकल्प उसे मतदान प्रक्रिया से ही दूर रहने का मौका देता है।
चुनावी सिंबल किसी राजनीतिक दल या उम्मीदवार को आवंटित मानक चिह्न होता है। इसका का उपयोग पार्टियों-उम्मीदवारों द्वारा अपने प्रचार के दौरान किया जाता है। जो लोग पढ़ नहीं सकते वो भी सिंबल देख कर अपने उम्मीदवार की पहचान कर सकते हैं।
भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव आयोग को लिखी अपनी चिट्ठी में अनुरोध किया है कि IPS अधिकारी हेमंत निंबालकर का तुरंत ट्रांसफर किया जाए और निष्पक्ष चुनाव होने दिया जाए।
Lok Sabha Elections 2024 : लोकसभा चुनाव के लिए देश के दुर्गम स्थलों पर भी चुनाव आयोग की टीम मतदानकर्मियों को पहुंचाने की तैयारियों में जुटी है। चाहे वो जंगल हो.. दुर्गम पहाड़ हो या फिर नदी के बीच से गुजरना पड़े।
नई दिल्ली से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। आज इलेक्शन कमीशन ने कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत और बीजेपी नेता दिलीप घोष को कारण बताओ नोटिस भेजा है।
मोनिका का केवल पहला नाम ही इस सूची में दर्ज किया गया है। उन्होंने अक्टूबर 2021 में पांच चुनावी बॉण्ड खरीदे जिनमें से प्रत्येक की कीमत एक लाख रुपये थी। SBI द्वारा चुनाव आयोग को गुरुवार को सौंपे गए विवरण से यह जानकारी मिली।
इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया ने केंद्र सरकार पर अपनी सख्ती दिखाते हुए आईटी मंत्रालय को तुरंत निर्देश दिया है कि लोगों के वाट्सऐप पर 'विकसित भारत संपर्क' मैसेज भेजना बंद करें।
लोकसभा चुनाव के पहले चरण में 21 राज्यों की 102 लोकसभा सीटों पर चुनाव होना है, जिसके लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गई है। नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 27 मार्च है।
निर्वाचन आयोग ने लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पश्चिम बंगाल की 6 सीटों को संदेनशील घोषित कर दिया है। वहीं, दूसरी ओर केंद्रीय मंत्री निशिथ प्रामाणिक द्वारा संबोधित एक जनसभा की समाप्ति के बाद कूचबिहार टीएमसी-भाजपा के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गई है।
भारत के 1950 में गणतंत्र बनने से एक दिन पहले अस्तित्व में आए निर्वाचन आयोग ने 17 आम चुनाव कराए हैं। लेकिन पहले आम चुनाव कराने में उसे देश के भूगोल और जनसांख्यिकी दोनों से जुड़ी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जिसका बड़ा तबका तब अशिक्षित था।
चुनाव आयोग ने इलेक्शन की तारीखों के ऐलान के कुछ ही दिन बाद कई राज्यों के अधिकारियों को हटा दिया है। इनमें से एक पश्चिम बंगाल के डीजीपी राजीव कुमार हैं, इन्हें ममता बनर्जी का करीबी माना जाता है।
निर्वाचन आयोग ने जानकारी दी है कि इस साल के लोकसभा चुनाव में लगभग 97 करोड़ भारतीय मतदान करने के पात्र होंगे। आयोग के मुताबिक पिछले लोकसभा चुनाव 2019 से पंजीकृत मतदाताओं की संख्या में छह प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
लोकसभा चुनाव 2024 के लिए चुनाव आयोग ने तारीखों की घोषणा कर दी है। ऐसे में सभी पार्टियों ने आगामी चुनाव के लिए कमर कस ली है। यहां जानें मध्य प्रदेश में कब होंगे लोकसभा चुनाव...
लोकसभा चुनाव 2024 के लिए चुनाव आयोग ने तारीखों की घोषणा कर दी है। ऐसे में सभी पार्टियों ने आगामी चुनाव के लिए कमर कस ली है। यहां जानें राजस्थान में कब होंगे लोकसभा चुनाव...
गुजरात लोकसभा चुनाव और रिजल्ट की तारीखों की घोषणा हो चुकी है। गुजरात में कुल 26 लोकसभा सीटें हैं, जो राज्य के महत्व को बढ़ा देती हैं। पिछली बार गुजरात की सभी सीटें भाजपा के खाते में गईं थी।
लोकसभा चुनाव 2024 का बिगुल बज चुका है। चुनाव आयोग ने देश भर में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए तारीखों की घोषणा कर दी है। चुनाव आयोग के मुताबिक अलग-अलग राज्यों में भिन्न-भिन्न तारीखों पर 7 चरणों में चुनाव कराए जाएंगे। मतों की गणना 04 जून को होगी।
लोकसभा चुनाव 2024 का बिगुल बज चुका है। चुनाव आयोग ने देश भर में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए तारीखों की घोषणा कर दी है। चुनाव आयोग के मुताबिक अलग-अलग राज्यों में भिन्न-भिन्न तारीखों पर 7 चरणों में चुनाव कराए जाएंगे। मतों की गणना 04 जून को होगी।
चाहे केंद्र सरकार हो या राज्य सरकारें, सभी चुनाव आचार संहिता के दायरे में आती हैं। 2024 लोकसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान होने के बाद आदर्श आचार संहिता लागू हो जाएगी जिसका मतलब चुनाव आयोग के वो निर्देश जिनका पालन चुनाव खत्म होने तक हर पार्टी को करना होता है।
अमेरिकी सीनेटर ने सोशल मीडिया कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) से यह भी कहा कि उनके मंच एआई से बनी सामग्री को रोकने के साथ-साथ पारंपरिक फर्जी सामग्री को रोकने में भी नाकाम साबित हुए हैं। भारत, अमेरिका समेत कई देशों में इस वर्ष चुनाव हैं। ऐसे में झूठ के दुष्प्रचार को रोकना होगा।
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