Net Direct Tax Collection in FY24 : अनंतिम प्रत्यक्ष कर संग्रह बजट अनुमान से 7.40 प्रतिशत और संशोधित अनुमान से 0.67 प्रतिशत अधिक है।
देश का आम बजट- 2023 जल्द ही हम सबके बीच आने वाला है, वहीं बजट में कभी-कभी हमें ऐसी टर्म पढ़ने या सुनने को मिल जाती है जो हमारे समझ से परे होती है। इसलिए आज हम आपको बजट से जुड़े टर्म डायरेक्ट टैक्स (Direct Tax) के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी देने वाले हैं।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के बयान के अनुसार कुल प्रत्यक्ष कर संग्रह में से रिफंड जारी किये जाने के बाद चालू वित्त वर्ष में एक अपैल से 22 सितंबर तक शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 74.4 प्रतिशत बढ़कर 5,70,568 करोड़ रुपये रहा है।
एचएसबीसी मामले में 8,465 करोड़ रुपये की अघोषित आय को कर के दायरे में लाया गया है और इस पर 1294 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
वित्त वर्ष 2021-22 में अबतक नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 100 प्रतिशत और एडवांस टैक्स कलेक्शन 146 प्रतिशत बढ़ा है।
वित्त वर्ष 2020-21 में कुल प्रत्यक्ष कर संग्रह 9.45 लाख करोड़ रुपये रहा, जो बजट में संशोधित अनुमान से पांच प्रतिशत अधिक है।
सरकार ने पिछले महीने विवाद से विश्वास योजना के तहत भुगतान की समय-सीमा को तीसरी बार बढ़ाकर 31 मार्च, 2021 कर दिया है।
वित्त मंत्री ने कोविड-19 महामारी के दौरान उठाये गये कदमों के लिए आयकर विभाग की सराहना की
चालू वित्त वर्ष के लिए संशोधित अनुमान 18.50 लाख करोड़ रुपए की राजस्व प्राप्तियों के आधार पर लगाया गया है, जो बजट में अनुमानित 19.62 लाख करोड़ रुपए से कम है।
मौजूदा इनकम टैक्स कानून की जगह लागू किए जाने वाले न्यू डायरेक्ट टैक्स कोड के ड्रॉफ्ट को तैयार करने वाले टास्क फोर्स ने अपनी अंतिम रिपोर्ट पिछले महीने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को सौंप दी है।
टास्कफोर्स ने इस रिपोर्ट में डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स (DDT) को पूरी तरह से हटाने की सिफारिश की है।
सीबीडीटी प्रमुख ने कहा कि यह लक्ष्य हमें काफी उम्मीद देता है कि हम दिए गए लक्ष्य के अनुसार 17.5 प्रतिशत वृद्धि हासिल करने में कामयाब होंगे।
चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-दिसंबर की अवधि में प्रत्यक्ष कर संग्रह 14.10 प्रतिशत बढ़कर 8.74 लाख करोड़ रुपये रहा।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को कहा कि 2014 से 2019 के नरेंद्र मोदी सरकार के कार्यकाल में भारत के करदाताओं की संख्या डबल से भी अधिक हो जाएगी।
चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में कुल प्रत्यक्ष कर संग्रह 16.7% बढ़कर 5.47 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
15वां वित्त आयोग केंद्र सरकार द्वारा लगाए जाने वाले उपकर और अधिभार पर कानूनी अध्ययन कराएगा। केंद्र द्वारा वसूल किए जाने वाले उपकर में से राज्यों को हिस्सा नहीं दिया जाता।
चालू वित्त वर्ष के पहले दस महीने यानि अप्रैल से लेकर जनवरी के दौरान डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में 19.3 प्रतिशत का उछाल दर्ज किया गया है।
चालू वित्त वर्ष के पहले साढ़े नौ महीने में सरकार का डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 18.7 प्रतिशत बढ़ा है, जो राहत देने वाली बात है।
चालू वित्त वर्ष 2017-18 में अप्रैल से लेकर नवंबर तक की अवधि में देश के डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में 14.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। इससे पिछले साल नवंबर में की गई नोटबंदी का असर अब पूरी तरह से खत्म होने का संकेत मिलता है।
देश में जीएसटी नामक नई इनडायरेक्ट टैक्स व्यवस्था लागू करने के बाद नरेंद्र मोदी सरकार अब दशकों पुरानी डायरेक्ट टैक्स व्यवस्था को बदलने जा रही है।
संपादक की पसंद