प्याज की थोक कीमतों में महाराष्ट्र के लासलगांव एपीएमसी में 40 प्रतिशत का उछाल देखने को मिला है।
सरकार ने सोमवार को प्याज की सभी किस्मों के निर्यात पर लगाई गई रोक को अगले साल एक जनवरी से हटाने का फैसला किया है।
केंद्र सरकार ने प्याज के निर्यात पर पाबंदी में ढील देते हुए 'बंगलोर रोज' और 'कृष्णापुरम' किस्म के प्याज के निर्यात की अनुमति दी है। इस छूट के साथ कुछ शर्तें भी जोड़ी गयी हैं।
घरेलू मार्केट में प्याज की बढ़ती कीमतों को देखते हुए सरकार ने पिछले महीने ही इसके निर्यात पर रोक लगा दी थी। लेकिन भारत से प्याज आयात करने वाले देशों ने निर्यात में कुछ ढील दिए जाने की मांग की थी जिसे देखते हुए सरकार ने अब सीमित मात्रा में प्याज की कुछ किस्मों के निर्यात पर ढील दे दी है।
भारत सरकार ने विशेष विचार पर बांग्लादेश को 25,000 टन प्याज निर्यात करने का निर्णय लिया है।
पत्र में प्याज के निर्यात को फिर से शुरू करने के लिए आवश्यक उपाय करने का अनुरोध किया गया है।
फसल वर्ष 2019-20 के दौरान देश में रिकॉर्ड 267.38 लाख टन प्याज का उत्पादन हुआ है जबकि 2018-19 के दौरान 228.19 लाख टन प्याज पैदा हुआ था।
सरकार ने सितंबर 2019 में प्याज के निर्यात पर पाबंदी लगाई थी और 850 डॉलर प्रति टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) भी तय किया था।
सरकार ने कृष्णापुरम प्याज का कुछ शर्तों के साथ निर्यात करने की अनुमति दे दी है। यह आंध्र प्रदेश के कृष्णामुरम इलाकें की खास किस्म की प्याज है।
चालू रबी सीजन में प्याज की पैदावार बढ़ने के मद्देनजर केंद्र सरकार इसके निर्यात पर प्रतिबंध हटाने पर विचार कर रही है।
प्याज की बढ़ती कीमतों को लेकर केंद्र सरकार ने एक और बड़ा कदम उठाया है। केंद्र सरकार ने प्याज की जमाखोरी रोकने के लिए प्याज कारोबारियों पर स्टॉक लिमिट लागू कर दी है।
आपूर्ति की कमी के कारण लगातार बढ़ रही प्याज की कीमतों के बीच केंद्र की मोदी सरकार ने तत्काल प्रभाव से सभी किस्मों के प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है। सरकार ने पूरे विश्व से प्याज की सभी किस्मों के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है।
प्याज के दाम को काबू में रखने के लिए सरकार की ओर से इस जून से ही किए जा रहे प्रयास विफल साबित हो रहे हैं क्योंकि प्याज ने देश के आम उपभोक्ताओं को रुलाना शुरू कर दिया है। देश की राजधानी दिल्ली स्थित आजादपुर मंडी में प्याज का थोक भाव 50 रुपए प्रति किलो हो गया है, जोकि 2015 के बाद का सबसे ऊंचा स्तर है।
प्याज की कीमतों में आई तेजी को देखते हुए केंद्र सरकार इसके निर्यात को प्रोत्साहित करने के लिए जो सब्सिडी दे रही थी उसे अब बंद करने की घोषणा की गई है।
सरकार ने आज एमईआईएस के तहत निर्यात प्रोत्साहन को मौजूदा 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 10 प्रतिशत करने की घोषणा की है।
अप्रैल 2017 से जनवरी 2018 के दौरान देश से प्याज निर्यात में 25 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट आई है, इस दौरान देश से सिर्फ 20.34 लाख टन प्याज का निर्यात हो पाया
सरकार ने प्याज किसानों को अच्छा भाव दिलाने के लिए न्यूनतम निर्यात मूल्य की शर्त को तो हटाया है लेकिन इसके बावजूद प्याज का भाव लगातार कम हो रहा है।
नवंबर के दौरान देश से सिर्फ 92944 टन प्याज का निर्यात हो पाया है, नवंबर 2015 के बाद ऐसा पहली बार हुआ है कि मासिक निर्यात 1 लाख टन से नीचे फिसला हो।
Onion Price : इस साल प्याज उत्पादन भी 10 लाख टन कम अनुमानित है, पिछले साल 224 लाख टन प्याज पैदा हुआ था और इस साल 214 लाख टन पैदा होने का अनुमान है
20 फरवरी 2018 तक प्याज के निर्यात के लिए 700 डॉलर प्रति टन न्यूनतम निर्यात मूल्य की शर्त लागू होगी, अबतक यह शर्त 850 डॉलर प्रति टन की थी
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