Dollar vs Rupees: डॉलर में मजबूती के कारण रुपये पर दबाव देखा जा रहा है और यह गिरकर अपने अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है।
यह गिरावट दुनिया भर में डी-डॉलरीकरण के ट्रेंड के जोर पकड़ने के बीच आई है। ग्लोबल सेंट्रेल बैंक रिजर्व में अमेरिकी डॉलर की हिस्सेदारी में गिरावट जारी है। रेन्मिन्बी दुनिया भर में चौथी सबसे ज्यादा इस्तेमाल की जाने वाली मुद्रा बन गई।
इस साल विदेशी मुद्रा भंडार में 57.634 अरब डॉलर की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। डॉलर में अभिव्यक्त की जाने वाली विदेशी मुद्रा आस्तियों में यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं में घट-बढ़ के प्रभावों को शामिल किया जाता है।
इनसाइडर की रिपोर्ट के अनुसार, बाल्मर की संपत्ति इस साल अनुमानित 29 अरब डॉलर से बढ़कर लगभग 115 अरब डॉलर हो गई है और वह अपने बॉस रहे बिल गेट्स से पीछे हैं जो 121 अरब डॉलर के साथ चौथे स्थान पर हैं।
भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) इस बदलाव को मूर्त रूप देने के लिए सोसायटी फॉर वर्ल्डवाइड इंटरबैंक फाइनेंशियल टेलीकम्यूनिकेशन यानी SWIFT के साथ सक्रिय रूप से चर्चा में लगे हुए हैं।
दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.42 प्रतिशत की गिरावट के साथ 103.48 पर आ गया।
Foriegn Reserve of India: पाकिस्तान की तुलना में भारत के पास काफी अधिक विदेशी मुद्रा भंडार है। आइए जानते हैं कि आंकड़े क्या कहते हैं? फिलहाल पाकिस्तान में आर्थिक स्थिति काफी खराब है।
पिछले साल रूसी आयात में युआन में भुगतान का हिस्सा 4 से बढ़कर 23 प्रतिशत हो गया। फरवरी में युआन ने अपने इतिहास में पहली बार मास्को एक्सचेंज पर सबसे अधिक कारोबार वाली मुद्रा के रूप में डॉलर को पीछे छोड़ दिया।
आपको बता दें कि अक्टूबर 2021 में देश का कुल विदेशीमुद्रा भंडार 645 अरब डॉलर के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था।
कारोबार के अंत में रुपया अपने पिछले बंद भाव की तुलना में 26 पैसे की तेजी के साथ 81.85 प्रति डॉलर पर बंद हुआ।
बता दें कि अमेरिकी प्रतिबंधों के बाद से भारत सहित दुनिया के विभिन्न देशों ने ईरान से तेल गैस खरीदना बंद कर दिया है। जिसके चलते वहां की अर्थव्यवस्था को बड़ा नुकसान झेलना पड़ा है।
Rupee Become International Currency Like Dollar: दुनिया की 5वीं बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के बाद पीएम मोदी के सपनों का भारत ऊंचाइयों की नई उड़ान पर है। प्रधानमंत्री मोदी की महत्वाकांक्षा रुपये को डॉलर का प्रतिद्वंदी बनाना है। जी हां...वही डॉलर जो वर्षों से पूरी दुनिया पर राज करता आ रहा है।
Rupees vs Dollar: डॉलर के मुकाबले रुपया एक बार फिर कमजोर हो गया है। रुपये में गिरावट से एक ओर जहां व्यापार घाटा बढ़ेगा वहीं दूसरी ओर जरूरी सामान के दाम में बढ़ोतरी होगी।
Rupee vs Dollar: रुपये में गिरावट आने से जुड़े एक सवाल के जवाब में वित्त मंत्री ने कहा कि सबसे पहली बात, मैं इसे इस तरह नहीं देखूंगी कि रुपया फिसल रहा है बल्कि मैं यह कहना चाहूंगी कि रुपये में मजबूती आई है।
दुनिया की प्रमुख छह मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की मजबूती को आंकने वाला डॉलर सूचकांक 0.06 प्रतिशत बढ़कर 111.27 पर पहुंच गया
पिछले कारोबारी दिन के मुकाबले 32 पैसे की भारी गिरावट दर्ज की गई। मंगलवार को रुपया 81.62 प्रति डॉलर के स्तर पर बंद हुआ था।
Dollar Vs Rupees: US Fed के द्वारा बढ़ाई गई ब्याज दरों का भारतीय रुपया पर बुरा असर पड़ रहा है। रुपया डॉलर के मुकाबले लगातार कमजोर होता जा रहा है। 28 सितंबर को रुपया ऑल टाइम लो (All Time Low) पर चला गया है।
Dollar Vs Rupee: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा था कि वृहद आर्थिक बुनियाद मजबूत होने से रुपये की स्थिति बेहतर है।
Dollar Vs Rupee: अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 81.47 पर खुला।
पाउंड 1980 के दशक की शुरुआत में देखे गए स्तरों पर कारोबार कर रहा है। हालांकि, इस दौरान अन्य मुद्राएं भी डॉलर के मुकाबले कमजोर हुई हैं।
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