नोटबंदी के बाद देश में ऐसी 73,000 कंपनियों के बैंक खातों में 24,000 करोड़ रुपए की रकम जमा कराई जिनका पंजीकरण अब रद्द किया जा चुका है। सरकारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली है।
यदि मुखौटा कंपनियों के निदेशक या अधिकृत हस्ताक्षरकर्ताओं द्वारा बैंक खातों से धन की हेराफेरी की कोशिश की जाती है, तो उन्हें 10 साल तक की जेल हो सकती है।
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