भारत 2027 तक जापान और जर्मनी को पछाड़कर तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। झारखंड, छत्तीसगढ़ और बिहार जैसे राज्यों की वृद्धि दर ऊंची होनी चाहिए। यदि ये राज्य 10 प्रतिशत से अधिक की दर से वृद्धि करें, तो भारत 10 प्रतिशत से अधिक की दर से आगे बढ़ेगा।
भारत, अमेरिका का तीसरा सबसे बड़ा स्मार्टफोन निर्यातक बन गया है। पहले स्थान पर चीन और दूसरे स्थान पर वियतनाम हैं।
ताई ने अबू धाबी में विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) की बैठक में अपने संबोधन में कहा कि चीन का आर्थिक विकास दुनिया भर में कई प्रतिस्पर्धी दबाव पैदा कर रहा है और संस्था में अब सुधार की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि 35,000 अरब अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का मतलब है कि हमें करीब तीन दशकों तक 9-10 फीसदी की सालाना वृद्धि की जरूरत है और इसका मतलब है कि हमें लगातार नवाचार करने की जरूरत है।
रिपोर्ट बताती है कि मुद्रास्फीति 9.1 प्रतिशत के शिखर से काफी कम हो गई है, लेकिन यह फेडरल रिजर्व के 2 प्रतिशत लक्ष्य से काफी ऊपर बनी हुई है।
भारत की ओर से चीन पर निर्भरता खत्म करने की मुहिम रंग ला रही है। चीन अब भारत का सबसे बड़ा कारोबारी साझीदार नहीं रह गया है। चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में चीने से होने वाला आयात में बड़ी कमी आई है।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और पीएम नरेंद्र मोदी के रिश्ते काफी मजबूत हैं। इसकी बानगी कई बार देखने को मिला है। दोनों नेता एक दूसरे को पूरी गर्मजोशी से मिलते हैं। हाल के दिनों में अमेरिका और भारत सरकार ने मिलकर कई सामानों पर टैक्स में कटौती की थी, जिससे उनकी कीमत कम करने में मदद मिली थी।
यह कदम 9-10 सितंबर को जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए बाइडेन की भारत यात्रा से पहले उठाया गया।
USA China: ‘वॉल स्ट्रीट जर्नल’ (डब्ल्यूएसजी) ने रविवार की अपनी बड़ी खबर में लिखा कि अर्थशास्त्री अब मानते हैं कि चीन बहुत धीमी वृद्धि के युग में प्रवेश कर रहा है। फिर भी वह अमेरिका से पंगा लेने में पीछे नहीं हट रहा है।
रेटिंग एजेंसी ने पीएनसी फाइनेंशियल सर्विसेज ग्रुप सहित 11 बैंकों का आउटलुक निगेटिव कर दिया है।
फिच ने अभी तक अमेरिका को सर्वोच्च रेटिंग दे रखी थी। लेकिन बढ़ते कर्ज को देखते हुए अब बाइडन सरकार की रेटिंग को एक पायदान घटाकर ट्रिपल A (AAA) से एए प्लस कर दिया है।
भारत चना, दाल और सेब सहित आठ अमेरिकी उत्पादों पर प्रतिशोधात्मक आयात शुल्क को खत्म करेगा।
PM Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश का डिफेंस सेक्टर अब दुनिया से कदमताल कर रहा है। इंडिया और अमेरिका एक साथ मिलकर हर स्तर पर काम कर रहे हैं।
सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध कंपनियों का विनियामक द्वारा निरीक्षण किया जाता है, जिससे पारदर्शिता सुनिश्चित करने और निवेशकों का विश्वास बनाए रखने में मदद मिलती है।
जेफरीज के विख्यात विश्लेषक क्रिस्टोफर वुड के अनुसार, बात यह है कि बइडेन का लक्ष्य आने वाले हफ्तों में एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर करना है, जो अमेरिकी व्यवसायों द्वारा चीन में निवेश को सीमित करेगा।
America's First Republic Bank: बैंक को बचाने के सभी प्रयासों के विफल होने के बाद ऐसा किया गया है। यहां सबसे खास बात यह है कि जेपी मॉर्गन फर्स्ट रिपब्लिक के सभी एसेट का अधिग्रहण करेगा।
Studying in America: भारत के आईटी पेशेवरों के बीच एच-1बी वीजा की सबसे अधिक मांग रहती है। हालांकि धीरे-धीरे स्टूडेंट्स वीजा की मांग भी बढ़ रही है। अब एक अच्छी खबर आई है।
H-1B Visa Updates: भारत के आईटी पेशेवरों के बीच एच-1बी वीजा की सबसे अधिक मांग रहती है। एच-1बी वीजा, एक गैर-अप्रवासी वीजा है जो अमेरिकी कंपनियों को ऐसे विशेष व्यवसायों में विदेशी कर्मचारियों को नियोजित करने की अनुमति देता है, जिन्हें तकनीकी विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है।
India's Progress Benefit: भारती की तरक्की हमारे देश के लिए अच्छी है। अमेरिका के लिए नहीं। ऐसा इससे पहले लोग कहते आ रहे थे। अब अमेरिका के एक अधिकारी ने कहा है कि भारत का विकास अमेरिका समेत पूरी दुनिया की तरक्की है।
भारत के आईटी पेशेवरों के बीच एच-1बी वीजा की सबसे अधिक मांग रहती है। एच-1बी वीजा, एक गैर-अप्रवासी वीजा है जो अमेरिकी कंपनियों को ऐसे विशेष व्यवसायों में विदेशी कर्मचारियों को नियोजित करने की अनुमति देता है, जिन्हें तकनीकी विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है।
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