Poplar Tree Farming : खेतों में चिनार के पेड़ उगाकर अच्छी-खासी कमाई की जा सकती है। इसे पॉपलर का पेड़ भी कहते हैं। इसकी लकड़ी प्लाईवुड और बोर्ड बनाने में काम आती है। इन पेड़ों के साथ ही आप दूसरी खेती भी कर सकते हैं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के आखिरी बजट में कई घोषणाएं की हैं। वित्त मंत्री ने कई बड़ी योजनाओं में आवंटन बढ़ाया है।
एआईएसटीए के मुताबिक, 3.16 करोड़ टन के अनुमानित चीनी उत्पादन और 57 लाख टन के शुरुआती भंडार के साथ देश में चीनी की उपलब्धता 3.73 करोड़ टन होने की संभावना है।
फसल वर्ष 2022-23 में गेहूं का उत्पादन रिकॉर्ड 11.055 करोड़ टन रहा, जबकि पिछले वर्ष 10. 77 करोड़ टन का उत्पादन हुआ था।
Green Revolution: ग्रीन एनर्जी कार्यक्रम के प्रोत्साहन के लिए सरकार एक योजना चलाएगी। पीएम प्रणाम कार्यक्रम की शुरुआत केंद्र के द्वारा वैकल्पिक उर्वरकों को बढ़ावा देने के लिए किया जाएगा। अगले तीन वर्षों तक एक करोड़ किसानों को ऑर्गेनिक खेती के लिए सहायता दी जाएगी।
Agriculture Budget 2023: भारत सरकार ने इस बार के बजट में देश के गरीब किसान के लिए झोला भर के फंड आवंटित किए हैं। सरकार की कोशिश कृषि सेक्टर को बूस्ट करने की है। नई टेक्नोलॉजी का एग्रीकल्चर सेक्टर में सरकार बढ़ावा देने की भी कोशिश करेगी।
Kisan Budget 2023: बजट में कृषि पर इस बार केंद्र सरकार अधिक फोकस करने जा रही है। केंद्र सरकार पहले भी एग्रीकल्टर सेक्टर को बढ़ाने के लिए कई ऐलान कर चुकी है। ऐसे में माकपा का इस तरह का बयान आना केंद्र सरकार को सवालों के घेरे में लाता है।
बजट पेश होने में महज एक हफ्ते से भी कम समय बचे हैं। सभी सेक्टर्स को इससे बेहतर की उम्मीद हैं, लेकिन उससे पहले किसान को लेकर आई इस रिपोर्ट ने हैरान कर दिया है।
बजट- 2023 जल्द ही आने वाला है, वहीं कृषि क्षेत्र को इस बजट से बहुत ज्यादा उम्मीदें हैं। बता दें कि पूर्ववत में सरकार ने किसानों की आमदनी दोगुना करने का लक्ष्य तय किया था, जिसको पूरा करने के लिये सरकार की ओर बेहतर कदम भी उठाये गये थे। इसके साथ ही बीते सालों की अपेक्षा सरकार ने कृषि क्षेत्र के लिये आवंटन को भी बढ़ाया है,
कृषि मंत्रालय से जारी एक बयान में यह कहा गया कि इस साल किसानों ने अधिक दर पर निजी व्यापारियों को गेंहू की बिक्री कर लगभग 5,994 करोड़ रुपए का मुनाफा कमाया है।
इंडिया टीवी के साथ बजट पर Exclusive बातचीत करते हुए नीति आयोग के CEO अमिताभ कांत ने कहा कि बजट में सबसे ज्यादा फोकस इंफ्रास्ट्रक्चर पर रहा है। महंगाई आउट ऑफ कंट्रोल नहीं है।
उन्होंने बैठक के सत्र ‘स्थिरता के पीछे एक प्रेरक शक्ति के रूप में अनुसंधान’ को संबोधित करते हुए कहा कि भारत में कृषि अनुसंधान ने देश को खाद्यान्न आयातक से, निर्यातक के रूप में बदलने में प्रमुख भूमिका निभाई हैं।
‘‘बंटवारे के कारण गांवों में जमीन की जोत छोटी हो रही है। देश के 80 प्रतिशत किसानों के पास दो हेक्टेयर से भी कम जमीन है। ’’
देश के किसानों को ये खबर मुश्किल में डाल सकती है। अब गुड़ उत्पादन से हुई आय को कृषि संबंधी गतिविधि नहीं माना जाएगा।
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कृषि क्षेत्र में निजी निवेश बढ़ाने की जरूरत पर जोर दिया है और उद्यमियों से खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां स्थापित करने की अपील की है।
पूसा कृषि विज्ञान मेले के उद्घाटन समारोह में बोलते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि लोकतंत्र में कोई सरकार किसानों को नुकसान पहुंचाने वाला कानून बनाने की गलती नहीं कर सकती
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय को वर्ष 2021-22 के लिए 5.63 प्रतिशत अधिक यानी 1,31,531 करोड़ रुपये का बजट आवंटन किया गया है और इसका आधा हिस्सा प्रधानमंत्री-किसान योजना पर खर्च किया जाएगा।
शुक्रवार को हुई हिंसा की घटना के बाद किसानों के धरने में किसी भी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है और पंजाब और हरियाणा के किसानों द्वारा सिंघू और टिकरी सीमाओं पर शांतिपूर्ण धरना जारी रहा। सरकार आज 30 से अधिक किसान संगठनों के साथ वार्ता कर रही है।
लुधियाना और जालंधर में उद्योगों को 22,000 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है। वहीं 13,500 से अधिक कंटेनर लुधियाना के पास ढंडारी में अटके हुए हैं वहीं प्रदर्शन का धान की फसल के उठान पर भी विपरीत असर पड़ा है और दिल्ली व राजपुरा में 60,000 बोरी का परिवहन नहीं हो सका है।
केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने मंगलवार को 2020- 21 की प्रमुख खरीफ फसलों का पहला अग्रिम उत्पादन का अनुमान जारी किया।
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