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सुप्रीम कोर्ट के फैसले से ऑटो कंपनियों को होगा 20-30 हजार करोड़ रुपए का नुकसान, अब कंपनियों के पास क्या है ऑप्शन

SC ने 1 अप्रैल से बीएस-3 वाहनों की बिक्री पर रोक लगा दी है। इससे कंपनियों को 20-30 हजार करोड़ रुपए का नुकसान होगा। कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट है।

Ankit Tyagi Ankit Tyagi
Updated on: March 30, 2017 7:28 IST
सुप्रीम कोर्ट के फैसले से ऑटो कंपनियों को होगा 20-30 हजार करोड़ रुपए का नुकसान, अब कंपनियों के पास क्या है ऑप्शन- India TV Paisa
सुप्रीम कोर्ट के फैसले से ऑटो कंपनियों को होगा 20-30 हजार करोड़ रुपए का नुकसान, अब कंपनियों के पास क्या है ऑप्शन

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने ऑटो कंपनियों को बड़ा झटका दिया है। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने 1 अप्रैल से बीएस-3 वाहनों की बिक्री पर रोक के फैसले को बरकरार रखा है। इस खबर के बाद ऑटो कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिल रही है, क्योंकि  ऑटो मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों की संस्था SIAM (Society of Indian Automobile Manufacturers) का कहना है SC के इस फैसले से कंपनियों को करीब 20-30 हजार करोड़ रुपए का नुकसान होने का अनुमान है।

यह भी पढ़े: ऑटो कंपनियों को लगा बड़ा झटका, सुप्रीम कोर्ट ने 1 अप्रैल से देश में BS-III वाहनों की बिक्री पर लगाई रोक

शेयरों में भारी गिरावट

देश की दिग्गज टू-व्हीलर कंपनी हीरो मोटोकॉर्प का शेयर 142 रुपए यानी 4.25 फीसदी तक लुढ़क गया है। वहीं, अशोक लीलैंड 3 फीसदी, आयशर मोटर्स 1.25 फीसदी, भारत फोर्ज, M&M, टाटा मोटर्स और टीवीएस मोटर्स 1.25 फीसदी तक लुढ़क गए है।

क्या है सुप्रीम कोर्ट का फैसला

  • सुप्रीम कोर्ट ने ऑटो कंपनियों को तगड़ा झटका दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने 1 अप्रैल से बीएस-3 वाहनों की बिक्री पर रोक के फैसले को बरकरार रखा है। लिहाजा, अब 1 अप्रैल से बीएस-3 वाहन नहीं बिकेंगे। इस तरह खासकर 2-व्हीलर्स और कमर्शियल वाहन बनाने वाली कंपनियों को सबसे ज्यादा झटका लगेगा।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि

कमर्शियल फायदे से ज्यादा आम लोगों की सेहत ज्यादा अहम है। 1 अप्रैल से बीएस-4 लागू करने के आदेश थे, ऐसे में कंपनियों को 1 अप्रैल की डेडलाइन पहले ही मालूम थी। गौरतलब है कि देश में 1 अप्रैल से बीएस-4 मानक लागू करने का फैसला किया गया है। वहीं कंपनियों ने बीएस-3 स्टॉक बेचने के लिए कोर्ट से 6-8 महीने की मोहलत मांगी थी।

कितनी इनवेंट्री बाकी

  • सोसाइटी ऑफ इंडि‍यन ऑटोमोबाइल मैन्‍युफैक्‍चरर्स (सि‍आम) ने सुप्रीम कोर्ट को जनवरी 2016 से मंथली बेस पर बीएस-3 व्‍हीकल्‍स की सेल और मैन्‍युफैक्‍चरिंग का डाटा दिया था।  उन्‍होंने बताया कि‍ कंपनियों के पास 8,24,275 ऐसे व्‍हीकल्‍स स्‍टॉक में हैं।

बिना बिके बीएस 3 व्हीकल्स

  • कमर्शि‍यल व्‍हीकल्‍स 96,724
  • टू-व्‍हीलर्स 6,71,308
  • थ्री व्‍हीलर्स 40,048
  • कार 16,198

अब क्या करेंगी कंपनियां

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बजाज ऑटो के एमडी राजीव बजाज का कहना है कि

कंपनिया अपनी इनवेंट्री को खत्म करने के लिए अन्य बाजारों में इन वाहनों को बेच सकती है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट का फैसला देश के हित में है।

क्या हैं BS (भारत चरण) के नियम

  • वायु प्रदूषण फैलाने वाले मोटर गाड़ियों सहित सभी इंजन वाले उपकरणों के लिए भारत चरण उत्सर्जन मानक (BS) की शुरुआत केंद्र सरकार ने वर्ष 2000 में की थी।
  • इसके विभिन्न मानदंडों को समय और मानकों के अनुसार, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन के मंत्रालय के तहत आने वाले केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर लाया जाता है. भारत चरण (BS) मानदंड यूरोपीय नियमों पर आधारित हैं।

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