STORY HIGHLIGHTS
- सिम्फनी के शेयर ने दस साल में दिया 2400 फीसदी का रिटर्न
- 2006 में शेयर का भाव 1 रुपए था, जो अब बढ़कर 2400 रुपए हो गया है।
- जीएसटी से कंपनी के प्रॉफिट मार्जिन्स में 5-6 फीसदी की तेजी आएगी।
- सिम्फनी इलेक्ट्रिकल प्रोडक्ट बनाने वाली कंपनी है।
नई दिल्ली। इलेक्ट्रिकल सामान बनाने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनी सिम्फनी के शेयर ने निवेशकों को मालामाल कर दिया है। अगर किसी निवेशक ने 2006 में इसके शेयर में एक हजार रुपए लगाए होते तो अब वह 12 लाख रुपए हो जाते। एक्सपर्ट्स कहते हैं कि कंपनी अपने सेग्मेंट में मार्केट लीडर है और उस पर कोई कर्ज भी नहीं है। कंपनी को आने वाले दिनों में बेहतर ऑर्डर बुक और जीएसटी पास होने का फायदा मिल सकता है।
सिम्फनी में हजार रुपए की रकम हुई 12 लाख
20 जून साल 2006 में पंखे और कूलर बनाने वाली कंपनी के स्टॉक का प्राइस मात्र रुपए था जो अब बढ़कर 2,401 रुपए हो गया है। इस लिहाज से इसमें हजार रुपए की रकम बढ़कर अब 12 लाख रुपए हो गई है। साल 2010 के बाद कंपनी अपने शेयरधारकों को 11 बार डिविडेंड भी दे चुकी है।
1995 में आया था आईपीओ
कंपनी का आईपीओ फरवरी 1995 में 45 रुपए पर आया था। हालांकि साल 2000 में कंपनी ने अपने प्रोडक्ट पोर्टफोलियो को बढ़ाने के लिए कई नए इनोवेटिव प्रोडक्ट उतारे, लेकिन वे चल नहीं पाए। इससे कंपनी की सेल्स पर निगेटिव असर पड़ा और स्टॉक गिरकर महज 2 रुपए पर आ गया है।
कंपनी के लिए टर्नअराउंड था साल 2006
सिम्फनी के सीएफओ बद्रेश महेता के मुताबिक साल 2006 के बाद कंपनी ने फिर से अपने कोर बिजनेस यानी कूलर सेग्मेंट पर फोकस बढ़ाया और नए मार्केट में कंपनी के प्रोडक्ट लॉन्च किए। साथ ही उत्तरी अमेरिका में एक बड़ी कंपनी टेलका को खरीदकर सेल्स बढ़ाई। इसके बाद कंपनी के कारोबार में 25-30 फीसदी की सालाना ग्रोथ देखने को मिली।
ग्रोथ बढ़ाने वाले ड्राइवर
मेहता कहते हैं कि सिम्फनी अपने सेग्मेंट की मार्केट लीडर है। ऑर्गनाइज्ड सेक्टर में कंपनी का कुल मार्केट शेयर 52 फीसदी है। सेक्टर की अन्य कंपनियों के मुकाबले सिम्फनी अपने प्रोडक्ट्स को 10-15 फीसदी प्रीमियम पर बेचती है। कंपनी का 60 से ज्यादा देशों में कारोबार है और इसे बढ़ाने के लिए लगातार नए मार्केट की तलाश कर रहे हैं।
कंपनी के सामने चुनौती
हाल में एसी बनाने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनी वोल्टास भी कूलर सेग्मेंट में उतर आई है, जिससे कंपनी के मार्केट शेयर पर असर पड़ सकता है। इसके अलावा कई और कंपनियां भी अपने प्रोडक्ट पोर्टफोलियो को बढ़ाने के लिए कूलर सेग्मेंट में उतरने की तैयारी में है।
कंपनी के फाइनेंशियल पर एक नजर
फाइनेंशियल ईयर 2015-16 के जनवरी-मार्च क्वार्टर में सिम्फनी का मुनाफा 27.4 फीसदी बढ़कर 46.5 करोड़ रुपए हो गया है।कंपनी की आय 10.9 फीसदी बढ़कर 138 करोड़ रुपए पर पहुंच गई है। वहीं, पिछले तीन साल में कंपनी के प्रॉफिट में औसत ग्रोथ 31.4 फीसदी रही है। इस दौरान कंपनी की आय 25.9 फीसदी की दर से बढ़ी है। प्रॉफिट मार्जिन्स 20 फीसदी रहे हैं।
जीएसटी से 5 फीसदी बढ़ेगा प्रॉफिट
मेहता कहते हैं कि इस बार मानसून सत्र में जीएसटी पास होने की पूरी उम्मीद है। जीएसटी से कंपनी के प्रॉफिट मार्जिन्स पर 5-6 फीसदी की तेजी आएगी।
निवशकों के लिए अभी भी है मौका
एजेंल ब्रोकिंग की रिपोर्ट के मुताबिक यह शेयर फाइनेंशियल ईयर 2017 की एस्टिमेटेड अर्निंग्स के 45 गुने पर ट्रेड कर रहा है, लेकिन एनालिस्ट्स का कहना है कि अगले कुछ महीनों में इससे 20 फीसदी रिटर्न मिल सकता है।
मायस्टॉकरिसर्च के हेड लोकेश उप्पल कहते हैं कि यह शेयर अच्छा दिख रहा है। मुझे अगले दो-तीन महीनों में इस शेयर का प्राइस 2,900 रुपए तक जाने की उम्मीद है।
डिस्केलमर: यह खबर कंपनी के पिछले प्रदर्शन पर तैयार की गई है। निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय अवश्य लें।