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AC कोच में नहीं मिलेगा कंबल!, जानिए यात्रियों को ठंड से बचाने के लिए क्‍या कर रही है रेलवे

रेलवे ऐसी कोच में कंबल की व्‍यवस्‍था को खत्‍म करने पर विचार कर रहा है। इसकी जगह रेल प्रशासन ऐसा फॉमूला तैयार कर रहा है जिससे आपको कंबल की जरूरत ही न हो

Sachin Chaturvedi Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Published on: July 29, 2017 19:04 IST
AC कोच में नहीं मिलेगा कंबल!, जानिए यात्रियों को ठंड से बचाने के लिए क्‍या कर रही है रेलवे- India TV Paisa
AC कोच में नहीं मिलेगा कंबल!, जानिए यात्रियों को ठंड से बचाने के लिए क्‍या कर रही है रेलवे

 नई दिल्‍ली। हो सकता है कि आप अगली बार रेलवे में सफर करें और कोच अटेंडेंट आपके लिए कंबल न लेकर आए। जी हां, रेलवे ऐसी कोच में कंबल की व्‍यवस्‍था को खत्‍म करने पर विचार कर रहा है। इसकी जगह रेल प्रशासन ट्रेन के ऐसी कोच का तापमान बढ़ाएगा, जिससे यात्रियों को कंबल की जरूरत ही न पड़े। हाल ही में सीएजी की रिपोर्ट में भी रेलवे के कंबल और चादर बेहद गंदे होने की बात कही गई थी। वहीं रेलवे की माने तो उसे प्रत्‍येक कंबल के ड्राय वॉश पर 55 रुपए खर्च करने पड़ते हैं, लेकिन इसके लिए ग्राहकों से 22 रूपए वसूले जाते हैं। कंबलों की व्‍यवस्‍था खत्‍म होने से रेलवे यहां से भी बचत कर सकेगा।

रेलवे के सूत्रों के मुताबिक रेल प्रशासन रेल के ऐसी कोच का तापमान बढ़ाने पर विचार कर रहा है। फिलहाल रेल के ऐसी कोच का औसत तापमान 19 डिग्री सेल्‍सियस रहता है। रेलवे इसे बढ़ाकर 22 से 24 डिग्री तक करने की तैयारी में है। रेलवे का मानना है कि अधिक औसत तापमान होने के चलते लोगों को कंबल की जरूरत नहीं होगी। इससे रेलवे को कंबलों और चादरों के रखरखाव पर होने वाला खर्च भी कम करने का मौका मिलेगा।

इसके अलावा रेलवे कंबलों की बजाए हल्‍की रजाई की व्‍यवस्‍था शुरू करने की तैयारी भी कर रहा है। गरीबरथ जैसी ट्रेनों में यह व्‍यवस्‍था शुरू भी हो गई है। रजाइयों की धुलाई कंबल के मुकाबले काफी आसान होती है और इनका रखरखाव भी कंबलों के मुकाबले काफी सस्‍ता होता है। रेलवे बोर्ड के निदेर्शों के अनुसार चादर को प्रत्‍येक इस्‍तेमाल के बाद धोना जरूरी है, वहीं प्रत्‍येक 2 महीने में कंबलों की ड्राइक्‍लीनिंग जरूरी है। लेकिन सीएजी की रिपोर्ट में सामने आया कि 2 महीने क्‍या 3 साल में भी कंबलों की ड्राइक्‍लीनिंग नहीं की गई।

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