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नीति आयोग ने पिछड़ा जिला कार्यक्रम में निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाने का किया आह्वान, 117 जिलों का होगा कायाकल्‍प

नीति आयोग ने सरकार के पिछड़ा जिला कार्यक्रम की सफलता के लिए निजी क्षेत्र से और भागीदारी का आह्वान किया है। इस कार्यक्रम का मकसद देश के सबसे ज्‍यादा पिछड़े 117 जिलों में व्यापक बदलाव लाना है।

India TV Paisa Desk Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: August 21, 2018 17:29 IST
Backward Districts- India TV Paisa

Backward Districts

नई दिल्ली। नीति आयोग ने सरकार के पिछड़ा जिला कार्यक्रम की सफलता के लिए निजी क्षेत्र से और भागीदारी का आह्वान किया है। इस कार्यक्रम का मकसद देश के सबसे ज्‍यादा पिछड़े 117 जिलों में व्यापक बदलाव लाना है। नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कांत ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि विकास के लिहाज से इन जिलों के पटरी पर आने से देश की वृद्धि को भी गति मिलेगी।

भारत-अमेरिका चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि 3 साल के भीतर ये 117 जिले भारत की तकदीर बदलने को प्रतिबद्ध हैं और अगर इनमें रूपांतरण आता है तो भारत भी तेजी से स्वयं में बदलाव लाएगा क्योंकि ग्रोथ रेट में करीब 1 से 1.5 प्रतिशत की वृद्धि होगी। ये जिले ग्रोथ के प्रमुख चालक होंगे।

कांत ने कहा कि लेकिन सरकार अकेले इतने बड़े स्तर पर बदलाव नहीं ला सकती तथा निजी कंपनियों को इस अभियान में जुड़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें निजी क्षेत्र से बड़े पैमाने पर निवेश की जरूरत है। सरकार के लिए अकेले इतने बड़े स्तर पर बदलाव की कोई संभावना है। हमें सरकार तथा निजी क्षेत्र के बीच बड़ी भागीदारी की जरूरत है और यही हमें सतत विकास की ओर ले जाएगा।

फिलहाल टाटा ट्रस्ट, बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन, पीरामल, आईटीसी जैसी प्रमुख कंपनियां इस कार्यक्रम से जुड़ी हुई हैं। सरकार ने पिछड़े जिलों में विकास को रफ्तार देने के लिए इस साल की शुरूआत में कार्यक्रम की शुरूआत की। इसका मकसद 117 सर्वाधिक पिछड़े जिलों में तेजी से और तीव्रता से बदलाव लाना है।

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