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पिछले साल दाखिल आईटी रिटर्न में से सिर्फ 0.35 प्रतिशत की ही होगी जांच, 6.86 करोड़ रिटर्न किए गए थे दाखिल

आयकर विभाग ने गुरुवार को कहा कि आकलन वर्ष 2017-18 में दायर 6.86 करोड़ आयकर रिटर्न में सिर्फ 0.35 प्रतिशत को ही जांच के लिए छांटा गया है।

India TV Paisa Desk Edited by: India TV Paisa Desk
Updated on: August 09, 2018 20:22 IST
Income Tax Department- India TV Paisa

Income Tax Department

नई दिल्ली आयकर विभाग ने गुरुवार को कहा कि आकलन वर्ष 2017-18 में दायर 6.86 करोड़ आयकर रिटर्न में सिर्फ 0.35 प्रतिशत को ही जांच के लिए छांटा गया है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के चेयरमैन सुशील चंद्रा ने कहा कि विभाग को आयकरदाताओं पर भरोसा है, लेकिन कर चोरी करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।

चंद्रा ने उद्योग मंडल एसोचैम के कार्यक्रम में कहा कि हमने कर आधार बढ़ाया है, लेकिन हमें करदाताओं पर विश्वास है। पिछले साल हमें 6.86 करोड़ आयकर रिटर्न मिले। इनमें से मैंने सिर्फ 0.35 प्रतिशत को ही जांच के लिए चुना है। इसका मतलब है कि 99.65 प्रतिशत आयकरदाता चैन की नींद सो सकते हैं।

चंद्रा ने कहा कि जो 0.35 प्रतिशत मामले जांच के लिए चुने गए हैं उनमें से 0.15 प्रतिशत की ‘सीमित जांच‘ होगी और 0.20 प्रतिशत की ‘पूर्ण जांच’ होगी। उन्होंने कहा कि इसका मतलब है कि बड़ी कर चोरी वाले मामलों की ही जांच होगी।

आयकर प्रणाली में जांच की प्रक्रिया के तहत करदाता को उनके आयकर रिटर्न की समीक्षा के बाद आकलन अधिकारी (एओ) को कई दस्तावेज देने को कहा जाता है।

आयकर रिटर्न की जांच आयकरदाताओं के लिए परेशानी का सबब होती है। पूर्व में करीब एक प्रतिशत आयकर रिटर्न को जांच के लिए छांटा जाता था। अब इस आंकड़े को घटाकर 0.35 प्रतिशत पर लाया गया है। उन्होंने कहा कि कर अधिकारियों ने विभाग के पास आंकड़ों के आधार पर 4,700 अभियोजन के मामले दायर किए थे।

चंद्रा ने कहा कि आप अपना पैसा कर पनाहगाह या किसी अन्य देश में भेज सकते हैं, लेकिन हमारे पास कई देशों के साथ सूचनाओं के स्वत: आदान-प्रदान की प्रणाली है। कोई बच नहीं सकता। हमारे पास सारी सूचना है। लोग सोचते हैं कि सीमाएं काफी दूर हैं, लेकिन विभिन्न देशों की आर्थिक सीमाएं एक दूसरे के काफी नजदीक हैं।

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