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ICICI Bank में चंदा कोचर के कार्यकाल का फैसला RBI या बैंक के निदेशक मंडल के अधिकार क्षेत्र में : वित्‍त मंत्रालय

वित्त मंत्रालय का मानना है कि निजी क्षेत्र के बैंक अईसीआईसीआई बैंक के मामलों को देखना और उसके बारे में कोई फैसला लेना उसका काम नहीं है। हालांकि, एक नियामक के तौर पर रिजर्व बैंक इस मामले पर गौर कर सकता है। मंत्रालय के आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।

Manish Mishra Edited by: Manish Mishra
Published on: April 10, 2018 10:05 IST
ICICI Bank CEO and MD Chanda Kochhar- India TV Paisa

ICICI Bank CEO and MD Chanda Kochhar

 

नई दिल्ली। बैंक संचालन में भाई-भतीजावाद के आरोपों का सामना कर रही निजी क्षेत्र के अग्रणी बैंक आईसीआईसीआई बैंक की प्रबंध निदेशक और सीईओ चंदा कोचर के कार्यकाल को लेकर कोई भी फैसला लेना बैंक क्षेत्र के नियामक रिजर्व बैंक या फिर आईसीआईसीआई बैंक के निदेशक मंडल के अधिकार क्षेत्र में आता है। आधिकारिक सूत्रों का यह कहना है। वित्त मंत्रालय का मानना है कि निजी क्षेत्र के बैंक अईसीआईसीआई बैंक के मामलों को देखना और उसके बारे में कोई फैसला लेना उसका काम नहीं है। हालांकि, एक नियामक के तौर पर रिजर्व बैंक इस मामले पर गौर कर सकता है। मंत्रालय के आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।

वित्त मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि यह देखना रिजर्व बैंक का काम है कि चंदा कोचर को आईसीआईसीआई बैंक की प्रबंध निदेशक और सीईओ के पद पर बने रहना चाहिए या नहीं। मंत्रालय ने कहा है कि नियामक और आईसीआईसीआई बैंक का निदेशक मंडल इस बारे में निर्णय लेने में सक्षम है। कोचर के खिलाफ अपने कामकाज में भाई भतीजावाद चलाने का आरोप है। इससे बैंकों के कार्य संचालन को लेकर सवालिया निशान लग गया है।

रिपोर्टों के अनुसार कोचर के पति दीपक कोचर ने वीडियोकॉन समूह के प्रवर्तक वेणुगोपाल धूत के साथ मिलकर नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में कारोबार के लिए एक संयुक्त उद्यम बनाया। इसके बाद इस उद्यम में कई लेनदेन किए गए और धूत के बाहर होने के बाद में कंपनी का पूरा नियंत्रण दीपक कोचर के हाथ में आ गया।

आईसीआईसीआई बैंक ने पिछले माह स्वीकार किया कि कोचर ने वीडियोकॉन समूह को कर्ज देने वाले बैंकों के समूह की समिति से अपने आप को अलग नहीं किया और 2012 में वीडियोकॉन को बैंक से 3,250 करोड़ रुपए का कर्ज दिया गया।

केंद्रीय जांच ब्यूरो ने इस मामले में प्राथमिक जांच शुरू की है। जांच में पता किया जा रहा है कि क्या गलत हुआ है। प्रवर्तन निदेशालय सहित अन्य एजेंसियां भी मामले में जांच कर रही है।

सीईओ के रूप में चंदा का समर्थन शायद नहीं करें निदेशक मंडल के कुछ सदस्य’

आईसीआईसीआई बैंक निदेशक मंडल के कुछ सदस्य चंदा कोचर को मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) तथा प्रबंध निदेशक पद पर बने रहने का संभवत: समर्थन नहीं करेंगे। वीडियोकॉन कर्ज मामले में विवाद के बीच यह बात सामने आई है। सूत्रों ने कहा कि चंदा के शीर्ष पद पर बने रहने को कुछ स्वतंत्र निदेशक संभवत: समर्थन नहीं करेंगे।

रिपोर्ट के अनुसार चंदा के पति दीपक कोचर ने अक्षय ऊर्जा में कारोबार के लिए वीडियोकॉन के प्रवर्तक वेणुगोपाल धूत के साथ मिलकर संयुक्त उद्यम बनाया था। बाद में धूत संयुक्त उद्यम से बाहर हो गए। बैंक ने यह स्वीकार किया है कि चंदा कोचर ऋण समिति की उस बैठक में शामिल होने से स्वयं को अलग नहीं कर सकी थी जिसमें 3,250 करोड़ रुपए का कर्ज वीडियोकॉन समूह को 2012 में दिया गया।

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