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अमेरिका-चीन को पीछे छोड़ भारत दूसरे साल नंबर-1, मिला सबसे ज्यादा 6231 करोड़ डॉलर का विदेशी निवेश

भारत लगातार दूसरे साल दुनिया में सबसे ज्यादा नया प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आकर्षित करने वाला देश रहा है। साल 2006 में भारत में $6230 करोड़ का विदेशी निवेश आया।

Ankit Tyagi Ankit Tyagi
Updated on: May 26, 2017 10:14 IST
अमेरिका-चीन को पीछे छोड़ भारत दूसरे साल नंबर-1, मिला सबसे ज्यादा 6231 करोड़ डॉलर का विदेशी निवेश- India TV Paisa
अमेरिका-चीन को पीछे छोड़ भारत दूसरे साल नंबर-1, मिला सबसे ज्यादा 6231 करोड़ डॉलर का विदेशी निवेश

नई दिल्ली।भारत लगातार दूसरे साल दुनिया में सबसे ज्यादा नया प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) आकर्षित करने वाला देश रहा है। एक सर्वेक्षण की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2016 में भारत में 6230 करोड़ डॉलर (करीब 4,11,180 करोड़ रुपए) का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आया।

भारत लगातार दूसरे साल नंबर-1 

रिपोर्ट के अनुसार, भारत, चीन और अमेरिका से आगे रहते हुए लगातार दूसरे साल दुनिया का नई परियोजनाओं में एफडीआई निवेश पाने वाला शीर्ष देश रहा है। वर्ष 2016 के दौरान भारत में 809 परियोजनाओं में 6230 करोड़ डॉलर का निवेश आया। यह भी पढ़े: जेटली से हाइब्रिड वाहनों पर टैक्स घटाने का आग्रह करेंगे गडकरी, जीएसटी में 43 फीसदी तक का है प्रावधान

रिपोर्ट के जरिए हुआ खुलासा

एफडीआई रिपोर्ट-2017 के अनुसार पिछले साल की तुलना में भारत एफडीआई प्रवाह की दृष्टि से चीन और अमेरिका से बहुत आगे है। इस रिपोर्ट को एफडीआई इंटेलीजेंस ने संगृहित किया है जो फाइनेंशियल टाइम्स लिमिटेड का एक विभाग है। यह भी पढ़े: Jio Effect: वोडाफोन ने लॉन्‍च किए दो नए प्‍लान, प्रतिदिन 19 रुपए में मिलेगा 4G डाटा और अनलिमिटेड कॉल की सुविधा

विदेशी निवेश बढ़ाने के लिए खत्म किया FIPB

केंद्रीय कैबिनेट ने 25 साल पुराने विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) को खत्म करने के प्रस्ताव पर बुधवार को मुहर लगा दी। बोर्ड वैसे प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की पड़ताल कर रहा था जिसे सरकार की स्वीकृति की जरूरत होती थी। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 1 फरवरी को अपने बजट भाषण में एफआईपीबी की समाप्ती की घोषणा की थी। यह वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग के तहत विभिन्न मंत्रालयों के बीच काम करता था। यह भी पढ़े: Idea ने शुरू की देश भर में 4G सर्विस, ग्राहकों को मुफ्त मिलेगा 10 GB 4G डाटा

1990 में आर्थिक उदारीकरण के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के अधीन एफआईपीबी का गठन हुआ था। अभी रक्षा एवं खुदरा व्यापार समेत सिर्फ 11 सेक्टरों में ही एफडीआई के प्रस्तावों को सरकार की मंजूरी की जरूरत पड़ती है।

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