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कपास की बढ़ती कीमतों पर अंकुश के लिए सरकार जमा स्टॉक निकालेगी

सरकार ने भारतीय कपास निगम के मौजूदा भंडार को मध्यम, लघु एवं सूक्ष्म कताई इकाइयों को बेचने का निर्णय किया है

Abhishek Shrivastava Abhishek Shrivastava
Updated on: July 16, 2016 19:15 IST
कपास की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाएगी सरकार, जमा स्‍टॉक से छोटी इकाइयों को की जाएगी बिक्री- India TV Paisa
कपास की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाएगी सरकार, जमा स्‍टॉक से छोटी इकाइयों को की जाएगी बिक्री

नई दिल्‍ली। सरकार ने भारतीय कपास निगम के मौजूदा भंडार को मध्यम, लघु एवं सूक्ष्म कताई इकाइयों को बेचने का निर्णय किया है, ताकि कपास की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाई जा सके। निगम ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर यह कपास खरीदा था।

कपड़ा मंत्रालय ने यहां एक बयान में बताया कि कपास की कीमतों में हाल में आए उछाल से भारत में कताई इकाइयों की लागत बढ़ गई है। इस साल मई में कपास की कीमत 35,000 रुपए प्रति कैंडी (356 किलोग्राम) तक पहुंच गई थी। कपास निगम ने इस साल मई में 8,40,000 कपास की गांठों की खरीद की थी। निगम कपास की खरीद किसानों से तब करता है, जब उसके दाम बाजार में समर्थन मूल्य से नीचे चले जाते हैं।

वर्ष 2015-16 में कपास उत्पादन घटकर 338 लाख गांठ रहने का अनुमान

कपड़ा सचिव कविता गुप्ता के अनुसार 30 सितंबर 2016 तक कपास का पुराना भंडार 43 लाख गांठ रहने का अनुमान है। एक गांठ में 170 किलो कपास होती है। बयान के अनुसार इस स्थिति की समीक्षा करते हुए सरकार ने निर्णय किया है कि निगम अपने मौजूदा कपास भंडार को केवल मध्यम, लघु एवं सूक्ष्म श्रेणी की कताई इकाइयों को बेचेगा। कृषि विभाग ने जानकारी दी है कि फसल वर्ष अक्‍टूबर-सितंबर के तहत 15 जुलाई तक 75.41 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में कपास की बुवाई हो चुकी है, जो पिछले साल की इसी अवधि में 78 लाख हेक्टेयर थी।

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