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कालेधन को सफेद करने का जरिया बनी क्रिप्‍टोकरेंसी, नोटबंदी के बाद देश में बढ़ी बिटकॉइन की डिमांड

नोटबंदी के बाद कालाधन रखने वाले लोग अब अपना पैसा बिटकॉइन में लगा रहे हैं, जिससे इसकी मांग और दाम दोनों बढ़ रहे हैं।

Abhishek Shrivastava Written by: Abhishek Shrivastava
Published on: January 28, 2018 14:16 IST
black money bitcoin - India TV Paisa
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नई दिल्‍ली। देश में बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी की बढ़ती मांग के प्रति सरकार को सतर्क रहना चाहिए। ऐसी संभावना है कि नोटबंदी के बाद कालाधन रखने वाले लोग अब अपना पैसा बिटकॉइन में लगा रहे हैं, जिससे इसकी मांग और दाम दोनों बढ़ रहे हैं। यह कहना है कि राष्‍ट्रीय स्‍वयं सेवक संघ (आरएसएस) की सहयोगी संस्‍था स्‍वदेशी जागरण मंच के सह-संयोजक अश्‍वनी महाजन का। उन्‍होंने अभी तक देश में कालेधन के आकार और मात्रा का पता न चलने पर भी अपनी निराशा जताई है।

महाजन ने कहा कि सरकार को भारत से बाहर रखे कालेधन का पता लगाने के लिए नई-नई टेक्‍नोलॉजी के इस्‍तेमाल पर ध्‍यान देना चाहिए। उन्‍होंने कहा कि आज तक कोई भी भारत में कालेधन के आकार और मात्रा के बारे में नहीं जानता, हमें इसके लिए टेक्‍नोलॉजी का इस्‍तेमाल करना चाहिए। इसके दुरुपयोग के जरिये कालेधन को देश से बाहर ले जाया जा रहा है। हमें इसके प्रति सतर्क रहने की जरूरत है।

उन्‍होंने कहा कि कि नोटबंदी के बाद जिस प्रकार बिटकॉइन की डिमांड 25 प्रतिशत तक बढ़ी है इसके प्रति भी हमें सावधानी बरतने की आवश्‍यकता है। हमें ऐसा देखा है लेकिन इसके लिए अभी तक कुछ किया नहीं है। कालेधन पर लगाम कसने के लिए सरकार ने नवंबर 2016 में 500 और 1000 रुपए के बड़े नोटों को प्रतिबंधित कर दिया था। वर्ल्‍ड इकोनॉमिक फोरम की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक नोटबंदी के बाद क्रिप्‍टोकरेंसी का मूल्‍य पूरी दुनिया में बढ़ते हुए देखा गया। पिछले चार सालों में बिटकॉइन का मूल्‍य 12 गुना से अधिक बढ़ चुका है और क्रिप्‍टोकरेंसी का संयुक्‍त बाजार 500 अरब डॉलर से अधिक का हो चुका है।

इस महीने की शुरुआत में वित्‍त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि बिटकॉइन य कोई भी क्रिप्‍टोकरेंसी कानूनी मुद्रा नहीं है और जो लोग भी इसके लेनदेन में लिप्‍त हैं वह ऐसा अपने जोखिम पर कर रहे हैं, इसके लिए सरकार जिम्‍मेदारी नहीं होगी। सरकार ने यह भी कहा है कि वह ऐसे मामलों की भी जांच कर रही है, जिसमें यह आरोप लगाए गए हैं कि नोटबंदी के दौरान कालाधन रखने वाले लोगों ने इसका निवेश क्रिप्‍टोकरेंसी में किया है।

ऐसी खबरें सरकार तक पहुंची हैं कि नोटबंदी के दौरान कुछ लोगों ने बिटकॉइन में कालाधन निवेश किया है और ऐसा माना जा रहा है कि बिटकॉइन में अचानक आई इस तेजी के पीछे यह भी एक प्रमुख कारण है। सरकार द्वारा पिछले साल नियुक्‍त एक समिति क्रिप्‍टोकरेंसी से जुड़े इस मुद्दें की जांच कर रही है और जल्‍द ही वह अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपने वाली है।

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