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अगले महीने घट सकती हैं ब्‍याज दरें, IIP की वृद्धि दर घटने और महंगाई के निचले स्तर पर रहने से बढ़ी संभावना

महंगाई दर 4 से 6 प्रतिशत के मुद्रास्फीति के लक्ष्य से कम है। ऐसे में इस बात की संभावना बनी है कि रिजर्व बैंक नीतिगत ब्‍याज दरें और घटा सकता है।

Abhishek Shrivastava Abhishek Shrivastava
Published on: September 13, 2017 11:44 IST
अगले महीने घट सकती हैं ब्‍याज दरें, IIP की वृद्धि दर घटने और महंगाई के निचले स्तर पर रहने से बढ़ी संभावना- India TV Paisa
अगले महीने घट सकती हैं ब्‍याज दरें, IIP की वृद्धि दर घटने और महंगाई के निचले स्तर पर रहने से बढ़ी संभावना

नई दिल्ली। जुलाई महीने में देश में औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) की वृद्धि दर में कमी आई है और यह 1.2 प्रतिशत रही है। वहीं अगस्त महीने की मुद्रास्फीति की दर पांच महीने के उच्चस्तर 3.36 प्रतिशत पर पहुंच गई। इसके बावजूद यह रिजर्व बैंक के 4 से 6 प्रतिशत के मुद्रास्फीति के लक्ष्य से कम है। ऐसे में इस बात की संभावना बनी है कि रिजर्व बैंक नीतिगत ब्‍याज दरें और घटा सकता है।

विनिर्माण क्षेत्र के खराब प्रदर्शन की वजह से जुलाई में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर घटकर 1.2 प्रतिशत रह गई। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय के आंकड़ों के अनुसार फल और सब्जियां महंगी होने की वजह से अगस्त माह में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति बढ़कर 3.36 प्रतिशत पर पहुंच गई है, जो जुलाई में 2.36 प्रतिशत पर थी।

केंद्रीय बैंक ने पिछले महीने मुद्रास्फीति में नरमी के चलते नीतिगत दरों यानी रेपो दर को चौथाई प्रतिशत घटाकर 6 प्रतिशत किया था। रिजर्व बैंक की अगली द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा बैठक 4 अक्‍टूबर को होगी। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने खुदरा कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर चिंतित होने के सवाल पर कहा, निश्चित रूप से नहीं। वास्तव में मुद्रास्फीति रिजर्व बैंक के 4 से 6 प्रतिशत के लक्ष्य से कम है। जून महीने में औद्योगिक उत्पादन 0.2 प्रतिशत घटा था।

अप्रैल-जुलाई के दौरान औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर 1.7 प्रतिशत रही है, जो पिछले साल इसी अवधि में 6.5 प्रतिशत रही थी। सूचकांक में 77.6 प्रतिशत हिस्सेदारी रखने वाले विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर जुलाई में घटकर 0.1 प्रतिशत रही, जो 2016 के इसी महीने में 5.3 प्रतिशत थी। पूंजीगत वस्तुओं का उत्पादन जुलाई में एक प्रतिशत घटा जबकि एक साल पहले इसी महीने में इसमें 8.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। उपभोक्ता मूल्यू सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति जुलाई में 2.36 प्रतिशत रही थी। अगस्त महीने का खुदरा मुद्रास्फीति का आंकड़ा मार्च 2017 के बाद सबसे ऊंचा है। उस समय यह 3.89 प्रतिशत पर थी।

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