Friday, April 19, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. Big Challenge: नीतीश कुमार ने पांचवीं बार संभाली बिहार की कमान, इन आर्थिक चुनौतियों से होगा निपटना

Big Challenge: नीतीश कुमार ने पांचवीं बार संभाली बिहार की कमान, इन आर्थिक चुनौतियों से होगा निपटना

नीतीश कुमार ने लगातार पांचवीं बार मुख्‍यमंत्री का पद संभाल लिया है। शुक्रवार को नीतीश कुमार ने बिहार के 34वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहन किया है।

Abhishek Shrivastava Abhishek Shrivastava
Updated on: November 20, 2015 21:16 IST
Big Challenge: नीतीश कुमार ने पांचवीं बार संभाली बिहार की कमान, इन आर्थिक चुनौतियों से होगा निपटना- India TV Paisa
Big Challenge: नीतीश कुमार ने पांचवीं बार संभाली बिहार की कमान, इन आर्थिक चुनौतियों से होगा निपटना

नई दिल्‍ली। हाल में खत्म हुए बिहार चुनाव में भारी बहुमत पाने वाले नीतीश कुमार ने लगातार पांचवीं बार मुख्‍यमंत्री का पद संभाल लिया है। शुक्रवार को नीतीश कुमार ने बिहार के 34वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की। नीतीश कुमार के सामने अब अगली चुनौती स्‍थायी रूप से सरकार चलाने और राज्‍य की अर्थव्‍यवस्‍था में तेज विकास लाना है। इसमें भी सबसे ज्‍यादा महत्‍वपूर्ण है राज्‍य के विकास की रणनीति और युवाओं के लिए रोजगार मुहैया कराना।

तेज ग्रोथ की जरूरत

बिहार को चीन की तरह ग्रोथ करने की जरूरत है। प्रति व्‍यक्ति आय के मामले में यह बहुत पीछे है और इसकी अर्थव्‍यवस्‍था भी बहुत छोटी है। इस संदर्भ में, पिछले 10 सालों में बिहार की 9.3 फीसदी चक्रवृद्धि औसत विकास दर (सीएजीआर) बहुत कम है, जहां 40 फीसदी जनसंख्‍या गरीबी रेखा से नीचे रहती है। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्‍वयन मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक 2014-15 में राज्‍य की अर्थव्‍यवस्‍था देश में 14वीं बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था है। 2004-05 में जब नी‍तीश कुमार पहली बार मुख्‍यमंत्री बने थे तब इसका स्‍थान 15वां था। 2014-15 में अर्थव्‍यवस्‍था का आकार 1,89,789 करोड़ रुपए अनुमानित है। महाराष्‍ट्र, जहां बिहार से कई लोग विस्‍थापित होकर रोजगार की तलाश में यहां आते हैं, इस मामले में इससे पांच गुना बड़ा है, इसकी अर्थव्‍यवस्‍था का आकार 9,47,550 करोड़ रुपए है।

कमाई में भारी अंतर

बिहार में लोगों की आय दिल्‍ली में रहने वालों से काफी कम है। यहां की प्रति व्‍यक्ति आय 36,143 रुपए है, जबकि दिल्‍ली में प्रति व्‍यक्ति आय 2,40,849 रुपए है। पड़ोसी राज्‍य उत्‍तर प्रदेश में प्रति व्‍यक्ति आय 40,373 रुपए है। रंगराजन कमे‍टी के 2011-12 के प्रति व्‍यक्ति मासिक उपभोग खर्च आंकड़ों के मुताबिक बिहार की 40 फीसदी जनसंख्‍या, तकरीबन 4.4 करोड़, गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रही है। पिछले एक दशक में कंस्‍ट्रक्‍शन और टेलिकम्‍यूनिकेशन के क्षेत्र में अच्‍छी ग्रोथ आई है। लेकिन यहां और अधिक कारोबारी निवेश की आवश्‍यकता है, जिससे ग्रोथ के साथ ही युवाओं के लिए रोजगार भी पैदा किए जा सकें।

bihar gallery

img-1IndiaTV Paisa

img-2IndiaTV Paisa

img-3IndiaTV Paisa

सबसे कम इंडस्‍ट्री

पिछले 10 सालों में भले ही बिहार में कानून व्‍यवस्‍था में सुधार आया हो, बावजूद इसके अभी भी राज्‍य को निवेश आकर्षित करने के लिए बहुत काम करने की जरूरत है। वर्ल्‍ड बैंक और डिपार्टमेंट ऑफ इंडस्ट्रियल पॉलिसी और प्रमोशन द्वारा ईज ऑफ डूईंग बिजनेस पर तैयार की गई लिस्‍ट में बिहार 21वें नंबर पर है, जो इसे कारोबार के लिए आकर्षक स्‍थान नहीं बनाता है। इसके मुकाबले अन्‍य गरीब और पिछड़े राज्‍य जैसे झारखंड और छत्‍तीसगढ़ क्रमश: तीसरे और चौथे नंबर पर हैं। इन राज्‍यों ने अपने यहां कई सुधारवादी कदम उठाए हैं, जिसमें बिहार अभी भी पीछे है। वर्तमान में बिहार सबसे कम इंडस्‍ट्री वाला राज्‍य है।

इंडस्‍ट्री के वार्षिक सर्वे के मुताबिक 2012-13 में बिहार में केवल 3,345 इंडस्‍ट्री हैं, जिनमें 1,00,512 लोगों को रोजगार मिला हुआ है। इसकी तुलना में तमिलनाडु में 36,869 इंडस्‍ट्री हैं और यहां 16,02,447 लोगों को रोजगार मिला हुआ है।

विस्‍थापन को रोकना

राज्‍य से विस्‍थापन को रोकना बहुत जरूरी है। इसके लिए नीतीश कुमार को कृषि रोजगार पर भी बहुत अधिक ध्‍यान देना होगा, क्‍योंकि यहां की मिट्टी बहुत उपजाऊ है और यहां सिंचाई की बेहतर सुविधा भी है। बिहार में सबसे ज्‍यादा युवा जनसंख्‍या है और यहां के लोग पंजाब, हरियाणा, दिल्‍ली, मुंबई तक ही नहीं बल्कि दक्षिण के राज्‍यों तक में काम के लिए जाते हैं। इसके अलावा शिक्षा और कौशल विकास पर भी विशेष ध्‍यान देना होगा।

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement