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Cabinet Decision: सरकार ने 25 वर्ष पुराने FIPB को समाप्त करने को दी मंजूरी, FDI नियमों को बनाया और आसान

केंद्रीय कैबिनेटने 25 वर्ष पुराने विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड (FIPB) को समाप्त करने को अपनी मंजूरी दे दी है। इसकी स्‍थापना 1990 में की गई थी।

Abhishek Shrivastava Abhishek Shrivastava
Updated on: May 24, 2017 20:28 IST
Cabinet Decision: सरकार ने 25 वर्ष पुराने FIPB को समाप्त करने को दी मंजूरी, FDI नियमों को बनाया और आसान- India TV Paisa
Cabinet Decision: सरकार ने 25 वर्ष पुराने FIPB को समाप्त करने को दी मंजूरी, FDI नियमों को बनाया और आसान

नई दिल्‍ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्‍यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में 25 वर्ष पुराने विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड (FIPB) को समाप्त करने को मंजूरी दी गई है। एफआईपीबी फिलहाल सरकार की मंजूरी की जरूरत वाले प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्रस्तावों की जांच करता था। यह वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग के अंतर्गत आता है। HCL Tech 1,000 रुपए प्रति शेयर के हिसाब से करेगी इक्विटी बायबैक, निवेशकों को मिलेंगे 3500 करोड़ रुपए

मंत्रिमंडल की बैठक के बाद जेटली ने संवाददाताओं को बताया कि मंत्रिमंडल की बैठक में एफआईपीबी को समाप्त करने का फैसला किया गया। उन्होंने कहा कि एफआईपीबी का स्थान नई व्यवस्था लेगी। इसके तहत प्रस्तावों पर संबंधित मंत्रालय मंत्रिमंडल द्वारा मंजूरी मानक परिचालन प्रक्रिया के तहत विचार करेगा।

जेटली ने आगे कहा कि संवेदनशील क्षेत्रों से जुड़े प्रस्तावों पर गृह मंत्रालय की मंजूरी की आवश्यकता होगी। उन्होंने कहा कि एफआईपीबी के पास जो भी प्रस्ताव लंबित थे, उसे संबंधित मंत्रालयों के पास भेजा जाएगा। उल्लेखनीय है कि 1990 के दशक की शुरुआत में आर्थिक उदारीकरण के मद्देनजर एफआईपीबी का गठन प्रधानमंत्री कार्यालय के अंतर्गत किया गया था। फिलहाल रक्षा और खुदरा कारोबार समेत केवल 11 क्षेत्रों को सरकार की मंजूरी की आवश्यकता होती है।

जेटली ने कहा कि अब करीब 91 से 95 प्रतिशत प्रस्ताव स्वत: स्वीकृत मार्ग के अंतर्गत आते हैं। लंबित प्रस्तावों को आर्थिक मामलों के सचिव द्वारा तिमाही समीक्षा तथा वित्त मंत्री द्वारा सालाना समीक्षा का भी प्रावधान हो सकता है। पांच हजार करोड़ रुपए से अधिक के एफडीआई प्रस्तावों पर मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति की मंजूरी की व्यवस्था बनी रहेगी।

कैबिनेट के महत्‍वपूर्ण फैसले

  • असम के कामरूप में एम्‍स की स्‍थापना को मंजूरी।
  • 29.707 किलोमीटर लंबे नोएडा-ग्रेटर नोएडा मेट्रो रेल प्रोजेक्‍ट के लिए 5,503 करोड़ रुपए मंजूर।
  • फाइटर एयरक्राफ्ट, पनडुब्बी का निर्माण देश में होगा।
  • डिफेंस मैन्यूफैक्चरिंग को 4 हिस्सों में बांटा, फाइटर प्लेन बनाने को मंजूरी दी गई।
  • ‘Make in India’ के लिए नई नीति को मंजूरी, 90% FDI ऑटोमेटिक रूट के जरिए आएगा।
  • अब केवल 11 सेक्टर होंगे, जहां एफडीआई के लिए सरकार की पूर्व अनुमति की जरूरत होगी।

गन्‍ने का उचित खरीद मूल्‍य बढ़ा

मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) गन्ना के उचित एवं लाभदायक मूल्य (एफआरपी) में 25 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोत्तरी को मंजूरी दी है। अक्‍टूबर से शुरू होने वाले 2017-18 के इस खरीद मौसम में गन्ना एफआरपी को 255 रुपए प्रति क्विंटल होगा। मौजूदा 2016-17 के खरीद मौसम में गन्ने का एफआरपी 230 रुपए प्रति क्विंटल है।

एफआरपी वह न्यूनतम मूल्य होता है जिस पर गन्ना किसानों का कानून गारंटीशुदा अधिकार होता है। हालांकि राज्य सरकारों को अपने राज्य में स्वयं का राज्य परामर्श मूल्य (एसएपी) तय करने का अधिकार होता है या चीनी मिलें एफआरपी से अधिक किसी भी मूल्य की किसानों को पेशकश कर सकती हैं। सूत्रों के अनुसार खाद्य मंत्रालय ने 2017-18 के खरीद मौसम के लिए गन्ना एफआरपी 255 रुपए प्रति क्विंटल करने और इसे चीनी प्राप्ति की दर 9.5 प्रतिशत से जोड़ने की सिफारिश की थी। प्राप्ति दर से आशय गन्ना की पेराई से चीनी प्राप्त करने के अनुपात से है।

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