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बुलेट ट्रेन के पुलों और सुरंगों की डिजाइनिंग का 80 प्रतिशत काम हुआ पूरा, भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया हुई शुरू

अहमदाबाद और मुंबई के बीच दौड़नी वाली देश की पहली उच्च गति बुलेट ट्रेन को लेकर काम तेजी से चल रहा है। पुलों और सुरंगों की डिजाइनिंग का लगभग 80 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है।

Manish Mishra Edited by: Manish Mishra
Published on: March 26, 2018 17:08 IST
Bullet Train- India TV Paisa

Bullet Train

शिमला अहमदाबाद और मुंबई के बीच दौड़नी वाली देश की पहली उच्च गति बुलेट ट्रेन को लेकर काम तेजी से चल रहा है। पुलों और सुरंगों की डिजाइनिंग का लगभग 80 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रकिया शुरू हो गयी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके जापानी समकक्ष शिंजो आबे ने पिछले साल इस महत्वाकांक्षी परियोजना की शुरुआती की थी। 2022 में इसके पूरा होने की उम्मीद है।

उच्च गति से चलने वाली यह ट्रेन दोनों शहरों की 500 किलोमीटर की दूरी को तीन घंटे से कम समय में पूरा करेगी, जिसके लिए अभी सात घंटे लगते हैं। यह ट्रेन 12 स्टेशनों पर रुकेगी, जिसमें से चार महाराष्ट्र में है। राष्ट्रीय उच्च गति रेल निगम (NHSRC) के प्रबंध निदेशक अचल खरे ने कहा कि दिल्ली, मुंबई और जापान के इंजीनियरों ने पुलों और सुरंगों के डिजाइन का करीब 80 प्रतिशत कार्य पूरा कर लिया है। एनएचएसआरसी परियोजना को लागू करने वाली एजेंसी है।

प्रस्तावित गलियारा मुंबई में बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) से शुरू होकर अहमदाबाद के साबरमती रेलवे स्टेशन पर खत्म होगा। खरे ने कहा कि मार्ग और मृदा परीक्षण के सर्वेक्षण का काम चल रहा है। दोनों राज्यों में भूमि अधिग्रहण का काम शुरू हो गया है।

खरे ने कहा कि यह मार्ग महाराष्ट्र के 108 गांवों से होकर गुजर रहा है। अधिकांश गांव पालघर जिले में है। हमने 17 गावों में भूमि अधिग्रहण के लिए नोटिस जारी कर दिया है और भूमि मालिकों को इस बारे में सूचित कर दिया है।

उन्होंने कहा कि जो लोग अपनी जमीन दे देंगे उन्हें मौजूदा बाजार दरों से अधिक मुआवजा दिया जाएगा। जो लोग अपनी जमीन नहीं देंगे, उनकी भूमि को भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुनर्स्‍थापन अधिनियम 2013 की धारा 19 के तहत अधिगृहीत किया जाएगा।

खरे ने कहा कि पूरी परियोजना अग्नि और भूंकपरोधी होगी। भूंकप संवेदनशील क्षेत्रों में सिस्मोमीटर (भूकंपमाफी) और हवा मापने वाली प्रणाली लगाई जाएगी। ट्रेन की गति हवा के वेग पर निर्भर करेगी और यदि हवा का बहाव 30 मीटर प्रति सेकेंड होगा तो ट्रेन का परिचालन बंद हो जाएगा।

अधिकारी ने कहा कि ट्रेन 320 सेकेंड में 320 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ लेगी और इस समय तक यह 18 किलोमीटर की दूरी तय कर चुकी होगी। व्यस्त घंटों में तीन ट्रेन और कम व्यस्त घंटों में दो ट्रेन चलाने की योजना होगी।

उन्होंने कहा कि हम दो तरह का ट्रेन परिचालन करेंगे। कुछ ट्रेनें सीमित स्टेशनों पर रूकेंगी जबकि कुछ ट्रेनें मुंबई और साबरमती के बीच सभी स्टेशनों पर रूकेंगी। हमारे अनुमान के मुताबिक एक दिन में कुल70 फेरे (एक ओर से 35 फेरे) लगेंगे और प्रति दिन 40,000 यात्री यात्रा करेंगे।

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