Saturday, April 20, 2024
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12 साल बाद खिले हैं नील कुरिंजी के फूल, 'बेस्‍ट प्‍लेस फॉर रोमांस' मुन्‍नार जाएं तो ये जगह जरूर घूमें

अगर आप भी मानसून में घूमने का प्लान बना रहे है तो इस बार इन हसीन वादियों में जरुर जाएं। मुन्नार को साल 2017 में 'बेस्ट फ्लेस फॉर रोमांस' का खिताब भी मिल चुका है। जानिए मुन्नार की बेस्ट प्लेस के बारें में।

Shivani Singh Written by: Shivani Singh @lastshivani
Published on: July 16, 2018 17:47 IST
Munnar- India TV Hindi
Image Source : KERELATRIPS Munnar

नई दिल्ली: बारिश के मौसम में केरल घूमने का अपना ही मजा है। यह बहुत ही खूबसूरत हिल स्टेशन है। इतना ही नहीं यह जगह जायकेदार चाय के बगानों लिए भी बहुत फेमस है। लेकिन इस साल यहां पर एक चीज बहुत ही खास है। वह है यहां के फूल। जो कि पूरे 12 साल बाद एक बार फूल खिल गए है। जिसके कारण यहां की पूरी वादी नीले रंग से सराबोर हो चुकी है। इस फूल का नाम 'नील कुरिंजी' है। जिसका साइंटफिक नाम 'स्ट्रोबिलैंथस कुंथियाना' है। अगर आप भी मानसून में घूमने का प्लान बना रहे है तो इस बार इन हसीन वादियों में जरुर जाएं। मुन्नार को साल 2017 में 'बेस्ट फ्लेस फॉर रोमांस' का खिताब भी मिल चुका है।

क्यों है यह फूल खास

केरल टूरिज्म के अनुसार साल 2017 में इस वादियों को देखने के लिए करीब 11 लाख से ज्यादा लोग आएं थे। यह फूल 12 साल में एक बार खिलता है। इस पौधे की एक खासियत है कि इसमें एक बार ही फूल निकलता है और एक बार ही फल निकलता है। इसमें लगने वाले बीज नीचे गिर जाते है। जो कि बाद में उग आते है। यह प्रकिया ऐसे ही चलती रहती है। इन पौधों की प्रजाति मोनोकर्पिक नेचर का है। जो कि एक बार निकलते है और खत्म हो जाते है।

इस जगह के अलावा आप मुन्नार में इन जगहों पर भी घूम सकते है।

मट्टुपेट्टी
मुन्नार से 13 किलोमीटर दूर मट्टुपेट्टी एक खूबसूरत जगह है। यह पर मट्टूपेट्टी झील और बांध पर लोग पिकनिक मनाने आते है। यहां से आप चाय के बगानों के मनमोहक नजारें भी देख सकते है। इसके अलावा आप बोटिंग का भी आनंद ले सकते है।

Eco point

Image Source : DARSHAN RANPARA
Eco point

इको पॉइंट
यह भी मुन्नार से 15 किलोमीटर आगे है। यहां पर आप खुद चिल्लाकर अपनी आवाज सुन सकते है। जिसके कारण यह काफी फेमस है।

एराविकुलम राष्‍ट्रीय उद्यान
यह मुन्नार के पास ही है। जो कि पश्चिमी घाट के 97 वर्ग किमी के क्षेत्र में फैला हुआ है। मूल रूप से इस पार्क का निर्माण नीलगिरी जंगली बकरों की रक्षा करने के लिए किया गया था। 1975 में इसे अभयारण्य घोषित किया गया था। इस जगह पर दुर्लभ नीलगिरी बकरों को देखा जा सकता है।

अनाईमुडी पहाड़ी

Image Source : INTRAGRAM
अनाईमुडी पहाड़ी

अनाईमुडी पहाड़ी
नेशनल पार्क के पास ही अनामुडी पहाड़ी है। जो कि दक्षिण भारत की सबसे ऊंची चोटी है। इसकी ऊंचाई करीब 2700 मीटर है। यहां पहुचने के लिए आपको वाइल्डलाइफ अर्थॉरिटी की परमिशन लेनी होगी। यहां पर जाकर आप हरे भरे मुन्नार का खूबसूरत नजारा देख सकते है।

टी म्यूजियम
यहां पर टाटा टी द्वारा संचालिच संग्राहलय है। जहां पर साल 1880 में चाय उत्पादन की शुरुआत से जुड़ी निशानियां रखी हुई है। इसके अलावा यहां पर आप चाय बनने की पूरी प्रोसेसिंग को करीब से देख सकते है।

इन अलावा आप चिनार वाइल्डलाइफ सेंचुरी, सलीम अली बर्ड सेंचुरी जैसी जगहों पर भी जा सकते है।

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