Thursday, March 28, 2024
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कमला एकादशी: आज बन रहा है अद्भुत संयोग, इस शुभ मुहूर्त में ऐसे पूजाकर भगवान विष्णु को करें प्रसन्न

पद्मिनी एकादशी में बहुत ही खास संयोग है। ऐसा संयोग 3 साल बाद पड़ा है। यह पूरी तरह से भगवान विष्णु में समर्पित है। जो भी इस दिन व्रत रखते है उन्हें अपार लाभ प्राप्त होता है। धन और स्वास्थ्य का आर्शीवाद मिलता है और शत्रुओं का नाश होता है। भगवान विष्णु ने पद्मिनी को पुत्र का वरदान दिया था। इसके साथ संतान की भी प्राप्ति होती है।

Shivani Singh Edited by: Shivani Singh @lastshivani
Updated on: May 25, 2018 6:58 IST
kamala ekadashi 2018- India TV Hindi
kamala ekadashi 2018

धर्म डेस्क: 3 वर्ष बाद आए अधिकमास के शुक्ल पक्ष में आने वाली एकादशी में बहुत ही अद्भुत संयोग है। इसमें अधिकमास, एकादशी के और शुक्रवार का शुभ संयोग है जो मां लक्ष्मी का दिन है। अधिक ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की एकादशी है। इसे पुरुषोत्तमी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है।

मलमास या अधिक मास में पड़ने वाली इस एकादशी को पद्मिनी एकादशी या फिर कमला एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। यह चंद्र के हिसाब ने नहीं रखा जाता है। यह एकादशी हर साल नहीं आती है। बल्कि अधिक मास में ही आचती है। इसीकारण इस बार अधिक मास होने के कारण 25 मई को पद्मिनी या कमला एकादशी है।

इस बार पद्मिनी एकादशी में बहुत ही खास संयोग है। ऐसा संयोग 3 साल बाद पड़ा है। यह पूरी तरह से भगवान विष्णु में समर्पित है। जो भी इस दिन व्रत रखते है उन्हें अपार लाभ प्राप्त होता है। धन और स्वास्थ्य का आर्शीवाद मिलता है और शत्रुओं का नाश होता है। भगवान विष्णु ने पद्मिनी को पुत्र का वरदान दिया था। इसके साथ संतान की भी प्राप्ति होती है।

भगवान विष्णु ने बताया था इसका महत्व

धार्मिक ग्रंथों में ऐसा बताया गया है कि पद्मिनी एकादशी के महत्व के बारे में श्रीकृष्ण ने अर्जुन को बताया था।. मलमास में अनेक पुण्यों को देने वाली एकादशी का नाम पद्मिनी है। इसका व्रत करने पर मनुष्य कीर्ति प्राप्त करके बैकुंठ को जाता है, जो मनुष्‍यों के लिए भी दुर्लभ है।

शुभ मुहूर्त
एकादशी तिथि शुरु: 24 मई 2018 को शाम 06:18 बजे
एकादशी तिथि समाप्त: 25 मई 2018 को शाम 05:47 बजे तक
पारण का समय: 26 मई को सुबह 05:29 से 08:13 बजे तक।

अगली स्लाइड में पढ़ें पूरी पूजा विधि

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