Friday, March 29, 2024
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Janmashtami 2017: इस बार 3 दिन मनेंगी जन्माष्टमी, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

इस बार जन्माष्टमी को लेकर कुछ असंजस बैठा हुआ। इस बार अष्टमी और रोहिणी नक्षत्र एक साथ न होने के कारण भगवान श्री कृष्ण की जन्माष्टमी तीन दिन मनाई जाएगी। जो कि सोमवार, 14 अगस्त से शुरु होगी। जानिए क्यो..

India TV Lifestyle Desk Edited by: India TV Lifestyle Desk
Updated on: August 10, 2017 14:18 IST
ladoo gopal- India TV Hindi
ladoo gopal

धर्म डेस्क: भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव पूरी दुनिया में बडे ही धूम-धाम से मनाया जाता है। जिसके लिए तैयारी जोरो-शोरों से चल रही है। लेकिन इस बार जन्माष्टमी को लेकर कुछ असमंजस बैठा हुआ। इस बार अष्टमी और रोहिणी नक्षत्र एक साथ न होने के कारण भगवान श्री कृष्ण की जन्माष्टमी तीन दिन मनाई जाएगी। जो कि  सोमवार, 14 अगस्त से शुरु होगी।

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शास्त्रों में बताया गया है कि श्री कृष्ण का जन्म भाद्रपद की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो पा रहा है। जिसके कारण ये त्यौहार तीन दिनों के लिए मनाया जाएगा।

आचार्य इंदु प्रकाश के अनुसार अष्टमी तिथि 14 अगस्त को शाम 5 बजकर 40 मिनट से लग रही है। जो कि 15 अगस्त को दिन में 3 बजकर 26 मिनट तक रहेगी। जन्माष्टमी पारन 15 अगस्त को होगा।

रोहिणी नक्षत्र 15-16 अगस्त को रात 1 बजकर 27 मिनट से लग रहा है। जो कि 16 अगस्त की रात 11 बजकर 50 मिनट तक चलेगा। 14 अगस्त को स्मार्त जन्माष्टमी और 15 अगस्त को वैष्णव जन्माष्टमी मनाई जाएगी।

ऐसे  करें पूजा

भाद्रपद कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि को आधी रात में श्री कृष्ण का जन्म हुआ था इसलिए इसी दिन यह व्रत करना चाहिए। इस दिन आप पूरे दिन व्रत रखें और भगवान हरि की पूजा मंत्रों से करके रोहिणी नक्षत्र के अंत में पारण करें। अर्द्ध रात्रि में जब आज श्री कृष्ण की पूजा करें तो उन्हे सबसे पहलें स्नान कराए। स्नान कराते वक्त इस मंत्र का ध्यान करें-
"ऊं यज्ञाय योगपतये योगेश्रराय योग सम्भावय गोविंदाय नमो नम:"

इसके बाद श्री हरि की पूजा इस मंत्र के साथ करनी चाहिए
"ऊं यज्ञाय यज्ञेराय यज्ञपतये यज्ञ सम्भवाय गोविंददाय नमों नम:"

अगली स्लाइड में पढ़े पूरी पूजा-विधि के बारें में

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