Thursday, April 18, 2024
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करवा चौथ: पति की लंबी आयु के लिए शुभ मुहूर्त में ऐसे करें चांद को अर्ध्य

कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ का व्रत किया जाता है। इस बार करवा चौथ 19 अक्टूबर को है। करवा चौथ के बारें में पूर्ण निवरण वामन पुराण में दिया गया है। जानिए करवा चौथ का महत्व, शुभ मुहूर्त और पूजन करने की विधि के बारें में।

India TV Lifestyle Desk India TV Lifestyle Desk
Updated on: October 18, 2016 17:52 IST
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धर्म डेस्क: विवाहित महिलाएं इस दिन अपने पति की दीर्घायु एवं स्वास्थ्य की कामना करने के साथ-साथ कुंवारी कन्याएं भी इस दिन मनचाहा वर पाने के लिए चंद्रमा को अर्घ्य अर्पित कर व्रत को पूरा करती हैं। इस व्रत में रात में शिव, पार्वती, स्वामी कार्तिकेय, गणेश और चंद्रमा के तस्वीरों और सुहाग की वस्तुओं की पूजा का विधान है। इस दिन निर्जला व्रत रखकर चंद्रमा के दर्शन और अर्घ्य अर्पण कर भोजन ग्रहण करना चाहिए।

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कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ का व्रत किया जाता है। इस बार करवा चौथ 19 अक्टूबर को है। करवा चौथ के बारें में पूर्ण निवरण वामन पुराण में दिया गया है। जानिए करवा चौथ का महत्व, शुभ मुहूर्त और पूजन करने की विधि के बारें में।

सबसे पहले ऐसे करें  शिव, पार्वती, कार्तिकेय, गणेश तथा चंद्रमा का पूजन

करवा चौथ के व्रत में शिव, पार्वती, कार्तिकेय, गणेश तथा चंद्रमा का पूजन करना चाहिए। चंद्रोदय के बाद चंद्रमा को अर्घ्य देकर पूजा होती है। पूजा के बाद मिट्टी के करवे में चावल, उड़द की दाल, सुहाग की सामग्री रखकर सास या सास की उम्र के समान किसी सुहागिन के पांव छूकर सुहाग सामग्री भेंट करनी चाहिए।

पूजन सामग्री
कुंकुम, शहद, अगरबत्ती, पुष्प, कच्चा दूध, शक्कर, शुद्ध घी, दही, मेंहदी, मिठाई, गंगाजल, चंदन, चावल, सिन्दूर, मेंहदी, महावर, कंघा, बिंदी, चुनरी, चूड़ी, बिछुआ, मिट्टी, चॉदी, सोने या पीतल आदि किसी भी धातु का टोंटीदार करवा व ढक्कन, दीपक, रुई, कपूर, गेहूं, शक्कर का बूरा, हल्दी, पानी का लोटा, गौरी बनाने के लिए पीली मिट्टी, लकड़ी का आसन, छलनी, आठ पूरियों की अठावरी, हलुआ, दक्षिणा के लिए रूपए।

अगली स्लाइड में पढ़े पूजन विधि के बारें में

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