हेल्थ डेस्क: जब घर में कोई बीमार हो जाता है तो सबसे अधिक समस्या होती है मरीज के रिकॉर्ड रखने की। अगर वह पहले उस बीमारी के शिकार है तो उसका क्या इलाज कराया गया, कहां करवाया गया और किस डॉक्टर से परामर्श लिया गया, इन सभी बातों की जानकारी जहां एक मरीज के लिए जरूरी है उतना ही इन सभी बातों को जानना डॉक्टर के लिए भी जरूरी होता है।
इन्हीं समस्याओं से निपटने के लिए शोधकर्ताओं ने अध्ययन कर पाया कि अपना मेडिकल रिकॉर्ड स्वयं मरीज द्वारा लिखना उसके लिए फायदेमंद साबित होता है। अध्ययन में सामने आया कि मरीजों को उनका चिकित्सकीय रिकॉर्ड खुद से लिखने देने की इजाजत देने से वे अपने इलाज में ज्यादा जुड़ाव महसूस करते हैं।
यह बनाई योजना : इसी के चलते अमेरिका की यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने चिकित्सकीय नोट तैयार करने की योजना बनाई है, जो मरीज और डॉक्टर दोनों के लिए ही लाभकारी साबित होगी।
बेहतर विकल्प : अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, लास एंजिल्स (यूसीएलए) के शोधकर्ताओं ने पाया कि मरीजों को चिकित्सकीय रिकॉर्ड पढ़कर सुना देने की बजाए अगर उन्हें चिकित्सकों के साथ मिलकर चिकित्सकीय नोट तैयार करने के लिए आमंत्रित किया जाए तो उससे मरीजों को फायदा हो सकता है। अध्ययन के मुताबिक इस तरीके से चिकित्सकों को भी फायदा होगा क्योंकि उन्हें दस्तावेजीकरण में कम समय खर्च करना पड़ेगा।