Thursday, March 28, 2024
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स्पाइना बिफिडा से मुक्ति दिला सकती है फोलिक एसिड की एक गोली

फोलिक एसिड की एक गोली महिलाओं के लिए काफी मायने रखती है। इस गोली के सेवन से वह स्वस्थ बच्चे को जन्म दे सकती है। खासतौर से बच्चों में स्पाइना बिफिडा जैसी जन्मजात विकृति दूर करने के लिए फोलिक एसिड का सेवन ही एकमात्र उपाय है। ऐसा विशेषज्ञों का कहना है। 

India TV Lifestyle Desk Written by: India TV Lifestyle Desk
Published on: August 10, 2018 22:38 IST
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हेल्थ डेस्क: फोलिक एसिड की एक गोली महिलाओं के लिए काफी मायने रखती है। इस गोली के सेवन से वह स्वस्थ बच्चे को जन्म दे सकती है। खासतौर से बच्चों में स्पाइना बिफिडा जैसी जन्मजात विकृति दूर करने के लिए फोलिक एसिड का सेवन ही एकमात्र उपाय है। ऐसा विशेषज्ञों का कहना है। स्पाइना बिफिडा फाउंडेशन ऑफ इंडिया और इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ एसबी की ओर से यहां करवाए गए एक सम्मेलन में शुक्रवार को विशेषज्ञों ने कहा कि स्पाइना बिफिडा एक गंभीर विकृति है जो बच्चों में जन्म से ही होता है जिसका प्रभाव पीड़ित व्यक्ति पर जीवनभर बना रहता है। 

स्पाइना बिफिडा फाउंडेशन के संस्थापक और न्यासी डॉ. संतोष करमार्कर ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, "स्पाइना बिफिडा जन्मजात विकृति है जिसमें बच्चों को जीवनभर कष्ट झेलना पड़ जाता है। लेकिन इस विकृति का जो कारण है वह बहुत साधारण है और लोगों में थोड़ी जागरूकता हो तो ऐसी विकृति पैदा होने की नौबत ही नहीं आएगी।"

करमार्कर ने कहा, "गर्भवती महिला में अगर फोलिक एसिड की कमी होगी तो बच्चा स्पाइना बिफिडा की विकृति को लेकर पैदा होगा। इसलिए महिलाओं को गर्भधारण करने से पहले से ही फोलिक एसिड लेना शुरू कर देना चाहिए।"उन्होंने बताया कि स्पाइना बिफिडा से पीड़ित बच्चों में जन्म के समय ही पीठ पर एक घाव पाया जाता है। रीढ़ की हड्डी के जोड़ों के बीच छेद से रीढ़ की मज्जा बाहर निकल आती है, जिसके कारण बच्चा जीवनभर के लिए अपाहिज हो जाता है।

स्पाइना बिफिडा व हाइड्रोसेफालस पर आयोजित 28वें अंतर्राष्ट्रीय सालाना सम्मेलन में बच्चों में जन्मजात समस्याओं की रोकथाम, जन्म से पूर्व एवं उसके बाद उपचार जैसे अहम पहलुओं चर्चा हुई। आयोजक ने बताया कि भारत में पहली इस सम्मेलन का आयोजन हुआ है जिसमें विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यएचओ) का सहयोग मिला है और कार्यक्रम के आयोजन में मायर बायोटिक्स साझेदार के रूप में शामिल है। कार्यक्रम में इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ स्पाइना बिफिडा और हाइड्रोसेफालस की प्रेसिडेंट डॉ. मार्गो व्हाइटफर्ड ने कहा कि फोलिक एसिड की गोली महिलाओं को नियमित रूप से सेवन करना चाहिए ताकि उनका बच्चा स्पाइना बिफिडा का शिकार न हो। हाइड्रोसेफालस में मस्तिष्क में पानी भर जाता है। 

कार्यक्रम में शामिल हुए विटाबायोटिक्स के प्रेसिडेंट रोहित शेलातकर ने बताया कि इस जन्मजात विकृति से दुनियाभार में हर साल 80 लाख बच्चे पैदा होते हैं जिनमें से ज्यादातर जन्म के बाद एक साल में ही दम तोड़ देते हैं। विशेषज्ञों ने बताया कि यह एक शारीरिक और मानसिक बीमारी है जिसका इलाज किसी एक विभाग में नहीं है। मरीजों के इलाज के लिए कई विभागों में समन्वय बनाना होता है। 

स्पाइना बिफिडा से पीड़ित हैदराबाद की सांई सुमन (25) ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, "मुझे कई साल तक यह पता नहीं चलता था कि रात में मेरा बिस्तर गीला कैसे हुआ।"दरअसल, इस रोग से पीड़ित मरीजों में पेशाब और दस्त होने का कोई बोध नहीं होता है और समय-समय पर उनकी देखभाल करने वालों को उनके कपड़े बदलने पड़ते हैं। इस रोग से पीड़ित मरीज कभी चल-फिर नहीं पाते हैं। रोहित शेलातकर ने बताया कि एक सर्वेक्षण के आधार पर भारत में स्पाइना बिफिडा के सबसे अधिक मामले हैं क्योंकि यहां हर साल 40,000 बच्चे इस रोग से पीड़ित पैदा होते हैं।

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