Friday, April 19, 2024
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खुलासा! अगले 20 वर्षो में डिमेंशिया के मरीजों की संख्या होगी 10 करोड़

स्ट्रोक का सामना कर चुके मरीजों में डिमेंशिया होने की अधिक संभावना रहती है। विश्वस्तर पर लगभग 1.5 करोड़ लोग सालाना स्ट्रोक से ग्रस्त होते हैं। डिमेंशिया से पांच करोड़ लोग पीड़ित हैं, यह संख्या अगले 20 वर्षो में लगभग दोगुनी होने की उम्मीद है।

India TV Lifestyle Desk Written by: India TV Lifestyle Desk
Updated on: September 02, 2018 10:34 IST
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हेल्थ डेस्क: स्ट्रोक का सामना कर चुके मरीजों में डिमेंशिया होने की अधिक संभावना रहती है। विश्वस्तर पर लगभग 1.5 करोड़ लोग सालाना स्ट्रोक से ग्रस्त होते हैं। डिमेंशिया से पांच करोड़ लोग पीड़ित हैं, यह संख्या अगले 20 वर्षो में लगभग दोगुनी होने की उम्मीद है। एक्सेटर मेडिकल स्कूल के नए अध्ययन में इस बात का खुलासा हुआ है। 

हार्ट केयर फाउंडेशन (एचसीएफआई) के अध्यक्ष डॉ. के.के. अग्रवाल ने कहा, "स्ट्रोक या सेरेब्रोवास्कुलर एक्सीडेंट (सीवीए) के परिणामस्वरूप मस्तिष्क में अचानक रक्त की कमी या मस्तिष्क के भीतर रक्तस्राव होता है, जिसके परिणामस्वरूप न्यूरोलॉजिकल फंक्शन की हानि होती है। मोटापे, धूम्रपान, उच्च रक्तचाप, शराब की लत, मधुमेह और पारिवारिक इतिहास आदि पर स्ट्रोक के लिए विचार किया जाता है।" 

स्ट्रोक के कुछ चेतावनी संकेतों में बांह, हाथ या पैर में कमजोरी शामिल होती है। शरीर के एक तरफ धुंधलापन, नजर में यकायक कमजोरी, खासकर एक आंख में, बोलने में अचानक कठिनाई, समझने में असमर्थता, चक्कर आना या संतुलन का नुकसान और अचानक से भारी सिरदर्द आदि।

डॉ. अग्रवाल ने आगे बताया, "स्ट्रोक दुनिया भर में प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंताओं में से एक है, क्योंकि पिछले कुछ दशकों में भारत में इसका बोझ खतरनाक दर से बढ़ रहा है। इस स्थिति को हल करने की तत्काल आवश्यकता है और यह केवल सभी जनसांख्यिकीय समूहों के बीच अधिक प्रभावी सार्वजनिक शिक्षा के माध्यम से किया जा सकता है।"

डॉ. अग्रवाल ने स्ट्रोक को रोकने के लिए कुछ सुझाव देते हुए कहा, "उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करें, सप्ताह में 5 बार मध्यम व्यायाम करें, फल सब्जियां और कम सोडियम वाला आहार खाएं, अपने कोलेस्ट्रॉल को कम करें। स्वस्थ बीएमआई या कमर का अनुपात बनाए रखें, धूम्रपान बंद करिए और सेकेंड हैंड स्मोकिंग से बचें, शराब का सेवन कम करें, पुरुषों के लिए दो और महिलाओं के लिए दिन में एक पैग से अधिक नहीं, एट्रियल फाइब्रिलेशन की पहचान करें और उसका इलाज करें, अपने रक्त शर्करा को नियंत्रित करके मधुमेह से अपने जोखिम को कम करें।"(देश में 4 में से 1 महिला इस बीमारी से हैं पीड़ित)

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