Thursday, March 28, 2024
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अधमरी हालत में शख्स को घसीट कर ले जाने पर UP पुलिस ने मांगी माफी, आरोपी पुलिसवालों पर जांच के आदेश

जहां पीड़ित परिवार इसे भीड़ द्वारा गोकशी के शक में पीटने का मुद्दा बता रहा है तो वहीं पुलिस ने इस घटना को रोडरेज की घटना के तौर पर दर्ज किया है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: June 23, 2018 7:10 IST
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 गुरुवार को इससे जुड़ा फोटो वायरल हुआ, जिसमें इंस्पेक्टर और दो सिपाहियों की मौजूदगी में भीड़ कासिम के शव को घसीटकर ले जा रही है। 

लखनऊ/नयी दिल्ली: उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले में चार दिन पहले गोकशी के शक में दो लोगों की पिटाई तथा पुलिसकर्मियों के सामने अधमरी हालत में एक शख्स को घसीट कर ले जाने की तस्वीर और वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस ने इस घटना को लेकर माफी मांगी है। तस्वीर में दिखे पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर जांच के आदेश दिए गए हैं। हापुड़ में गोकशी के शक में भीड़ ने कासिम और समीउद्दीन नामक दो व्यक्तियों की कथित रूप से पिटाई की थी। घटना हापुड़ के पिलखुवा के बछेड़ा खुर्द गांव में सोमवार की है। गांव वालों ने कासिम नाम के एक शख्स को कथित रूप से पीट-पीटकर मार डाला था। गुरुवार को इससे जुड़ा फोटो वायरल हुआ, जिसमें इंस्पेक्टर और दो सिपाहियों की मौजूदगी में भीड़ कासिम के शव को घसीटकर ले जा रही है। 

दिल्ली में दूसरे पीड़ित के बड़े भाई ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने उत्तर प्रदेश पुलिस ने उस तरह से प्राथमिकी दर्ज नहीं की जिसकी उसका परिवार मांग कर रहा था। 

घटना में गंभीर रूप से घायल हुए समीउद्दीन के भाई मेहरूद्दीन ने शुक्रवार को कहा कि उसका परिवार ‘‘भय के साये’’ में जी रहा है। उत्तर प्रदेश पुलिस के अनुसार मवेशी व्यवसायी कासिम और समीउद्दीन का एक मोटरसाइकिल सवार से झगड़ा हुआ जिसके बाद उसने अपने दोस्तों को बुला लिया और उन्होंने दोनों को बुरी तरह पीटा। 

उत्तर प्रदेश पुलिस ने इस मामले को रोडरेज की घटना के तौर पर दर्ज किया था। इस तस्वीर के वायरल होने के बाद पुलिस ने शुक्रवार शाम अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से माफी मांगी। उत्तर प्रदेश पुलिस ने लिखा,‘‘ हम माफी मांगते हैं, क़ानून व्यवस्था के मामले कई बार ऐसे होते हैं कि अनजाने अनचाहे कुछ बातें हो जाती हैं।’’ डीजीपी, मुख्यालय, यूपी पुलिस की ओर से इस घटना पर माफ़ी मांगते हुए ट्वीट किया गया, “हम इस घटना के लिए माफ़ी माँगते हैं. इन तस्वीरों में जो तीन पुलिसकर्मी दिख रहे हैं उन्हें पुलिस लाइन भेज दिया गया है और मामले की जाँच की जा रही है। ये तस्वीर उस समय ली गई है जब पुलिस घटनास्थल पर पहुँची ही थी और पीड़ित को अस्पताल ले जाया जा रहा था लेकिन दुर्भाग्यवश उस वक़्त कोई एंबुलेंस उपलब्ध नहीं थी इसलिए पीड़ित को इस तरह उठाना प़ड़ा।’’
 
उन्होंने लिखा, “हम यह मानते हैं कि उस समय पुलिस को और अधिक संवेदनशील होना चाहिए था। जान बचाने की हड़बड़ी और क़ानून-व्यवस्था की जिम्मेदारी के बीच मानवीय चिंताएं दरकिनार हो गईं.। दूसरी तस्वीरों से स्पष्ट है कि पीड़ित को पुलिस रिस्पान्स व्हीकल से अस्पताल ले जाया गया।’’ इंस्पेक्टर अश्विनी कुमार, कॉन्स्टेबल अशोक कुमार और एक अन्य कांस्टेबल से भी जवाब मांगा गया है। पुलिस ने हमले के बाद हत्या का मामला दर्ज किया और दो लोगों को गिरफ्तार किया। हापुड़ के पुलिस अधीक्षक संकल्प ने तब कहा था, ‘‘गोकशी का कोण होने की बातें कही जा रही हैं लेकिन जांच में अब तक उनके सच होने का पता नहीं चला है।’’ मेहरूद्दीन ने जांच में गड़बड़ी की तरफ संकेत किया। 

उसने दिल्ली में प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में संवाददाताओं से कहा कि जब उसके परिवार के लोग समीउद्दीन से अस्पताल में मिले, उन्होंने उसके अंगूठे पर स्याही का निशान देखा। मेहरूद्दीन ने कहा, ‘‘हम जैसा चाहते थे, प्राथमिकी वैसे दर्ज नहीं की गयी।’’ उसने कहा कि उसके घरवाले डरे हुए हैं और डर के कारण ज्यादा बात नहीं कर सकते। लेकिन पुलिस ने परिवार के बयान दर्ज ना करा पाने की बात से इनकार किया। पुलिस अधीक्षक ने कहा, ‘‘पुलिस मेहरूद्दीन का बयान दर्ज करने के लिए तैयार है। पुलिस समीउद्दीन के एक दूसरे भाई यासिन का बयान पहले ही दर्ज कर चुकी है जिसकी शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज की गयी।’’ 

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