Thursday, March 28, 2024
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उत्तर प्रदेश: बरेली जामा मस्जिद के इमाम ने तीन तालक पीड़िता निदा खान के खिलाफ फतवा जारी किया

सोमवार को जारी फतवे में कहा गया है कि निदा की मदद करने वाले, उनसे मिलने-जुलने वाले मुसलमानों को भी इस्लाम से खारिज किया जाएगा। निदा अगर बीमार हो जाती हैं तो उनको दवा भी नहीं दी जाएगी।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: July 17, 2018 9:10 IST
उत्तर प्रदेश: बरेली जामा मस्जिद के इमाम ने तीन तालक पीड़िता निदा खान के खिलाफ फतवा जारी किया- India TV Hindi
उत्तर प्रदेश: बरेली जामा मस्जिद के इमाम ने तीन तालक पीड़िता निदा खान के खिलाफ फतवा जारी किया

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में ट्रिपल तलाक़ का विरोध करने वाली 2 महिलाओं को इस्लाम से खारिज करने का फतवा जारी किया गया है जिसके बाद हंगामा खड़ा हो गया। विरोध हुआ तो इमाम के सुर थोड़े ढिले पड़ गए हैं। बरेली के शहर इमाम का ये फतवा तीन तलाक और हलाला के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाने वाली 2 महिलाओं के ख़िलाफ़ जारी हुआ है। इनमें से एक हैं बरेली के मशहूर आला हजरत खानदान की बहू निदा खान और दूसरी हैं मोदी सरकार में मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी की बहन फ़रहत नक़वी।

सोमवार को जारी फतवे में कहा गया है कि निदा की मदद करने वाले, उनसे मिलने-जुलने वाले मुसलमानों को भी इस्लाम से खारिज किया जाएगा। निदा अगर बीमार हो जाती हैं तो उनको दवा भी नहीं दी जाएगी। निदा की मौत पर जनाजे की नमाज पढ़ने पर भी रोक लगा दी गई है। इतना ही नहीं निदा के मरने पर उन्‍हें कब्रिस्तान में दफनाने पर भी रोक लगा दी गई है।

इमाम ने फतवा जारी किया तो निदा और फ़रहत ने भी पलटवार में देरी नहीं की और कहा कि महिलाओं को दबाकर और कुचल कर रखने वाली सोच वाले ऐसे इमाम के किसी फतवे से वो नहीं डरने वालीं। निदा खान ने कहा, “फतवा जारी करने वाले पाकिस्तान चले जाएं। उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान एक लोकतांत्रिक देश है। यहां दो कानून नहीं चलेंगे।

उन्‍होंने सवाल उठाया कि इस्लाम से खारिज करने वाले ये होते कौन हैं। शरीयत पहले वो अपने घर पर जाकर लागू करें फिर आवाम पर लागू करें क्योंकि उनको शरीयत के नाम पर आवाम को भड़काना आता है। उनके खानदान में पहले से हराम काम हो रहा है। दारुल इफ्ता में मर्दों से पैसे लेकर उनके पक्ष में फैसला दे दिया जाता है। औरतों को इंसाफ नहीं मिलता।

निदा और फ़रहत ने फतवे का विरोध किया तो कुछ मुस्लिम धर्म गुरु भी सामने आए और मजहब ने निकाले जाने के फतवे को ग़लत ठहराया। फतवे पर विवाद बढ़ा तो फतवा जारी करने वाले मुफ्ती खुर्शीद आलम थोड़े नरम पड़े और कहा कि उन्होंने इस्लाम से नहीं निकाला, इस्लाम के नियम तोड़ने वाला खुद इस्लाम से खारिज हो जाता है। इमाम के बदले सुर से विवाद अब ख़त्म होता नज़र आ रहा है लेकिन निदा ख़ान और फ़रहत नकवी ने साफ-साफ कह दिया है कि वो किसी से डरने वाली नहीं हैं और महिलाओं के हक़ की लड़ाई वो लड़ती रहेंगी।

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