Thursday, April 18, 2024
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यशवंत सिन्हा ने 'राष्ट्र मंच' शुरू किया, शत्रुघ्न सिन्हा भी हुए शामिल

शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि वह मंच में इसलिए शामिल हुए हैं, क्योंकि उनकी पार्टी ने अपनी राय जाहिर करने के लिए उन्हें मंच नहीं दिया है...

Bhasha Reported by: Bhasha
Published on: January 30, 2018 19:13 IST
shatrughan sinha and yashwant sinha- India TV Hindi
shatrughan sinha and yashwant sinha

नई दिल्ली: भाजपा के असंतुष्ट सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा द्वारा शुरू किए गए नए राजनैतिक मंच में शामिल होने के लिए नेताओं के एक समूह का आज नेतृत्व किया। पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने कहा कि उनका राष्ट्र मंच एक राजनैतिक कार्रवाई समूह है। वह केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ आंदोलन शुरू करेगा।

तृणमूल कांग्रेस सांसद दिनेश त्रिवेदी, कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी, राकांपा सांसद मजीद मेमन, आम आदमी पार्टी सांसद संजय सिंह, गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री सुरेश मेहता और जेडीयू नेता पवन वर्मा उन लोगों में शामिल थे जिन्होंने मोर्चा शुरू करने के लिए आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया। रालोद नेता जयंत चौधरी और पूर्व केंद्रीय मंत्री सोमपाल और हरमोहन धवन भी उपस्थित थे।

शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि वह मंच में इसलिए शामिल हुए हैं, क्योंकि उनकी पार्टी ने अपनी राय जाहिर करने के लिए उन्हें मंच नहीं दिया है। हालांकि, उन्होंने कहा कि मोर्चे का समर्थन करने के उनके फैसले को पार्टी विरोधी गतिविधि के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए क्योंकि यह राष्ट्र हित में है।

यशवंत सिन्हा ने मौजूदा स्थिति की तुलना 70 साल पहले के समय से की जब महात्मा गांधी की आज ही के दिन हत्या कर दी गई थी। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र और उसकी संस्थाओं पर हमले हो रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि नरेंद्र मोदी सरकार ने किसानों को ‘भिखारियों की स्थिति’ में ला दिया है। उन्होंने सरकार पर अपने हितों के अनुरूप ‘मनगढ़ंत’ आंकड़े पेश करने का आरोप लगाया।

वरिष्ठ नेता ने हालांकि दावा किया कि राष्ट्र मंच एक गैर दलीय राजनैतिक कार्रवाई समूह होगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह मंच किसी पार्टी के खिलाफ नहीं है और राष्ट्रीय मुद्दों पर जोर देने के लिए वह कार्य करेगी।  उन्होंने कहा, ‘‘यह कोई संगठन नहीं है, बल्कि राष्ट्रीय आंदोलन है।’’ उन्होंने आर्थिक और विदेश नीतियों के लिये सरकार पर हमले किये। उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा में सभी लोग डरे हुए हैं। हम नहीं।’’ उन्होंने कहा कि देश में संवाद और चर्चा ‘‘असभ्य, एकतरफा और खतरनाक’ हो गई है।

उन्होंने दावा किया, ‘‘ऐसा लगता है कि भीड़ का काम न्याय देने का हो गया है।’’ उन्होंने कहा कि संसद के बजट सत्र के पहले चरण में प्रभावी रूप में सिर्फ चार कामकाजी दिन होंगे। यह अभूतपूर्व है। उन्होंने कहा कि किसानों के मुद्दे को उठाना उनके संगठन की शीर्ष प्राथमिकता होगी। 80 वर्षीय नेता, अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में वित्त और विदेश मंत्री रह चुके हैं।

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