नई दिल्ली: विपक्ष ने मंगलवार को नोटबंदी के मुद्दे पर लोकसभा में भारी हंगामा किया, जिसके कारण सदन की कार्यवाही बाधित हुई और अंतत: सदन को दिनभर के लिए स्थगित करना पड़ा। विपक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तानाशाह की तरह बर्ताव करने और आम जनता को मुश्किलों में धकेलने का आरोप लगाया।
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विपक्ष ने एकजुट होकर नोटबंदी के मुद्दे पर उस नियम के तहत बहस की मांग की, जिसके तहत वोटिंग का प्रावधान है। कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने चर्चा शुरू करने की मांग की, लेकिन लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने इसकी इजाजत नहीं दी।
विपक्ष ने शांति बनाए रखने के लिए स्पीकर के आग्रह को नजरअंदाज कर 'मोदी सरकार होश में आओ', 'मोदी तेरी तानाशाही, नहीं चलेगी, नहीं चलेगी' जैसी नारेबाजी करता रहा। भारी हंगामे के बीच लोकसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी और कहा, "जब निर्वाचित प्रतिनिधि ऐसा व्यवहार करते हैं तो दुख होता है।"
दोपहर 12 बजे जब फिर से सदन की कार्यवाही शुरू हुई, तो कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी समेत विपक्षी पार्टियों के सदस्य नारेबाजी करते हुए लोकसभा अध्यक्ष के आसन की ओर बढ़े।
संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि देश की जनता आठ नवंबर के नोटबंदी के फैसले के साथ है। कुमार ने कहा, "जाइए और बाहर देखिए। जनता नोटबंदी के फैसले पर सरकार के साथ है। हम मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार हैं। जब भी और जैसे भी अध्यक्ष आदेश देंगी, हम चर्चा के लिए तैयार हैं।"
तृणमूल नेता सुदीप बंधोपाध्याय ने कहा, "वोटिंग के प्रावधान के तहत चर्चा कराने में क्या बुराई है? सरकार इससे बच क्यों रही है? सदन नहीं चल रहा, तो इसके लिए सत्तारूढ़ पार्टी भी जिम्मेदार है।"
कुमार ने इस पर कहा, "हमने शहडोल और लखीमपुर लोकसभा सीटें जीती हैं। इससे क्या संकेत मिलता है? जनता का मत स्पष्ट है। वे कालेधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ हैं।" सदन में जारी भारी हंगामे को देखते हुए अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी।
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