नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने गुरुवार को पर्यावरण मंत्री अनिल दवे के निधन पर दुख जाताया। उन्होंने कहा कि दवे को उनके विनम्र व्यक्तित्व के लिए याद रखा जाएगा। सोनिया ने एक बयान में कहा, "उनके अचानक निधन से सदमे में हूं।"
सोनिया ने कहा, "दवे एक मृदुभाषी और विनम्र स्वभाव वाले व्यक्ति थे। उन्हें अपने विनम्र व्यक्तित्व के लिए याद रखा जाएगा।"
सोनिया ने दवे के परिवार, प्रशंसकों और समर्थकों के प्रति भी संवेदना व्यक्त की।
इस बीच भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने दवे के निधन पर शोक व्यक्त किया है। रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा, "मेरे सहयोगी अनिल माधव दवे जी के अचानक निधन की खबर सुनकर दुखी और सकते में हूं।"
केंद्रीय मंत्री एम.वेंकैया नायडू ने ट्वीट कर कहा, "मेरे सहयोगी अनिल माधव दवे के निधन की खबर सुनकर सकते में हूं। बहुत दुखी हूं।"
गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि दिवंगत नेता सज्जनता की एक उम्दा परिभाषा थे। वह बहुत अच्छे इंसान थे। मैं उनके मुस्कुराते हुए व्यक्तित्व को हमेशा याद रखूंगा। भगवान उनकी आत्मा को शांति दें।
केंद्रीय मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने कहा, "यह अविश्वसनीय है कि हमेशा मुस्कुराने वाले, प्यारे और दिल से युवा साथी अनिल माधव दवे जी अब हमारे बीच नहीं हैं।"
तमिलनाडू के मुख्यमंत्री पलानीस्वामी और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी दवे के निधन पर शोक व्यक्त किया है।
दवे की पारिवारिक मित्र मीना अग्रवाल ने उनके निधन की पुष्टि करते हुए कहा, "उनके पार्थिव शरीर को इंदौर ले जाया जाएगा।"
मोदी मंत्रिमंडल में फेरबदल के बाद दवे ने छह जुलाई 2016 को पर्यावरण मंत्री के रूप में शपथ ली थी।
उनका जन्म मध्य प्रदेश के बड़नगर में हुआ था। वह 2009 से राज्यसभा सांसद थे।
दवे का नई दिल्ली में अपने आधिकारिक आवास पर निधन हो गया था। इस घटना का सुबह करीब 7.30 बजे पता चला, जब उनके कर्मचारियों ने उन्हें जगाने की कोशिश की।
दवे की पारिवारिक मित्र मीना अग्रवाल ने उनकी मौत की पुष्टि की।
उन्होंने कहा, "उनके पार्थिव शरीर को इंदौर ले जाया जाएगा।"
अनिल दवे का गुरुवार को निधन हो गया। वह 61 वर्ष के थे। दवे 2009 से राज्यसभा सांसद थे। उन्होंने 2016 में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के रूप में शपथ ली थी।