मुंबई: लंबी कानूनी लड़ाई और विरोध प्रदर्शनों के बाद महिला कार्यकर्ताओं का एक समूह मंगलवार दोपहर को मुंबई की हाजी अली दरगाह में प्रवेश करेगा। एक कार्यकर्ता ने बताया कि पूरे देश की करीब 75-80 महिलाओं का एक समूह अपराह्न् करीब तीन बजे मुंबई के वरली तट के निकट एक छोटे से टापू पर स्थित दरगाह में प्रवेश करेगा।
भारतीय मुस्लिम महिला आंदोलन (बीएमएमए) की सहसंस्थापक नूरजहां एस. नियाज ने आईएएनएस से कहा, "अब यह सामान्य होगा, हमने पुलिस या दरगाह ट्रस्ट को सूचित नहीं किया है। हम दुआ करेंगे और बाहर आ जाएंगे।"
जून 2012 तक महिलाओं को मुस्लिम संत सैयद पीर हाजी अली शाह बुखारी की मजार के गर्भगृह तक प्रवेश की अनुमति थी, लेकिन उसके बाद गर्भगृह में महिलाओं के प्रवेश पर रोक लगा दी गई थी।
वर्ष 2014 में बीएमएमए और कई अन्य ने हाजी अली दरगाह के इस कदम को अदालतों में चुनौती दी थी।
न्यायमूर्ति वी. एम. कनाडे और न्यायमूर्ति रेवती मोहिते-धेरे की खंडपीठ ने 26 अगस्त को फैसला सुनाते हुए महिलाओं को दरगाह के प्रतिबंधित मजार क्षेत्र में प्रवेश की अनुमति दे दी थी।
सर्वोच्च न्यायालय ने 24 अक्टूबर को महिलाओं और पुरुषों को समान अधिकार के आधार पर अपने फैसले में महिलाओं को दरगाह में प्रवेश की अनुमति दी थी।
नियाज ने कहा, "यह समानता, लैंगिक भेदभाव खत्म करने और हमारे संवैधानिक अधिकारों को समाप्त करने की लड़ाई थी। हम खुश हैं कि अब महिलाओं और पुरुषों को पवित्र गर्भगृह में प्रवेश का समान अधिकार मिलेगा।"