नयी दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने तीन तलाक को ज्वलंत मुद्दा करार दिया और कहा कि भारत जैसे विकासशील देश में महिलाओं के साथ दोयम दर्जे के नागरिक के तौर पर व्यवहार नहीं किया जा सकता।
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राजनाथ सिंह ने समान नागरिक संहिता के जटिल मुद्दे पर व्यापक चर्चा की पैरवी करते हुए कहा कि सहमति बनने की स्थिति में किसी को कोई समस्या नहीं होनी चाहिए क्योंकि संविधान के निर्माता भी यही चाहते थे कि सरकार हर नागरिक को सशक्त बनाने के लिए इसे क्रियान्वित कराने का प्रयास करेगी।
उन्होंने कहा, 'बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर ने संविधान में सभी के सशक्तीकरण का विश्वास दिलाया था, चाहे वो महिलाएं हो या कोई और हो।' गृह मंत्री ने कहा, 'तीन तलाक आज के समय का ज्वलंत मुद्दा है...क्या यह संविधान के अनुच्छेद 44 के अनुसार है? इस पर फैसला सिर्फ अदालत करेगी।'