Monday, May 06, 2024
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चाणक्य नीति: स्त्री हो या पुरुष इन तीन लोगों से दूर रहें

नई दिल्ली: आम मानवीय स्वभाव के मुताबिक लोग अपने जैसे व्यवहार वाले लोगों से ही घुलना मिलना पसंद करते हैं। लोग ऐसे लोगों से राहरस्म न के बराबर रखते हैं जो उनके स्वभाव के एकदम

India TV News Desk India TV News Desk
Updated on: November 27, 2015 20:35 IST
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चाणक्य नीति: स्त्री हो या पुरुष इन तीन लोगों से दूर रहें

नई दिल्ली: आम मानवीय स्वभाव के मुताबिक लोग अपने जैसे व्यवहार वाले लोगों से ही घुलना मिलना पसंद करते हैं। लोग ऐसे लोगों से राहरस्म न के बराबर रखते हैं जो उनके स्वभाव के एकदम विपरीत होते हैं। राजनीति और कूटनीति के मर्मज्ञ माने जाने वाले आचार्य चाणक्य ने आम मानवीय स्वभावों पर भी ऐसे विचार दुनिया के सामने रखे हैं जो आज भी यथार्थ के काफी करीब जान पड़ते हैं। आज हम अपनी खबर में आपको बताने की कोशिश करेंगे कि आचार्य चाणक्य ने किन तीन लोगों से फिर वो चाहे स्त्री हों या पुरुष हमेशा दूर रहने की सलाह दी है। आचार्य चाणक्य ने अपनी बात एक श्लोक के जरिए समझाने की कोशिश की है।  

मूर्खाशिष्योपदेशेन दुष्टास्त्रीभरणेन च।

दु:खिते सम्प्रयोगेण पंडितोऽप्यवसीदति।।

मूर्खाशिष्योपदेशेन यानी मूर्ख शिष्य को उपदेश देना

आचार्य के मुताबिक इस श्लोक का अर्थ है कि स्त्री हो या पुरुष अगर उनमें ये तीन विशेष गुण होते हैं तो उनसे खुद को दूर ही रखना चाहिए। जानिए आचार्य चाणक्य ने किन गुणों का उल्लेख किया है।

मूर्ख स्त्री हो या पुरुष उसे उपदेश न दें-

आचार्य चाणक्य दशकों पहले सलाह दे गए हैं कि चाहे स्त्री हो या पुरुष अगर वह मूर्ख हो तो उसे व्यर्थ की सलाह नहीं देनी चाहिए। क्योंकि उनना मानना था कि ऐसा करना बिल्कुल व्यर्थ होता है। उन्होंने ऐसा इस आधार पर कहा था कि बुद्धिहीन व्यक्ति ज्ञान की बातों में भी अपने कुतर्कों को ले आते हैं जिससे ज्ञानी लोगों का कीमती वक्त बरबाद हो सकता है। इसलिए ऐसे लोगों से दूर रहें।

अगली स्लाइड में पढ़ें चाणक्य ने और क्या कहा

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