Saturday, April 20, 2024
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शैलजा, पुनिया ने राज्यसभा में उठाया मंदिरों में जाति पूछे जाने का मामला

नई दिल्ली: कांग्रेस के दो वरिष्ठ एवं दलित नेताओं ने आज राज्यसभा में देश के दो प्रसिद्ध मंदिरों में प्रवेश के समय उनकी जाति पूछे जाने के अपने अनुभवों को जब साझा किया तो कई

Bhasha Bhasha
Published on: November 30, 2015 20:47 IST
गुजरात के मंदिरों में...- India TV Hindi
गुजरात के मंदिरों में पुजारी पूछते है जाति: शैलजा

नई दिल्ली: कांग्रेस के दो वरिष्ठ एवं दलित नेताओं ने आज राज्यसभा में देश के दो प्रसिद्ध मंदिरों में प्रवेश के समय उनकी जाति पूछे जाने के अपने अनुभवों को जब साझा किया तो कई मंत्रियों एवं सत्ता पक्ष के कई सदस्यों ने उनका कड़ा विरोध किया और सवाल किया कि उन्होंने इसकी शिकायत क्यों नहीं की।

शैलजा ने संविधान दिवस के मौके पर विशेष चर्चा में भाग लेते हुए अपना एक अनुभव साझा किया। उन्होंने कहा, ‘मैं भी एक दलित लेकिन हिन्दू हूं। मैं मंदिर जाना पसंद करती हूं। मैं द्वारका मंदिर गयी थी, उस समय मैं कैबिनेट मंत्री थी। वहां के पुजारी ने मेरी जाति पूछी थी।’

उन्होंने कहा कि यह घटना गुजरात में हुई, इससे पता चलता है कि गुजरात मॉडल कैसा है और वहां दलितों के साथ क्या हो रहा है। शैलजा की इस टिप्पणी का सत्तापक्ष के कई सदस्यों ने कड़ा विरोध किया। भाजपा के मनसुख लाल मंडाविया ने कहा कि ऐसा नहीं हो सकता क्योंकि सांसदों का दल कई बार इस मंदिर में गया है और उनसे कभी उनकी जाति नहीं पूछी गयी। उन्होंने आसन से कहा कि यदि वह चाहें तो इस बारे में संबंधित सांसदों से पूछ सकते हैं।

मंडाविया की बात पर कड़ी आपत्ति जताते हुए शैलजा ने कहा कि कोई उनके अनुभव को चुनौती कैसे दे सकता है। यह घटना बेट द्वारका मंदिर की है। इस पर दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि वह भी दो तीन बार द्वारका मंदिर गए हैं लेकिन उनसे कभी किसी ने जाति नहीं पूछी। इस बीच कांग्रेस के कई सदस्य इस बात पर आपत्ति जताने लगे कि सत्ता पक्ष के सदस्य और मंत्री एक सदस्य की बात को गलत साबित करने पर तुले हुए हैं।

विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि किसी भी सदस्य की बात को गलत बताना उसके अधिकारों का हनन है। उन्होंने कहा कि सत्ता पक्ष के संबंधित सदस्य को इस बात के लिए खेद जताना चाहिए। उधर शैलजा इस बात पर अड़ी रहीं कि सत्ता पक्ष के कुछ सदस्यों द्वारा आपत्ति उठाना उनकी ईमानदारी पर शक करना है और यह मानहानिकारक है।

सदन के नेता जेटली ने आसन के माध्यम से शैलजा से पूछा कि यदि कैबिनेट मंत्री के तौर पर उनके साथ ऐसी कोई घटना हुयी तो यह बेहद गंभीर है और उन्होंने क्या इस बारे में किसी से शिकायत की थी।

इस पर शैलजा ने कहा कि वह इस सवाल का जवाब नहीं देंगी। बाद में उपसभापति पी जे कुरियन के इस आश्वासन के बाद सदन में कामकाज सामान्य रूप से चलने लगा कि अगर रिकॉर्ड में कुछ भी आपत्तिजनक पाया गया तो वह उसे निकाल देंगे।

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