Friday, April 19, 2024
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RAJAT SHARMA BLOG: NGT ने वैष्णो देवी मंदिर के लिए तीर्थयात्रियों की संख्या तय की

एनजीटी ने कहा कि श्रद्धालुओं की संख्या 50 हजार से ज्यादा होने पर उन्हें अर्धकुवारी या कटरा में ही रोक दिया जाएगा। एनजीटी का कहना है कि वैष्णो देवी भवन में एक बार में 50 हजार से ज्यादा तीर्थयात्री नहीं ठहर सकते।

Rajat Sharma Written by: Rajat Sharma @RajatSharmaLive
Published on: November 14, 2017 19:35 IST
Rajat Sharma Blog on Vaishno devi temple- India TV Hindi
Rajat Sharma Blog on Vaishno devi temple

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने माता वैष्णो देवी मंदिर में आनेवाले श्रद्धालुओं की संख्या पर लगाम कसते हुए इसे प्रतिदिन 50 हजार कर दिया है। एनजीटी ने कहा कि श्रद्धालुओं की संख्या 50 हजार से ज्यादा होने पर उन्हें अर्धकुवारी या कटरा में ही रोक दिया जाएगा। एनजीटी का कहना है कि वैष्णो देवी भवन में एक बार में 50 हजार से ज्यादा तीर्थयात्री नहीं ठहर सकते। 

 
एनजीटी ने मंदिर तक पहुंचने के नए रास्ते पर घोड़ों और खच्चरों को ले जाने पर रोक लगा दी है। धीरे-धीरे घोड़ों और खच्चरों को पुराने रूट से भी हटा लिया जाएगा। माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए हर साल लाखों श्रद्धालु यात्रा करते हैं। पीक सीजन में यह संख्या 40 से 50 हजार प्रतिदिन पहुंच जाती है जबकि लीन सीजन में यह संख्या करीब 6 हजार प्रतिदिन होती है। करोड़ों हिंदुओं की आस्था इस मंदिर के प्रति है। जब जगमोहन जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल थे तब इस मंदिर तक जानेवाले रास्ते के आधुनिकीकरण का काफी काम हुआ था। घोड़े और खच्चर बूढ़े और उन तीर्थयात्रियों के लिए हैं जिनको पैदल चलने में परेशानी होती है। एनजीटी को अपने आदेश पर पुनर्विचार करना चाहिए। भक्तों के जाने से जम्मू-कश्मीर के लोगों को रोजगार मिलता है। सैकड़ों पोर्टर्स और खच्चरों के मालिक अपना जीवन यापन इस यात्रा से प्राप्त होनेवाली आय से करते हैं। ऐसा लगता है कि इन लोगों की आजीविका के खतरे के बारे में किसी ने नहीं सोचा। इसके अलावा पर्यटकों और तीर्थयात्रियों का आगमन बढ़ने से कश्मीर में रहनेवाले हजारों लोगों को रोजगार मिलता है।
 
वैष्णो देवी ट्रस्ट सिर्फ एक मंदिर नहीं चलाता, बल्कि यह बहुत सारी संस्थाएं भी चलाता है। वैष्णो देवी में हर दिन औसतन 40 लाख रुपए का चढ़ावा आता है। इसकी सालाना आमदनी करीब 500 करोड़ रुपये है। वैष्णो देवी ट्रस्ट यूनिवर्सिटी, नर्सिंग कॉलेज, गुरुकुल और वैष्णो देवी नारायण हॉस्पिटल भी चलाता है। इसलिए अगर वैष्णो देवी में भक्तों की संख्या पर रोक लगाई जाती है तब इसका असर इन सब पर पड़ेगा। शायद एनजीटी को यह नहीं बताया गया कि जब भक्तों की संख्या बढ़ जाती है तो वैष्णो देवी ट्रस्ट खुद ही भक्तों को पर्ची देना बंद कर देता है। इसलिए एनजीटी को एकबार फिर से अपने निर्देशों पर पुनर्विचार करना चाहिए। (रजत शर्मा)

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